छह माह अपने ननिहाल में प्रवास के बाद अब मायके पहुंची मां नंदा की डोली

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गोपेश्वर,  बधाण की मां भगवती नंदा देवी की उत्सव डोली छह माह अपने ननिहाल सिद्धपीठ देवराड़ा प्रवास के बाद 27 दिसम्बर को यहां से सिद्धपीठ नंदाधाम अपने मायके कुरूड़ (घाट) के लिए प्रस्थान करेगी।
देवराडा स्थित नंदा राजराजेश्वरी मंदिर में आयोजित कुरूड़ के पंडितों व बधाण के चौदह सयानो की मौजूदगी में पंडित पारेश्वर प्रसाद देवराडी ने पंचाग के अनुसार नंदा देवी के उत्सव डोले को देवराडा मंदिर के गर्भगृह से निकालने के लिए शुक्लपक्ष 27 दिसम्बर की तिथि को उचित बताया है।
इसके बाद तय किया गया कि गर्भगृह से डोली को  विधि विधान के साथ बहार निकाल कर उसी दिन कुरूड़ मंदिर के लिए रवाना कर दिया जायेगा। इसी दिन डोली सुनाऊ मल्ला होते हुए रात्रि विश्राम के लिए माल बज्वाड पहुचेगी। जहां से विभिन्न पड़ावों से होते हुए 14 जनवरी उत्तरायणी के पर्व पर उत्सव डोली को नंदा धाम कुरूड़ मंदिर के गर्भगृह में विराज मान किया जाएगा। जहां मां भगवती नंदा छह माह के लिए विराजमान रहेंगी।
बैठक में मंदिर समिति देवराडा के अध्यक्ष भुवन चंद्र हटवाल, कुरूड़ के अध्यक्ष मंशा राम गौड़, राजेश गौड़, बागेश्वर गौड़, रमेश गौड़ आदि मौजूद थे।