उत्तराखंड सीमा पर सैन्य हलचल बढ़ी, सीमा पर गरजे लड़ाकू विमान

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    लड़ाकू विमान
    – चिन्यालीसौड हवाई पट्टी के चारों ओर जंगी विमानों ने गश्त की
    लद्दाख में सामरिक तनाव के बीच उत्तरकाशी जिले से लगी भारत-चीन सीमा पर सैन्य हलचल बढ़ गई है। शुक्रवार को भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने यहां गश्त की। सीमा सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील चिन्यालीसौड हवाई पट्टी के चारों ओर जंगी विमान मंडराये। हालांकि किसी विमान ने टेकऑफ नहीं किया। सैन्य सूत्रों का कहना है कि सेना के आला अधिकारी शनिवार को बेहद संवेदनशील चिन्यालीसौड हवाई पट्टी के दौरे पर पहुंच रहे हैं।
    चीन से उत्तराखंड की 345 किलोमीटर सीमा हमेशा से संवदेनशील रही है। इसमें से 122 किलोमीटर उत्तरकाशी जिले में है। सामरिक दृष्टि से संवेदनशील यह सीमाई क्षेत्र जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से करीब 129 किलोमीटर दूर है। विषम भूगोल वाली नेलांग घाटी में सेना और आइटीबीपी के जवान सतर्क हैं। उत्तरकाशी से चीन अधिकृत तिब्बत की करीब 122 किलोमीटर लंबी सीमा जुड़ती है। चमोली से 88 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा जुड़ी हुई है। चमोली में विगत वर्षों में कई बार भारत-चीन सीमा पर घुसपैठ की खबरें आई हैं। मगर अभी तक उत्तरकाशी से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर किसी प्रकार की घुसपैठ नहीं हुई है। इसका मुख्य कारण सीमा से जुड़ी घाटियों की कठिन विषमताओं को भी माना जाता है। बीते महीने अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़ी घाटियों में जिस सेटेलाइट फोन का सिग्नल ट्रेस किया गया था, वह भारत में प्रतिबंधित है।
    पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर 29-30 अगस्त की दरम्यानी रात और 31 अगस्त की रात चीनी सेना की ओर से घुसपैठ की कोशिश के कारण भारत और चीन के बीच तनातनी जारी है। ब्रिगेडियर स्तर की वार्ता में इसका कोई हल नहीं निकल पाया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रूस के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरे में भारत और रूस ने अत्याधुनिक एके-203 राइफल भारत में बनाने के लिए एक बड़े समझौते को अंतिम रूप दिया है। एके-203 राइफल, एके-47 राइफल का नवीनतम और सर्वाधिक उन्नत प्रारूप है।