चिपको की तरह मैती आंदोलन भी कई देशों में पहुंचा

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उत्तराखंड कई मायनों में विलक्ष राज्यों में है। यहां चिपको आंदोलन सबसे महत्वपूर्ण आंदोलन रहा है और अब मैती आंदोलन की गूंज पूरे देश में है। यह बातें मैती आंदोलन के संचालक डॉ. कल्याण सिंह रावत पत्रकार वार्ता में कही।

उन्होंने कहा कि यह आंदोलन उत्तराखंड से प्रारंभ होकर छह से अधिक देशों में सफलतापूर्वक चल रहा है। इसके तहत शादी-विवाह के अवसर पर दूल्हा-दुल्हन अपनी स्मृति अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए एक पौधा रोपते हैं, जिसको बचाने की जिम्मेदारी भी उनके परिवार की होती है। रावत का कहना है कि उत्तराखंड में मैती सदन की ओर से ग्राम गंगा अभियान चलाया जा रहा है जिसमें हर प्रवासी भारतीय अपने गांव के लिए प्रतिदिन एक रुपये बचाता है।

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रवासी इस राशि को अपने पैतृक गांव भेजेंगे जिससे वहां वृक्षारोपण किया जाएगा। वृक्षारोपण के साथ ही साथ शेष राशि को शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी व्यवस्था पर व्यय किया जाएगा जिससे प्रवासी और ग्रामीणों के बीच की दूरी कम होगी। यह योजना प्रदेश तथा अन्य लोगों के लिए अनुकरणीय योजना बन सकती है।