एक साल बाद 21 सितंबर को अपनी मां से मिलेंगे भगवान बद्रीविशाल

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बदरीनाथ

देहरादून, मां एक ऐसा रुप है, जिसमें पूरी सृष्टि बनी और जब बात हो सृष्टि के रचयिता और भक्तों के दुख हरने वाले भगवान विष्णु के स्वरूप श्री बद्रीनाथ भगवान की तो उत्सुकता तो बनती ही है। जी हां, हम बात कर रहे हैं भगवान बद्रीविशाल और उनकी माता के मिलन की जो साल में एक बार होता है, जिसके साक्षी बनने के लिए हजारों की संख्या में उनके भक्त और देव-गण बद्रीनाथ धाम पहुंचते हैं।

मां-बेटे का यह मिलन इस बार सितंबर माह में होने जा रहा है, जिसकी तैयारियों पर बद्रीनाथ धाम में सभी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद किया जा रहा है। मान्यता के अनुसार वामन द्वादशी पर भगवान नारायण अपनी माता “मूर्ति” को मिलने वर्ष मे एक बार माता मूर्ति मंदिर पहुंचते हैं। बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी हरीश गोड ने बताया कि, “श्री बदरीनाथ धाम में इस बार माता मूर्ति उत्सव 21 सितंबर को आयोजित होगा। इससे पूर्व 20 सितंबर को माणा गांव से घंटाकर्ण जी महाराज समारोह पूर्वक भगवान श्री बदरीनाथ जी को माता मूर्ति आने हेतु निमंत्रण देने श्री बदरीनाथ भगवान के मंदिर पहुंचेंगे, 21 सितंबर प्रात:9.30 बजे भगवान बदरीनाथ जी के प्रतिनिधि के रूप में उद्धव जी की डोली माता मूर्ति मंदिर को प्रस्थान करेगी। शायंकाल 3.30 बजे अभिषेक, पूजा अर्चना, भोग के पश्चात वापसी होगी।तत्पश्चात श्री बदरीनाथ मंदिर श्रद्धालुओं को दर्शनार्थ खुलेगा।

उत्सव में मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बी.डी.सिंह, उप मुख्य कार्याधिकारी सुनील तिवारी,रावल ईश्वरा प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, नायब रावल शंकरन नंबूदरी, माता मूर्ति मंदिर के पुजारी हनुमान प्रसाद डिमरी एवं मंदिर समिति के अधिकारी-कर्मचारी,तीर्थ पुरोहित, व्यापारीगण एवं माणा -बामणी गांव के श्रद्धालु मौजूद रहेंगे। बड़ी संख्या में तीर्थयात्री भी पहुंचेगे।

विगत वर्षों की भांति गढवाल स्काउट एवं भारत तिब्बत सीमा पुलिस(आईटीबीपी) भंडारा आयोजित करेगी तथा कीर्तन-भजनों का आयोजन होगा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार 17 सितंबर से श्री बदरीनाथ धाम के निकट बामणी गांव में तीन दिवसीय नंदाष्टमी उत्सव भी शुरु हो जायेगा।ा