झील के संरक्षण को आंदोलन की चेतावनी

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भीमताल- नौकुचियाताल में मत्स्य निदेशालय के द्वारा मत्स्य शिकारमाही ठेके की निविदा प्रकाशित किये जाने से क्षेत्र में असंतोष की लहर है। लोगों ने मामले को निरस्त करने के लिये मुद्दे को हर मंच में उठाने का निर्णय लिया है। क्षेत्र से ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख अनिल चनौतिया ने कहा कि मछली पकड़ने की होड़ को लेकर पहाड़ की शांत वादियां प्रभावित होंगी। उन्होंने कहा कि निविदा को जारी करने से पूर्व विभाग ने न तो स्थानीय कारोबारियों से और न ही निवासियों से राय ली। झील के किनारे स्थित मंदिर का महत्व हरिद्वार के समान है। जिसके किनारे हर वर्ष सैकड़ों की संख्या में यज्ञोपवीत संस्कार भी किये जाते हैं। वही कमल ताल के कमलों की तुलना मानसरोवर में खिले कमलों से होती है, ऐसे में बड़े पैमाने पर मछली मारने का विरोध किया जायेगा। मामले को लेकर स्थानीय कारोबारियों ने बैठक कर अपना विरोध जताया।

विभाग के मुताबिक राज्य स्तर पर गठित पंजीकृत मत्स्य जीवी सहकारी समिति,महिला मंगलदल, नव युवक मंगल दल एवं ऐसे मत्स्य पालक जो विगत दस वर्षो से मत्स्य पालन का कार्य कर रहे हो से निविदा मांगी गई है। निविदा के तहत झील में संबधित ठेकेदार मछली के बीज तो डालेगा ही साथ ही साथ झील से मछली पकड़ने का अधिकार भी उसका ही होगा। निदेशालय के द्वारा इस निविदा को जारी की गयी है। योजना के तहत निदेशक पदेन अध्यक्ष, उप निदेशक योजन पदेन सचिव, मुख्य विकास अधिकारी नैनीताल या उनका कोई प्रतिनिधि और सचिव झील विकास प्राधिकरण को भी जिम्मेदारी निदेशालय के द्वारा दी गई है।
जबकि लोगों का कहना है कि धार्मिक महत्व की झील में इस प्रकार का आखेट का हर स्तर पर विरोध किया जायेगा। क्षेत्र का कोई भी वर्ग इस कार्य के लिये तैयार नहीं है। पर्यटन के साथ साथ झील का परिस्थितिकी तंत्र बिगड़ जायेगा। दो साल पूर्व ऐरियेशन प्रारंभ किया गया था तब भी हजारों की संख्या में मछलियां मरी थी।