कोर्ट को गुमराह करने वाला शराब तस्कर आठ साल बाद हुआ गिरफ्तार

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हरिद्वार। एक शराब तस्कर ने अवैध शराब के साथ गिरफ्तार होने पर पुलिस पूछताछ में अपने बाप के नाम की जगह चाचा का नाम लिखा दिया। जमानत लेने के दौरान भी चाचा का नाम ही इस्तेमाल किया। जमानत मिलने के बाद आरोपी गायब हो गया। आठ साल पूर्व कोर्ट ने आरोपी को भगोड़ा घोषित कर दिया। लेकिन ज्वालापुर पुलिस ने आरोपी का पीछा नहीं छोड़ा। आखिरकार पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया है। प्रकरण ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र का है।
साल 2003 में सहदेवपुर पुलिया से तत्कालीन उप निरीक्षक आरके सिरोही ने दो अभियुक्त साहब सिंह पुत्र बलकार सिंह निवासी सहदेवपुर पथरी और मुख्तार सिंह पुत्र हजारा सिंह निवासी शेरपुर पुरकाजी को 10-10 लीटर कच्ची शराब के साथ गिरफ्तार किया था। इस मामले में दोनों आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल गई। आरोपी साहब सिंह ने तो अपने केस का निस्तारण करा लिया। लेकिन आरोपी मुख्तार सिंह लापता हो गया। कोर्ट ने आरोपी मुख्तार सिंह को भगोड़ा घोषित कर दिया। ज्वालापुर कोतवाली के उप निरीक्षक विकास रावत भगोड़े आरोपी को पकड़ने के लिये प्रयास में जुटे। विकास रावत ने साहब सिंह का पता लेकर मुख्तार सिंह की जानकारी की। साहब सिंह ने पुलिस को बताया कि मुख्तार सिंह ने अपने पिता की जगह चाचा का नाम लिखाया है। इस बात की जानकारी लगते ही उप निरीक्षक विकास रावत साहब सिंह के वास्तविक पिता के नाम से खोजबीन में लग गये। आखिरकार उप निरीक्षक विकास रावत को सफलता मिली और भगोड़ा मुख्तार सिंह को खानपुर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।