मंत्री मेयर का प्रकरण कौशिक के गले की फांस बना

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 नगर निगम के मेयर मनोज गर्ग का केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के बीच उपजे विवाद से भाजपा के ही केबिनेट मंत्री मदन कौशिक के गले की फांस बनता जा रहा है। मदन कौशिक के खासमखास मनोज गर्ग की पिटाई प्रकरण निपटाने की जिम्मेदारी मदन के ही कंधों पर आ गई है। ऐसी स्थिति में भाजपा नेताओं का विवाद पार्टी की प्रदेश में खूब फजीहत करा रहा है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस इस विवाद पर चुटकी ले रही है तो सोशल मीडिया पर मेयर नौटंकीबाज छाये हुए है। इस विवाद को तूल पकड़ने से नगर विधायक मदन कौशिक की प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। देखना है कि सियासत इस विवाद में और कौन से नये रंग दिखलाती है।

नगर निगम के मेयर मनोज गर्ग की पहचान केबिनेट मंत्री और नगर विधायक मदन कौशिक के खास सिपेहसालार के रूप में की जाती है। मदन कौशिक ने ही अपनी पूरी ताकत से मनोज गर्ग को मेयर का चुनाव जीता कर नगर निगम के मेयर की कुर्सी तक पहुंचाया, ये बात जगजाहिर है।
गुरुवार को बरसाती पानी की निकासी के दौरान भाजपा के ही केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के आश्रम की दीवार को ध्वस्त कराने का मौखिक आदेश बुलडोजर चालक को दे दिया। जिसके लिए प्रशासन और पुलिस को सूचना देना तक मुनासिब नहीं समझा। आश्रम की दीवार गिराने के बाद आश्रम संचालकों और मेयर समर्थकों के बीच में लाठी डंडे चले और पथराव हुआ।
पूरे प्रकरण में मदन कौशिक को उगलते और निगलते नहीं बन रहा है। दोनों ही स्थिति में मदन कौशिक पूरी तरह से फंस गये है। मदन कौशिक बीच का रास्ता निकालने का प्रयास कर रहे हैं। बीच के रास्ते की पहली पहल उन्होंने गुरुवार की रात्रि आश्रम पहुंचकर की है। पूरे घटनाक्रम पर विपक्ष पूरी तरह से शांत है।