जोशीमठ-मलारी हाइवे खतरनाक, सड़क पर दरार

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नीती घाटी में हो रही बारिश से जोशीमठ-मलारी हाइवे एक बार फिर खतरे की जद में आ गया है। यहां रैंणी गांव के निचले हिस्से में बीआरओ की ओर से तैयार की गई सड़क पर दरारें आ गई हैं। ऐसे में सीमा क्षेत्र को जोड़ने वाला जोशीमठ-मलारी हाइवे पर कभी भी वाहनों की आवाजाही बाधित हो सकती है।

इससे पहले 14 जून को रैंणी गांव के निचले हिस्से में ऋषिगंगा के कटाव से शुरू हुए भूस्खलन से जोशीमठ-मलारी हाइवे का 40 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। बीआरओ ने कुछ आवासीय और सरकारी भवनों को ध्वस्त कर यहां जोशीमठ मलारी हाइवे को सुचारु किया था। बीते एक सप्ताह से घाटी में हो रही बारिश से इस सड़क पर दरारें पड़ने लगी हैं।

ग्राम प्रधान रैंणी भवान सिंह का कहना है कि दरारें काफी बड़ी हैं। दरारों में बरसात का पानी भर रहा है। ऋषिगंगा नदी के कटाव से सड़क का आधार खोखला होने से कभी भी हादसा हो सकता है। सड़क के बाधित होने से सीमा क्षेत्र का बाहरी दुनिया से सम्पर्क टूट जाएगा। घाटी के 13 गांवों की आवाजाही बंद हो जाएगी।

बीआरओ के कमांडर कर्नल मनीष कपिल का कहना है कि जोशीमठ-मलारी हाइवे पर रैंणी में नदी से हो रहे कटाव की सुरक्षा के इंतजाम किये गये हैं। सड़क के निचले हिस्से में हो रहे कटाव और अन्य आशंका को देखते हुए लगातार नजर रखी जा रही है। सड़क को अभी किसी प्रकार का खतरा नहीं है।