प्राथमिक विद्यालय सिरोलीकला में मिड-डे मील में गड़बड़ी

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प्राथमिक विद्यालय सिरोलीकला, किच्छ में मिड-डे मील में गड़बड़ी पाए जाने के बाद जिलाधिकारी के आदेश पर प्रधानाध्यापक खलीक अहमद का तबादला प्रशासनिक आधार पर राजकीय प्राथमिक विद्यालय हसनपुर सितारगंज कर दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक डीसी सती ने इस आशय का आदेश जारी कर दिया है। वहीं, प्रधानाध्यापक जार्ज दिए बिना ही चिकित्सा अवकाश पर चले गए हैं।

ग्राम सिरोलीकला के ग्रामीणों ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक पर मिड-डे मील में हेराफेरी के साथ ही विद्यालय में तमाम वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगा कुमाऊं आयुक्त से शिकायत की थी। इस पर उप शिक्षा अधिकारी डा. गुंजन अमरोही ने मामले की जांच की तो शिकायत सही पाई गई। इसके बाद अपर निदेशक डा. नीता तिवारी ने जांच की तो आरोपों की पुष्टि हो गई।

जांच रिपोर्ट के आधार पर 29 अप्रैल को जिलाधिकारी के आदेश पर प्रधानाध्यापक के तबादले के आदेश दे दिए। आदेश के मिलते ही प्रधानाध्यापक विद्यालय का चार्ज किसी वरिष्ठ शिक्षक को देने के बजाय लंबे चिकित्सकीय अवकाश पर चले गए हैं। इससे विद्यालय की व्यवस्था संभालने के साथ ही विद्यार्थियों के मिड-डे मील की व्यवस्था को लेकर समस्या उत्पन्न हो गई है।

प्रधानाध्यापक द्वारा किसी अन्य शिक्षक को न देने का खामियाजा गुरुवार को यहां अध्यनरत 810 बच्चों को खाली पेट रह भुगतना पड़ा, विद्यालय के शिक्षकों के पास मिड-डे मील की सामग्री खरीदने को बजट न होने पर यहां मिड -डे मील नहीं पक सका है। शिक्षकों ने विद्यालय के हालत की रिपोर्ट विभाग के जिम्मेवार अधिकारियों को एक दिन पहले ही भेज दी थी, बावजूद अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। तबादले के बाद प्रधानाध्यापक जाते समय मिड-डे मील के लिए कुछ रुपये विद्यालय की वरिष्ठ शिक्षिका नाजिस हसन को थमा गए, जो बुधवार को ही खत्म हो गए। गुरुवार को विद्यालय के स्टॉक में मिड-डे मील के नाम पर दाल व चावल ही थे। मसाले व सब्जी आदि खरीदने के शिक्षकों के पास रुपये नहीं थे। इसके चलते गुरुवार को मिड-डे मील नहीं पकाया गया।

विद्यालय की शिक्षिका नाजिस हसन ने बताया कि खलीक अहमद ने उन्हें मिड-डे मील के लिए जो बजट दिया था वह बुधवार को ही समाप्त हो चुका था, गुरुवार को मिड़ -डे मील नहीं पक सकेगा इसकी सूचना उप शिक्षा अधिकारी गुंजन अमरोही व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डी सी सती को लिखित रूप से बुधवार को ही दे दी गयी थी। उनका साफ कहना है कि जब तक बजट नहीं मिलता विद्यालय में तब तक सिर्फ चावल पका कर विद्यार्थियों को खिला पाना उचित नहीं है।

डीसी सती, जिला शिक्षा अधिकारी, बेसिक, ने बताया कि विद्यालय के शिक्षकों ने बजट न होने की सूचना दी थी, पर गुरुवार को मिड-डे मील नहीं पका इसकी अभी तक कोई लिखित सूचना उन्हें नहीं मिली है। मिड-डे मील का बजट न होने पर जिम्मेदार शिक्षक बिल के आधार पर सामग्री बाजार से क्रय कर व्यवस्था कर सकते थे। मिड-डे मील क्यों नहीं पका इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।