इंश्योरेंस के पैसों के लिए पत्नी की हत्या

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 कर्ज में डूबे युवक ने पत्नी के बीमे की रकम हड़पने के लिए अपने साथी के साथ मिलकर जीवनसंगिनी को ही मौत के घाट उतार दिया। शातिर दिमाग युवक ने घटना को हादसे का रूप देने के लिए शव को जीने के नीचे डाल दिया। शुरुआती पूछताछ में ही पुलिस ने घटना का खुलासा कर दोनों को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर खून से सना अंगोछा और लोहे का सब्बल बरामद कर लिया। मृतका के पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जिला रामपुर (यूपी) के गांव जुलूस नगर, के सुरेश यादव ने दो साल पहले यहां मुंडिया पिस्तौर देहात में मकान बनाया था। वह यहां परिवार सहित रहता है और पास ही स्थित एक्सरे टेक्नीशियन के यहां नौकरी करता है। बुधवार को वह ड्यूटी पर और बच्चे स्कूल गए थे, घर में उसकी पत्नी गीता यादव (32) अकेली थी। दोपहर 12 बजे बाद जब बच्चे स्कूल से लौटे तो मकान का दरवाजा अंदर से बंद था।
काफी देर खटखटाने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला तो उन्होंने पड़ोसियों को बताया। किसी ने पड़ोस के मकान के पीछे से कूदकर अंदर जाकर देखा तो गीता का खून से लथपथ शव बाथरूम के पास जीने के नीचे फर्श पर पड़ा था। लोगों ने उसके पति को बुलाया और पुलिस भी पहुंच गई। मौका देखकर यही माना जा रहा था कि सीढ़ियों से गिरकर ही गीता की मौत हुई है। एसओजी, पुलिस और फोरेंसिक टीम इंचार्ज डा. दयाल शरण शर्मा ने मौके की पड़ताल की तो मामला कुछ और लगा। डा. शर्मा ने बताया कि सिर पर भारी वस्तु मारकर महिला की हत्या की गई  है। पति से पूछताछ में बयान संदिग्ध लगने लगे तो पुलिस उसे कोतवाली ले आई। इस बीच एसएसपी डा. सदानंद दाते, एएसपी डा. जगदीश चंद यहां पहुंच गए। शुरुआती पूछताछ में ही सुरेश टूट गया और उसने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया।
एएसपी डा. जगदीश चंद ने बताया कि बुधवार साढे़ 11 बजे सुरेश यादव चकरपुर निवासी दोस्त अजीत के साथ दुकान से घर गया।  इस दौरान पत्नी गीता यादव से पैसों को लेकर उसका विवाद हो गया। योजना के तहत सुरेश के साथी अजीत ने दुपट्टे से गीता का गला दबाने की कोशिश की। इस पर गीता और सुरेश के बीच हाथापाई भी हुई। कब्जे मेें नहीं आने पर सुरेश ने गीता के सिर पर लोहे के सब्बल से वार कर दिया। गीता वहीं ढेर हो गई। उसके बाद सुरेश और अजीत ने गीता पर कई वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया। लोग इसे हादसा मानें, इसके लिए शव को जीने के नीचे डाल दिया। उसके बाद सुरेश और अजीत पीछे दीवार कूदकर चले गए। सुरेश फिर दुकान पर पहुंच गया।
पुलिस ने मकान के पीछे दूसरे मकान स्वामी के सीसी कैमरे के फुटेज खंगाले तो उसमें घर से दो व्यक्ति जाते हुए देखे गए हैं। सीसीटीवी फुटेज से ही पता चला कि सुरेश सुबह को जो शर्ट और पैंट पहने था, दोपहर में उससे अलग ही पहने हुए था। सुरेश ने दुकान में अपने दोस्त अजीत के साथ टांडा रामपुर जाने की बात कही थी, यह बात भी गलत साबित हो गई, क्योंकि वह दोस्त के साथ घर आया था। कड़ी पूछताछ में सुरेश और अजीत ने घटना को कबूल कर लिया।
पुलिस का कहना है कि अपने भाई के इलाज में सुरेश करीब 12 लाख रुपये का कर्जदार हो गया था। सुरेश की पत्नी की करीब 50 लाख रुपये की बीमा पॉलिसी है। पॉलिसी हड़पने और कर्ज उतारने के लिए उसने यह कदम उठाया। देर रात 11 बजे पुलिस ने मृतका के पिता महेश यादव की तहरीर पर सुरेश और अजीत के खिलाफ धारा 302 और 201 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।