सरकारी आवास किराये पर हाईकोर्ट का नोटिस

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हाईकोर्ट
नैनीताल- हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने सरकारी आवास का बकाया किराया जमा नहीं करने पर नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
सरकारी आवास के किराये के बकाये पर याचिकाकर्ता अवधेश कौशल के अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता ने बताया कि, “किराये की गणना गलत तरीके से हुई है और वर्ष 2004 के एक सरकारी आदेश के आधार पर और 1997 के नियमों के आधार पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पहले से ही असंवैधानिक घोषित कर दी गई है।” न्यायालय ने सवाल उठाया कि राज्य सरकार द्वारा किराए की गणना 2004 के सरकारी आदेश पर किराए की गणना कैसे कर सकती है। जबकि याचिकाकर्ता ने पुर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और रमेश पोखरील निशंक द्वारा दिए गए किराए पर भी जोर दिया है और बताया कि उनका भुगतान माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार नहीं है, जिसने “उपयुक्त किराया” वसूलने के लिए कहा था।
उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को “बाजार किराया” की गणना करने का निर्देश दिया, जिसे आजतक नहीं किया गया। अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह सार्वजनिक धन है।