कुष्ठ रोगियों को बेघर करने के मामले में हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

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नैनीताल। हरिद्वार जिला प्रशासन द्वारा कुष्ठ रोगियों के घर तोड़ने का मामला नैनीताल हाईकोर्ट में पहुंच गया है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस केएम जोसफ और जस्टिस वीके बिष्ट की खंडपीठ ने हरिद्वार के डीएम और प्रदेश के कुष्ठ रोग अधिकारी को नोटिस जारी कर पूछा कि आखिर आपने इन असहाय लोगों के पुनर्वास के लिए क्या किया है। दोनों को 28 दिसंबर को जवाब कोर्ट में पेश करना होगा। मामले के अनुसार 23 सितंबर को राष्ट्रपति के दौरे से पहले हरिद्वार जिला प्रशासन ने चंडी घाट के पास बने कुष्ठ रोगियों के घरों पर बुल्डोजर चला दिया था। जिसमें 12 टिन शेड, छह पक्के मकान और शौचालय कांप्लेक्स शामिल है। हालांकि जिला प्रशासन ने इन्हें तोड़ते समय दोबारा से निर्माण कराने की बात कही थी, लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी कुष्ठ रोगियों के उजड़े आशियाने नहीं बनाए गए। जिसके खिलाफ हरिद्वार निवासी केशो चौधरी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।