गंगा में अवैध खनन और गंगा तट पर स्टोन क्रेशर के मामले में उच्च न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए अगले 24 घंटे के अंदर सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी, औद्योगिक सचिव और जिलाधिकारी हरिद्वार से जवाब मांगा है कि गंगा से स्टोन क्रेशर को पांच किलोमिटर दूर करने को लेकर दिए आदेश पर क्या कार्रवाई की गई।
कोर्ट ने गत तीन मई, 2017 को स्टोन क्रेशरों को गंगा तट से हटाने के आदेश दिए थे। इससे पूर्व में प्रदूषण नियंत्रक कंट्रोल बोर्ड भी सभी स्टोन क्रेशरों को गंगा से पांच किलोमीटर दूर करने के निर्देश 16 दिसंबर 2016 को ही जारी कर चुका था। इसके पालन नहीं होने पर मातृ सदन ने कोर्ट की अवमानना को लेकर वाद दायर किया था।
16 मई को चीफ सेक्रेटरी, औद्योगिक सचिव और जिलाधिकारी हरिद्वार को नोटिस जारी किया था। गुरुवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी, औद्योगिक सचिव और जिलाधिकारी हरिद्वार से प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और उच्च न्यायालय के आदेश लागू न होने का जवाब अगले 24 घंटे में मांगा है। कोर्ट ने अगले 24 घण्टे के अंदर केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड द्वारा पारित आदेश का पालन किया गया है या नहीं, स्टोन क्रेशर बन्द किए या नहीं, इसकी रिपोर्ट 24 घण्टे के अंदर यानी 25 अगस्त को कोर्ट में पेश करने को कहा है। न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया की एकलपीठ में हुई मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी।