हरिद्वार, एक ओर जहां कर्ज के बोझ तले दबे किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं, दूसरी ओर वहीं कुदरत की बेरुखी किसानों के लिए आफत बन गई है। दो दिन से रुक रुक कर हुई बारिश, ओलावृष्टि व तेज हवाओं से गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। इससे किसान मायूस हैं। किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। प्रदेश में इस बारिश ने किसानों की टेंशन बढ़ा दी है।
हरिद्वार में बीती देर रात हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। इससे किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। एक पखवाड़े पूर्व हुई ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को खासा नुकसान पहुंचा था। रही सही कसर गुरुवार रात्रि व शुक्रवार को दिन भर हुई बारिश और ओलावृष्टि ने पूरी कर दी। किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। किसानों की मानें तो बारिश और ओलावृष्टि से उनकी फसल बर्बाद हो गयी है। इसलिए सरकार को किसानों को बर्बाद हो चुकी फसल का उचित मुआवजा देना चाहिए।
लक्सर के सुभाष, जोतराम आदि किसानों का कहना है कि बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं के चलते गेहूं की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। ऐसे में किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। लक्सर उप जिलाधिकारी पूरन सिंह राणा ने बताया कि ओलावृष्टि व आंधी तूफान से प्रभावित फसलों का सर्वे किया जा रहा है, जिसके बाद किसानों को उचित मुआवजा दिया जाएगा।
 
                



















































