आपको हर रोज देखने को नहीं मिलता की एक 21 साल की उम्र का लड़का,जो इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष का छात्र है और अपनी किताबों से दूर अापको घूमता मिले। लेकिन यह युवा लड़का केवल घूमने नहीं बल्कि एक मिशन पर है। जी हां 40 दिनों के दौरान देश की यात्रा के लिए उसने 20,000/रुपये का बजट रखा है।
उड़ीसा के कमल सुबुधी ने ‘ड्रॉप बीट्स, नाॅट बाम्बस,’ अभियान के तहत अपने जीवन का मिशन बनाया है। उनका निरंतर साथी, उनका फोन और बैकपैक है अौर जब भी वह अपने गंतव्य पर पहुंचते है तब अपने एफबी पेज पर दिन का बजट अौर फोटोंस के अपडेट करते है।

कमल जब मसूरी पहुँचे तब उन्होंने न्यूज़पोस्ट टीम से बातचीत में बताया कि उन्हें अपने मिशन मे सभी तरह की सवारियां करीं है; बस, ट्रेन, हिच-हायकिंग, ट्रेकिंग करके कमल ने वारनगल से नागपुर, बनारस, लखनऊ, इलाहाबाद, हल्द्वानी, नैनीताल, देहरादून, मसूरी और हिमाचल प्रदेश के कसोल तक का सफर किया हैं। उन्होंने बताया कि, ‘मैं हर जगह घूमा हूं और मुझे हर जगह एक अलग भाव देखने को मिलता है। मैं बहुत सारे लोगों के मिला हूँ और बहुत कुछ सीखा हैं।
वह मानते हैं कि भारत में विकलांग सैनिकों के सराहना कम की जाती है अौर इस यात्रा के जरिए वह लोगों में विकलांग सैनिकों के लिए जागरूकता व धन जुटाने के लिया निकले है। वह 7 जून को वारंगल से निकले थे और दिल्ली में 16 जुलाई को अपनी यात्रा समाप्त करेंगे। कमल चाहते है कि यात्रा समाप्त होने पर पहले विकलांग सैनिक को इस यात्रा से इकट्ठा किये गये पैसे किसी के जीवन को शायद ही बदले, लेकिन कमल के अपने लक्ष्य की अोर एक सरहानीय कदम होगा।


















































