यह खबर नैनीताल के पास हल्द्वानी जिले के गौलापुर इलाके की है जहां एक हफ्ता पूर्व एक अंतर्राज्यीय बस अड्डे की इमारत के लिए खुदाई का काम चल रहा था। इस दौरान वहां काम करने वाले लोगों को करीब 40 मानव कंकाल और 300 पत्थर की कब्र जैसे ढांचे मिले। मंगलवार को इसकी सूचना के सार्वजनिक किए जाने के बाद कयासों का दौर शुरू हो गया है। स्थानीय लोगों, अधिकारियों और इतिहासकारों के दरम्यान इसको लेकर कौतूहल बना हुआ है। कुछ स्थानीय इतिहासकारों का कहना है कि ये 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से सम्बंधित हो सकता है जिसमें बरेली के मुस्लिम रोहिल्ला सरदारों ने अंग्रेजों से युद्ध करते हुए अपनी जान गंवा दी थी। तो वहीं कुछ लोगों का कहना है कि ये प्लेग, मलेरिया या फिर किसी दूसरी महामारी से मरे लोगों के कंकाल हो सकते हैं।
गौलापार में निर्माणाधीन अन्तर्राज्जीय बस टर्मिनल निर्माण स्थल पर मिले कंकाल मामले को परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने गम्भीरता से लिया है। आर्य ने गौलापार पहुचकर आईएसबीटी स्थल का निरीक्षण किया। उन्होने कार्यदायी संस्था नार्गाजुन को तत्काल प्रभाव से कार्य बन्द करने के आदेश दिये। उन्होने कहा कि इस प्रकार कंकालों का मिलना एक गम्भीर मसला है, तथा जांच का विषय भी है। उन्होने कहा कि इस प्रकरण की पूरी छानबीन करायी जायेगी तथा कंकालो एव हडडियों का डीएनए टैस्ट कराकर तथ्यों की जानकारी जुटाई जायेगी। यह कार्य पुरात्तव, सर्वेक्षण एवं पुलिस व जिला प्रशासन के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर कराया जायेगा।
आर्य ने बताया कि यह महत्वपूर्ण जनसरोकार से जुडा मेगा प्रोजेक्ट है ऐसे में इसके निर्माण को बाधित नही किया जायेगा। आधुनिकतम आईएसबीटी क्षेत्र के अलावा कुमायू की आवश्यकता है, साथ ही हल्द्वानी महानगर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधार के साथ ही वाहनो के दबाव को कम करने के लिए आईएसबीटी आवश्यक है।





















































