तंदूर कांडः हाईकोर्ट ने सुशील शर्मा को तुरंत रिहा करने का दिया आदेश

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नई दिल्ली,  दिल्ली हाईकोर्ट ने तंदूर कांड के दोषी सुशील शर्मा को तुरंत जेल से रिहा करने का आदेश दिया है। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल ने कहा कि, “ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है, जिससे यह पता चले कि सुशील शर्मा में कोई सुधार की गुंजाइश नहीं है।” हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का भी जिक्र किया जिसमें सुशील शर्मा की मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील किया गया था।

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि सुशील शर्मा की 23 साल की सजा पूरी होने के बावजूद रिहा क्यों नहीं कर रही है। सुशील शर्मा को अपनी पत्नी नैना साहनी की हत्या के आरोप में 1995 में दोषी ठहराया गया था।

सुशील शर्मा ने याचिका दायर कर कहा था कि, “अब उसे जेल में रखना गैरकानूनी है।” याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के गृह विभाग और विधि और न्याय विभाग के सचिव को तलब किया था।

सुशील शर्मा ने अपनी याचिका में रिहाई की मांग करते हुए कहा था कि वो, “सेंटेंस रिव्यू बोर्ड के नियमों के मुताबिक अधिकतम सजा काट चुका है। किसी व्यक्ति का जीवन और स्वतंंत्रता सबसे ऊपर है। किसी व्यक्ति को अनिश्चितकाल तक जेल में कैसे रखा जा सकता है।”

उल्लेखनीय है कि सुशील शर्मा अपनी पत्नी नैना साहनी की हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं। नैना साहनी की अपने पुरुष मित्र के साथ संबंध की वजह से सुशील शर्मा ने हत्या कर दी। हत्या करने के बाद सुशील शर्मा ने नैना साहनी के शव को कई टुकड़ों में काट दिया और उसे एक रेस्टोरेंट के तंदूर में जलाने की कोशिश की।