उत्तरप्रदेश से लेकर उत्तराखंड में आठ बार के विधायक रहे हरबंश कपूर सोमवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। राजधानी स्थित लक्खीबाग में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। बड़े पुत्र आदित्य रावत ने उन्हें मुखाग्नि दी। हरबंस कपूर के शोक में सोमवार को देहरादून जिले के सभी सरकारी कार्यालय बंद रहे।
सोमवार को हरबंस कपूर (75) का निधन हो गया। उनके निधन की सूचना मिलने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत कई बड़े नेता उनके आवास श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इंदिरा नगर स्थित आवास उनके अंतिम दर्शनों के लिए समर्थकों की भीड़ उमड़ी थी। हरबंस कपूर उत्तर प्रदेश में चार और उत्तराखंड में चार कुल आठ बार के विधायक रहे। इसके साथ ही यूपी सरकार के समय शहरी विकास मंत्री और उत्तराखंड में विधानसभा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी बखूबी निर्वहन किया। उनका सादगी और काम करने के तरीके से पार्टी के साथ विपक्षी भी कायल थे। यही कारण था कि 1985 के बाद चुनावी रण में उन्हें कोई मात नहीं दे सका।
भाजपा प्रदेश की ओर से राज्यभर के सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए थे। कांग्रेस ने भी दिलाराम चौक से युद्ध स्मारक चीड़बाग तक अपनी पदयात्रा के साथ पत्रकार वार्ता को स्थगित करते हुए पीसीसी अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में हरबंस कपूर के निवास पर जाकर उनके आकस्मिक निधन पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
दिवंगत वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व विधानसभाध्यक्ष हरबंश कपूर के पार्थिव शरीर को दोपहर 2.30 बजे बलबीर रोड स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय कार्यालय लाया गया। इस मौके पर राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, प्रदेश संगठन महामंत्री अजेय कुमार, मंत्री सुबोध उनियाल, धन सिंह रावत, हरक सिंह रावत समेत बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं दिवंगत कपूर के अंतिम दर्शन के लिए वहां पहले से ही बड़ी संख्या में मौजूद रहे। उपस्थित लोग नम आंखों में अपने वरिष्ठतम विधायक के सरल व्यवहार और कुशल नेतृत्व की प्रशंसा करते नज़र आए।





















































