थराली उपचुनावः घाट जोह रहा है विकास की बाट

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कांग्रेस

गोपेश्वर। थराली विधान सभा उप चुनाव के अंतर्गत घाट ब्लॉक भी आता है। इस चुनाव में ही क्या हर चुनाव में नेताओं के और दलों के अपने-अपने एजेंडे होते है और हैं। एक दूसरे पर खूब गरिया रहे है। मगर घाट की जनता के जो एजेंडे है वे सिरे से गायब है। उन पर कोई चर्चा ही नहीं कर रहा है। यहां का युवा वर्ग अब तेजी से सामने आया है जो इस क्षेत्र की समस्याओं के निदान की बात कर रहा है और कह रहा है कि हम कब से विकास की बाट जोह रहे हैं मगर हमारे एजेंडे कहीं नहीं है नेताओं और दलों के अपने एजेंडे है। उनसे जनता क्या लेना देना जनता की एजेंडे की बात करो साहब।
घाट विकास खंड को यूं तो विकास नगर के नाम से भी पुकारा जाता है मगर यहां न तो अच्छी सडके है और न शिक्षा और न रोजगार के साथ जो विकास के असली मार्ग है। कहने को तो यहां कई कद्दावर नेता भी हुए है मगर घाट की स्थिति अभी भी जस की तस है। थराली विधान सभा से जुडा है घाट ब्लॉक। परिसीमन से पहले नंदप्रयाग विधान सभा सीट के अंतर्गत आता था। मगर बाद में इसे थराली विधान सभा क्षेत्र से जोडा गया जो भौगोलिक दृष्टि से अव्यवहारिक भी है। अपनी विधान सभा के केंद्र थराली जाने के लिए घाट के लोगों को दो विधानसभाओं से होकर गुजरना पडता है। 70 किमी की दूरी तय करनी पडती है।

56 गांवों के बाजार घाट में नहीं हो कोई महिला शौचालय
क्हने को तो प्रधानमंत्री जी का स्वच्छ भारत अभियान पूरे भारत में ही नहीं वरन दुनिया में भी स्वीकारा और सराहाया जा रहा है मगर घाट बाजार इस महत्वपूर्ण योजना और संकल्प को मुंह चिडा रहा है। 56 गांवों का है ये बाजार मगर इस बाजार में एक भी महिला शौचालय नहीं है। गांव की महिलाऐं खरीददारी के लिए बाजार आती है। सुबह घर से निकले बाजार आये, लघु शंका या शौचालय जाना होता तो कोई शौचालय नहीं है मन मार घर गांव वापस लौटते है तो तब ही निर्वित हो पाते है। नौना की लक्ष्मी देवी कहती है कि घाट बाजार में महिला शौचालय जरूर बने ताकि महिलाओं कोई परेशानी न हो और प्रधानमंत्री की योजना को संबल मिल सके।

सडकों की है सबसे बुरी हालत
घाट जाने और घाट से आने के लिए मुख्य सडक नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग है। जिसकी सबसे बुरी स्थिति है। दसकों से यह सडक चैडीकरण और सुचारू रूप से चलने की राह जोह रही है मगर अभी तक हालत जस के तस है। वल्र्ड बैंक ने इस सडक पर काम शुरू भी किया मगर अभी तक हालात नहीं बदले। घाट के लोग कुडी-रेंस मोटर मार्ग, बंगाली-थराली, कनेाल-वाण मोटर मार्ग के शीघ्र निर्माण की बात करते है ताकि थराली विधान सभा के सभी ब्लॉक आपस में जुड सके।

दो किराये कमरों में चल रहा है महाविद्यालय
घाट में महाविद्यालय खुला है मगर किराये के दो कमरो में चल रहा है। महाविद्यालय का नया भवन अभी तक शुरू नहीं हो पाया। प्रशासनिक और शासन स्तर पर फाइल दौड रही है मगर जमीन पर अभी इस क्षेत्र में कोई काम नहीं होता दिख रहा है। इस महाविद्यालय में साढे तीन सौ से अधिक छात्र-छात्राएं है। गौरतलब बात यह कि ढाई सौ से अधिक छात्राऐं इस महाविद्यालय में पढ रही है जो जीवन में बहुत कुछ बनाना चाहती है मगर महाविद्यालय के भवन की स्थिति को देख सबका मन बैठ जाता है। अरूणा जो यहां की छात्रा है कहती है कि महाविद्यालय का निर्माण शीघ्र शुरू हो।

ये भी है जनता के एजेंडे
घाट बाजार से शराब के ठेका मुख्य बाजार से हटाया जाए, विकास खंड घाट में आईटीआई में शीघ्र अन्य ट्रेड बढाये जाए, भवन निर्माण तथा शिक्षकों की तैनाती हो। इंटर कालेज समेत महाविद्यालय में पर्याप्त अध्यापकों का स्टाफ हो। यहां के सामुदायिक चिकित्सालय में अल्ट्रासाउंट व सीटी इस्कैन की सुविधा मुहैया की जाए।

क्या कहते है युवा मतदाता
घाट विकास खंड में युवा पीढी शिक्षा और अपने अधिकारों के प्रति सजग है। वह मेहनती भी है। इस बार के चुनाव में युवा अपनी बात खुल कर रखना चाहते है। सामाजिक सरोकारों से जुडे पंकज मैंदोली, देव रावत, वृजमोहन रौतेला, सबर नेगी, पारितोष रावत, पंकज सती कहते है कि घाट विकास खंड के मतदाताओं को केवल चुनाव के दौरान ही ध्यान में न रखा जाए बल्कि इस क्षेत्र की समस्याओं के निदान पर भी ध्यान दिया जाए। अधिकांश युवा कहते है कि अब हमें यहां के विकास पर ध्यान देना होगा।