छात्रों के विरोध पर झुकी सरकार,गढ़वाल विश्वविद्यालय ने बढ़ी फीस ली वापस

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गढ़वाल विश्‍वविद्यालय ने फीस बढ़ा दी थी, जिसके बाद गढ़वाल और उससे जुड़े सभी कालेजों के छात्र सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन करने लग गए, भारी विरोध के चलते उत्‍तराखंड सरकार ने उनकी बात मानते हुए गढ़वाल विश्वविद्यालय की बढ़ी हुई फीस वापस करने का आदेश दिया है। सेमेस्टर प्रक्रिया को भी खत्म करने के साथ ही एक बड़ा निर्णय और लिया कि जिस छात्र की 180 दिन जो छात्र उपस्थित रहेंगे उन्ही को परीक्षा में बैठने दिया जाएगा। हालांकि अभी प्राइवेट कालेजो में बढ़ी फीस पर कोई निर्णय नही हुआ है।

प्रदेश के केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों के भारी विरोध के बाद आखिरकार सरकार को अपने फैसले को वापस लेना पड़ा, आपको बता दे कि गढ़वाल विश्वविद्यालय के लगभग 10,000 से ज्यादा स्टूडेंट्स के विरोध के आगे सरकार को झुकना पड़ा और गढ़वाल विश्वविद्यालय को बढ़ी हुई फ़ीस पर अपना आदेश वापस लेना पड़ा है।

प्रदेश उच्च शिक्षा मंत्री धन सिह रावत ने सरकार के फैसले पर अपनी सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि सरकार ने गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्रों की बढ़ी फीस वापस ले ली है और साथ ही समेस्टर प्रणाली को भी समाप्त कर दिया है।उच्च शिक्षा मंत्री ने छात्रों से अपील करते हुए कहा कि छात्र अब अपनी पढ़ाई पर वापस लौट जाये क्योकि अब जिन छात्रों की 180 की उपस्थिति कालेज में होगी वही छात्र परीक्षा में बैठ पायेगा।

छात्रों के भारी विरोध के चलते सरकार ने बढ़ी हुई फीस वापस ले ली है पर यह सिर्फ गढ़वाल विश्वविद्यालय और उससे संबंधित अन्य कॉलेज में ही लागू होगी प्राइवेट कॉलेजों में जो पीस काफी बढ़ाई गई थी उस पर अभी तक न सरकार की तरफ से न प्राइवेट कॉलेजों की तरफ से कोई संज्ञान लिया गया है।

आपको बता दें आयुष के छात्र विभिन्न कालेजो में पिछले 50 दिनों से अधिक समय से धरने पर बैठे हैं, पर उनकी सुध किसी ने नही ली है।पिछले 50 दिन से अधिक समय से रात दिन धरने पर बैठे आयुर्वेद कालेज के छात्रों ने सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, जितने भी निजी कालेज है उनका लिंक बड़े बड़े मंत्रियों से है, यही मुख्य कारण है की उनकी फीस बढ़ोतरी पर अभी तक कोई सुनवाई नही हो रही। जबकि सरकारी कालेजो की फीस सरकार वापस ले चुकी है।कालेज प्रशासन भी अब ये बात अपने अहम पर ले रहा है जिसके कारण उनकी सुध लेने कालेज और ना सरकार तैयार हो रही है।