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उर्वशी रौतेला को मालडिव्स में मिला ”फ्यूचर फेस ऑफ दि ईयर अवार्ड”

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मिस टूरिज्म क्वीन ऑफ द ईयर, इंटरनेशनल वर्ल्‍ड, मिस दिवा यूनिवर्स का खिताब अपने नाम कर चुकी उर्वशी रौतेला की कामयाबी की फेहरिस्त में एक और खिताब जुड़ गया है। अबकि बार उर्वशी को मालदीव में आयोजित फ्यूचर फेस ऑफ द ईयर-2017 के खिताब से नवाजा गया है।

मालदीव एसोसिएशन आफ ट्रैवल एजेंट्स एंड टूर (मटाटो) की ओर से आयोजित फ्यूचर फेस ऑफ द ईयर-2017 में कईं देशों की सुंदरियों ने प्रतिभाग किया था। प्रतियोगिता के ग्रैंड फिनाले में उर्वशी ने शानदार परफार्मेंस के बल पर सभी प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़कर खिताब अपने नाम कर लिया।

मटाटो के अध्यक्ष अब्दुला घियास ने उर्वशी रौतेला को फ्यूचर फेस ऑफ द ईयर-2017 के खिताब से सम्मानित किया।पुरस्कार प्राप्त करने पर उर्वशी रौतेला ने कहा कि ”यह मेरे लिए सौभाग्य कि बात है कि मुझे मालड्विस ट्रेवल अवार्ड के फ्यूचर फेसऑफ दि अर्वाड 2017 से नवाजा गया।उर्वशी ने चयन करने के लिए वहां मौजूद लोगों और ज्यूरी का धन्यवाद किया।

उन्होंने खुशी जताई कि हिंदी फिल्मों के लिहाज से नया साल उर्वशी के लिए और भी खास होने वाला है। मई में उनकी फिल्म ‘हेट स्टोरी-4’ रिलीज हो रही है। बताया कि निर्देशक अब्बास-मस्तान की फिल्म ‘रेस-थ्री’ जैसी बड़ी फिल्म भी उर्वशी के पास है।

राजकुमार राव को मिला 11वें एपीएसए में बेस्ट एक्टर का अवार्ड

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ब्रिसबेन में आयोजित 11वें एशिया पैसिफिक स्क्रीन अवॉर्ड (एपीएसए) में राजकुमार राव को फिल्म ‘न्यूटन’ के लिए बेस्ट अभिनेता के अवार्ड से सम्मानित किया गया है। फिल्म को बेस्ट स्क्रीन प्ले के अवार्ड से नवाजा गया जिसको न्यूटन के निर्देशक अमित ने रिसीव किया।

राजकुमार राव ने अपने ट्विटर एकाउंट पर अवार्ड मिलने की खुशी जाहिर करते हुए अपनी स्वर्गीय मां और न्यूटन की टीम को धन्यवाद कहा है। उन्होंने कहा कि ‘सपने देखना नहीं बंद करना चाहिए, वो जरूर पूरे होते हैं।’

उल्लेखनीय हो कि फिल्म न्यूटन को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर काफी सराहना मिल रही है| फिल्म में राजकुमार राव के अभिनय को भी पसन्द किया जा रहा है। बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और हांगकांग इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी इसको अवार्ड मिल चुका है। साथ ही फिल्म ‘न्यूटन’ को भारत की तरफ से आस्कर अवार्ड के लिए भी नामांकित किया गया है।

लाईसेंस के साथ अंगदान का भी भरना पडेगा फार्म

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हल्द्वानी,  अंगदान को बढ़ावा देने के लिए परिवहन विभाग नई पहल करने जा रहा है। इसके तहत ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते वक्त अंगदान के इच्छुक लोगों से एक फॉर्म भरवाया जाएगा और उनके लाइसेंस कार्ड पर लिखा होगा कि ‘मैं अंगदाता हूं’। ऐसा लिखे जाने से दुर्घटना की स्थिति में आसानी से और समय रहते उसका अंगदान करवाया जा सकेगा।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने लाइसेंस के फॉर्म की नई व्यवस्था लागू करने के लिए दो माह पहले एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके अनुसार देशभर में अब लाइसेंस के लिए आवेदन करने के दौरान आवेदक से अंग और ऊतक दान के लिए घोषणा पत्र भरवाकर सहमति ली जाएगी। हालांकि इसके लिए जो राजी नहीं होंगे, उनके लिए ‘नहीं’ का विकल्प भी रहेगा। एक रिपोर्ट के अनुसार मुख्य क्रियाशील अंग के खराब होने से भारत में हर साल पांच लाख ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। देश में किडनी की औसतन वार्षिक मांग दो लाख है, जबकि उपलब्धता छह हजार की ही है। दिल की मांग 50 हजार के सापेक्ष 15 हजार ही उपलब्ध है। ऐसे में परिवहन से जुड़े अफसरों का मानना है कि नए नियम से सहमति जताने के बाद उन लोगों से अंग लेने में आसानी होगी, जिनकी दुर्घटना में मौत हो जाती है। हालांकि लाइसेंस के नए प्रारूप को लेकर फाइनल नोटिफिकेशन जारी होना बाकी है।

जबकि मध्य प्रदेश के इंदौर समेत कुछ अन्य संभाग में एक जनवरी से इस पर काम शुरू होने जा रहा है। इंदौर एआरटीओ अर्चना मिश्रा के मुताबिक व्यक्ति को बताना होगा कि वह पूरी देहदान (शिक्षा या अनुसंधान कार्य के लिए) करना चाहता है या फिर कुछ अंगदान। जिसमें आंखें, दिल, गुर्दे, लिवर, हड्डियां या और कोई अंग जो मृत्यु के समय दिया जाना संभव हो। कुमाऊं के संभागीय परिवहन अधिकारी राजीव मेहरा का कहना है कि यह प्रावधान हो तो गया है, लेकिन अभी तक हमारे पास शासनादेश नहीं पहुंचा है। यह पहल सराहनीय है। इससे लोगों में देहदान की प्रवृत्ति बढ़ेगी और जरूरतमंदों को फायदा होगा।

एसआईटी ने अहलमद संजय को भी किया गिरफ्तार

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रुद्रपुर, एनएच 74 मुआवजा घोटाले में मुख्य आरोपी बनाए गए निलंबित पीसीएस अफसर डीपी सिंह को नैनीताल स्थित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जा सकता है। एसआईटी ने अदालत से डीपी सिंह को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने की अर्जी लगाई है। उधर, एसआईटी ने काशीपुर तहसील के अहलमद संजय चौहान को गिरफ्तार किया।

गौरतलब है कि पूर्व विशेष भूमि अध्यप्ति अधिकारी डीपी सिंह ने कल एसएसपी दफ्तर में आत्मसमर्पण किया था। उन्हें रात भर सिडकुल चौकी की हवालात में रखा गया। सिडकुल चौकी में एसआईटी ने उनसे पूछताछ की, बताते हैं कि डीपी सिंह अपने पुराने बयान पर ही कायम रहे।

उन्हें नैनीताल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जा सकता है। एसआईटी ने अदालत से डीपी सिंह को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने की  अर्जी लगाई है। एसआईटी ने काशीपुर तहसील के अहलमद संजय चौहान को गिरफ्तार किया। उसे भी जेल भेजा गया है। संजय चौहान काफी समय से फरार चल रहा था।

डीएम ने लगाई पाठशाला

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अल्मोड़ा, प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा का गुणात्मक सुधार लाने व अव्यवस्थाओं पर नजर रखने के लिए डीएम ईवा आशीष श्रीवास्तव ने प्राथमिक विद्यालय स्यालीधार व राजकीय इंटर कालेज का निरीक्षण किया। इस मौके पर वह खुद भी टीचर की भूमिका में आ गईं। खुद ही छात्रों को ब्लैक बोर्ड पर पहुंचकर दशमलव, भिन्न सहित प्रतिशत के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

डीएम ईवा आशीष श्रीवास्तव ने राजकीय इंटर कालेज स्यालीधार में जहां टीचर के तौर पर छात्रों से पढ़ाई की जानकारी ली। इस मौके पर छात्रों ने जब दशमलव, भिन्न व प्रतिशत सहित क्षेत्रफल के प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया तो डीएम खुद ही टीचर बन गईं। उन्होंने खुद ही चाक उठाई और सभी सवालों को लगाकर समझाया। इस मौके पर विद्यालय में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति के बारे में प्रधानाचार्य से जानकारी ली। साथ ही निर्देश दिए कि वह इसकी एक रिपोर्ट तैयार कराकर भेजे।

भोजन व नाश्ते में बिस्कुट की मात्रा कम पाए जाने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी से रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।

‘जाने अपनी पुलिस’ कार्यक्रम के तहत बच्चों को बताई पुलिस की कार्यप्रणाली

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जनपद चमोली पुलिस ने गोपेश्वर में ‘जाने अपनी पुलिस’ कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें स्कूली बच्चों को पुलिस की कार्यप्रणाली, उपकरणों एंव हर्बल गार्डन से रूबरू कराया गया।

पुलिस अधीक्षक चमोली तृप्ति भट्ट के दिशा-निर्देशन में जनपद पुलिस ने जिला मुख्यालय गोपेश्वर के विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के साथ मिलकर इस कार्यक्रम को आयोजित किया। कार्यक्रम के तहत बच्चों को पुलिस स्टेशन, पुलिस लाइन, पुलिस कंट्रोल रूम आदि में भ्रमण कराकर पुलिस की कार्यप्रणाली तथा विभिन्न उपकरणों और उनके कार्य करने के तरीकों से अवगत कराया गया। इसके अलावा नागरिकों के मूलभूत विधिक अधिकारों के संबंध में जानकारी, वायरलेस उपकरण एवं संचार व्यवस्था की जानकारी, महिला हेल्पलाइन एवं महिला/बच्चों के विधिक अधिकारों की जानकारी, यातायात नियमों, साइबर क्राइम एवं आपदा उपकरणों की जानकारी एवं आपदा के समय क्या करें क्या न करें आदि का प्रशिक्षण दिया गया।

इस दौरान छात्र-छात्राओं द्वारा पुलिस मेस में भोजन भी किया गया। इसके बाद सभी बच्चों को पुलिस लाइन स्थित हर्बल गार्डन में भ्रमण कराकर ओषधीय पौधों के बारे में जानकारी दी गई। 

तीसरे दिन भी चला अतिक्रमण हटाने का ऑपरेशन

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महाविद्यालय गोपेश्वर की भूमि पर अतिक्रमण के विरुद्ध प्रशासन का अतिक्रमण हटाने का अॉपरेशन तीसरे दिन भी जारी रहा। भारी सुरक्षा प्रबंधों के बीच कहीं मशीन से तो कहीं मजदूरों से अतिक्रमण हटाया गया, जिन लोगों के मकान और निर्माण कार्य हटाये जा रहे हैं, उन्होंने मिन्नत और गुहार लगाई, लेकिन प्रशासन ने किसी की न सुनी।

महाविद्यालय गोपेश्वर की भूमि पर अतिक्रमण करने की शिकायत एक लंबे समय से की जा रही थी। छात्रों ने इसे लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन किया तथा शिक्षा मंत्री तक अपनी बात रखी थी। जिसके बाद शिक्षा मंत्री ने भी प्रशासन को निर्देश दिए थे कि छात्रों और महाविद्यालय प्रशासन की बात सुनी जाए। प्रशासन के उपर जब छात्रों के प्रदर्शन का दबाव पड़ा तो अब महाविद्यालय की भूमि से अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई, जो तीसरे तीन भी अतिक्रमण हटाने के लिए भारी पुलिस बल, जेसीबी, मजदूरों को लेकर प्रशासन पहुंचा।

इंटर कॉलेज जाने वाले मार्ग पर जहां से महाविद्यालय की भूमि लगती है वहां से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू हुई। उसके बाद निकटवर्ती मकानों पर अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया जारी रही। कहीं पर मशीन तो कहीं पर मजदूरों के माध्यम से अतिक्रमण हटाया गया। इस मौके पर उपजिलाधिकारी परमानंद और पुलिस उपाधीक्षक हरबंस सिंह तथा थानाध्यक्ष कुंदन राम आदि भारी सुरक्षा प्रबंधों के बीच मौजूद रहे। 

रुडकी नगर निगम घपले पर हाईकोर्ट सख्त

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नैनीताल, हाई कोर्ट ने नगर निगम रुड़की के पूर्व चेयरमैन की ओर से नियमों को दरकिनार कर चहेतों को निगम की दुकानें, दुकान व आवासों की छत आवंटन करने को लेकर दायर याचिका पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव शहरी विकास को तीन माह के भीतर इस घपले में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने व जरूरत पड़ने पर प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश पारित किए हैं।

नगर निगम रुड़की के मेयर यशपाल राणा ने याचिका दायर कर कहा है कि मौजूदा विधायक व पूर्व चेयरमैन प्रदीप बत्रा द्वारा पद का दुरुपयोग करते हुए बिना विज्ञापन जारी किए, बिना नगरपालिका, अब निगम के प्रस्ताव के चहेतों को नगर निगम की दुकानों की छत, आवासों की छत तथा दुकानों का आवंटन कर दिया गया। पूर्व में इस मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी बनाई गई थी। कमेटी की ओर से तीन मार्च 2015 को दी गई रिपोर्ट में घोटाले की पुष्टि हुई।

वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद जांच रिपोर्ट के आधार पर तीन माह के भीतर कार्रवाई करने के आदेश प्रमुख सचिव शहरी विकास को दिए हैं।

नासुर बना पलायन का घाव

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पिथौरागढ़, पलायन पहाड के लिए नासुर बन गया है, भले ही पलायन को रोकने के लिए सरकार बडे बडे दावे करती हो मगर योजनाए सिर्फ कागजी तक ही सिमित रहती हैफाइलों से आगे कभी योजनाए बढ़ नहीं पातीं और गांव खाली हो जाते हैं। चीन सीमा से लगे गांवों से होने वाला पलायन तो समझ में आता है परंतु पश्चिमी छोर पर बसे जिले के पहले गांव का खाली होना कई सवाल छोड़ रहा है। बागेश्वर की सीमा से सटा एक गांव महज इस लिए खाली हो गया क्योंकि आज भी बिजली की रोशनी यहां नहीं पहुंच पाई। 56 परिवारों वाले गांव में अब केवल 11 परिवार ही रह गए हैं।

तहसील गणाईगंगोली के अंतर्गत आने वाला सीमा गांव दो जिलों की सीमा पर है। एक तरफ पिथौरागढ़ तो दूसरी तरफ बागेश्वर। आजादी के 71 साल बाद भी इस गांव तक बिजली नहीं पहुंची है। आसपास के गांवों में चार दशक पूर्व बिजली आ चुकी थी। सीमा गांव का नसीब ऐसा रहा कि यहां तक न तो बिजली के तार खींचे और नहीं सड़क बन सकी है। बिजली के चलते गांव से एक-एक कर परिवार पलायन कर रहे हैं। गंगोलीहाट विधायक मीना गंगोला कहती हैं कि सीमा गांव उनका पड़ोसी गांव है। इस गांव के दर्द को उन्होंने जाना है। गांव तक बिजली और सड़क पहुंचाना मेरी प्राथमिकता है। बिजली के लिए ऊर्जा निगम से बात कर दी गई है। सड़क पहुंचाने के लिए सर्वे करा दिया गया है। शीघ्र सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ होगा। गांव से हो रहा पलायन दुखदाई है।

गूगल में निकाली खामी तो मिले 100 डालर

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हल्द्वानी, पहाड़ की प्रतिभाएं देश ही नहीं विश्व में भी अपनी काबिलियत का लोहा मनवा रही हैं। विश्व में आइटी क्षेत्र में पहचान बनाने वालों में हल्द्वानी के साइबर एक्सपर्ट विकास सिंह बिष्ट का नाम भी जुड़ गया है। विकास ने गूगल की एक वेबसाइट में खामी ढूंढी है। गूगल की सिक्योरिटी टीम ने गलती स्वीकारते हुए उसमें सुधार किया है।

साथ ही इस साल गूगल में गलती ढूंढने वाले विश्व के कुल 980 आइटी एक्सपर्ट में 322वीं रैंक में विकास का नाम शामिल किया है। गूगल ने अपने बगहंटर प्रोग्राम के भीतर वलनरेबिलिटी रिवार्ड प्रोग्राम के तहत हाल ऑफ फेम में विकास की प्रोफाइल डालकर प्रोत्साहित भी किया है। इसके साथ ही 100 डालर प्रोत्साहन राशि देने की मेल भी विकास को मिली है। मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के मिर्थी में रहने वाले विकास सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं। विकास के पिता चंदन सिंह बिष्ट धारचूला के जूनियर हाईस्कूल में शिक्षक हैं। विकास ने मेरठ से इंटीग्रेटेड ग्रेजुएशन इन साइबर सिक्योरिटी (आइजीसीएस) कोर्स किया है। वर्तमान में विकास इंडियन साइबर डिफेंस एलाइंस संस्था के चीफ ऑपरेशन ऑपरेटर के तौर पर हल्द्वानी में वेब एप्लीकेशन सिक्योरिटी रिसर्च, एथिकल हैकर और ट्रेनर के रूप में काम कर रहे हैं।

विकास ने बताया कि उन्होंने 14 नवंबर को गूगल के कैगिल डॉट कॉम नाम की वेबसाइट पर क्रापसाइट स्क्रिप्टिंग की गलती पकड़ी थी। इस गलती को उन्होंने गूगल की सिक्योरिटी साइट पर भेजा। गूगल की सिक्योरिटी टीम (एडवरडो गूगल सिक्योरिटी टीम) ने गलती को सही माना। इसी के आधार पर उन्हें वलनरेबिलिटी रिवार्ड प्रोग्राम के तहत हॉल ऑफ फेम के तीसरे पेज पर 322वीं रैंक प्रदान की। वह इस साल उत्तराखंड के पहले व्यक्ति हैं, जिसने गूगल में गलती ढूंढी है। विकास ने बताया कि गूगल ने उन्हें भविष्य में अपने सिक्योरिटी प्रोग्राम से जुड़ने के लिए आमंत्रित भी किया है।