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बिग बास पर ‘टाइगर जिंदा है’ का दूसरा गाना होगा लांच

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रियल्टी शो बिग बॉस के होस्ट और बॉलीवुड स्टार सलमान खान रेस-3 के प्रमोशन के बाद अब बिग बास पर ही अपनी आने वाली फिल्म ‘टाइगर जिंदा है’ के दूसरे गाने ‘दिल दीयां गल्लां’ को लांच करते हुए दिखाई देंगे। सलमान और कटरीना इस गाने पर अपनी लाइव परफार्मेंस एक स्पेशल अंदाज में लांच करेंगे। यह फिल्म 22 दिसंबर को सिल्वर स्क्रीन पर प्रस्तावित की जा रही है।

उल्लेखनीय हो कि अली अब्बास जाफर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘टाइगर जिंदा है’ का पहला गाना हाल ही में लांच किया गया है| ‘स्वैग से करेंगे सबका स्वागत’ को दर्शकों का काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। फिल्म ‘टाइगर जिंदा है’ 2012 में आई फिल्म ‘एक था टाइगर’ का सिक्वल है। एक था टाइगर को कबीर खान ने निर्देशित किया था। सलमान और कटरीना पांच साल बाद एक साथ इस फिल्म में नजर आ रहे हैं|

दो घंटे की देरी से रवाना हुई देहरादून मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस

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देहरादून, कोहरे व निर्माण कार्य के कारण ट्रेन लेट होने का सिलसिला जारी है। मंगलवार को भी दून आने आने वाली कई गाड़ियां अपने निर्धारित समय से घंटों विलंब से पहुंची। जबकि देहरादून मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस अपने तय समय से दो घंटे की देरी से रवाना हुई। जिस कारण यात्रियों व उसके परिजनों को ट्रेने के इंतजार में परेशानियों का सामना करना पड़ा।

मंगलवार को हावड़ा से चलकर दूेहरादून आने वाली दून हावड़ा एक्स्रपेस अपने निर्धारित समय से आठ घंटे लेट पहुंची। जबकि मुजफ्फरपुर देहरादून अपने तय समय से लगभग ढ़ाइ से तीन घंटे की देरी से आने के कारण दो घंटे देर से रवाना हुई। वहीं दिल्ली से देहरादून आने वाली मसूरी एक्सप्रेस तथा काठगोदाम से आने वाली काठगोदाम देहरादून एक्स्रपेस तय समय पर पहुंची।

दिल्ली से देहरादून आने वाली शताब्दी एक्सप्रेस व अमृतसर से चलकर देहरादून आने वाली अमृतसर एक्सप्रेस लगभग आधा घंटे की देरी से पहुंची। इलाहाबाद से वलकर देहरादून आने वाली लिंक एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से 13.10 मिनट से 3:30 मिनट की देरी पर पहुंची। मुजफ्फरपुर से देहरादून सप्ताह में एक दिन मंगलवार को आने वाली मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस अपने तय समय 13:55 से ढ़ाई घंटे की देरी से आई। जबकि गोरखपुर राप्ती गंगा एक्सप्रेस देहरादून से गोरखपुर तय समय पर रवाना हुई। दून से अन्य खुलने व आने वाली गाड़ियां अपने समय से रवाना हुई।

स्टेशन अधीक्षक सीताराम सोनकर ने बताया कि रेलवे ट्रेक पर निर्माण कार्य के चलते लंबी दूरी की रेल विलंब से देहरादून पहुंच रही हे। फिर भी देहरादून से गाड़ियों को समय से रवाना किया जा रहा है। ट्रेन लेट होने के कारण यात्री परेशान हो रहे हैं। यात्रियों को सुरक्षा का ध्यान दिया जा रहा है। 

मैड ने रिस्पना पुनर्जीवन पर विभिन्न संगठनों के साथ किया मंथन

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मेकिंग अ डिफरेंस बाय बीइंग द डिफरेंस (मैड) संस्था ने देहरादून के अनेक संगठनों एवम बुद्धिजीवियों के साथ रिस्पना पुनर्जीवन में आम जन मानस की भागीदारी पर वृस्त्रित चर्चा की। इस दौरान लोगों ने सरकार की नीति को स्पष्ट करने की मांग की। ताकि उसी अनुरूप कार्या को गति दिया सके।

मैड संस्था ने रिस्पना पुनर्जीवन पर एक बैठक का आयोजन आम जन मानस एवं समाज के हर टपके को अपने इस अभियान से जोड़ने के लिए किया गया। 15 नवंबर को इसी के बारे में मैड की ओर से एक प्रस्तुति मुख्य सचिव उत्पल कुमार के अध्यक्षता में हुई थी जिसमे इको टास्क फोर्स को यह जिम्मेदारी दी गयी थी कि वह रिस्पना पुनर्जीवन का एक खाका तैयार करें।

बैठक में लोकेश ओहरी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि, “स्पष्ट होना चाहिए कि इको टास्क फोर्स को क्या अधिकार छेत्र दिया गया है जिसके तहत वह इस प्रोजेक्ट में अपनी भूमिका निभाने वाले हैं।” इस दौरान सिटीजन्स फ़ॉर ग्रीन दून के आशीष गर्ग ने भी इस बात पर ज़ोर दिया कि रिस्पना में किसी भी तरह के सीवर का डाला जाना गलत है और इसपर तत्काल कानूनी प्रतिबंध न सिर्फ लगना चाहिए बल्कि लागू भी किया जाना चाहिए।

प्रमुख संगठन के परमजीत सिंह ने इस बात पर ज़ोर दिया कि, “रिस्पना पुनर्जीवन पर समाज के सभी वर्गों को साथ काम करना चाहिये। लिटिल फ्लावर स्कूल की रोहिणी मनुचा पूरी ने मलिन बस्ती के ज्वलंत मुद्दे को उठाया और कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि मलिन बस्तियों के संदर्भ में उनकी नीति क्या होगी।”

दून सिटीजन कौंसिल के ब्रिगेडियर के जी बहल ने अपनी राय रखते हुए कहा कि एक ओर जहां मलिन बस्तियों के मूल भूत अधिकारों की अवेहलना नही होनी चाहिए वही दूसरी ओर उनके पुनर्वास की तरफ राज्य सरकार को ठोस नीति नियोजित करनी चाहिए।

कल्पतरु संस्था के प्रभास ने इस बात पे ज़ोर दिया कि पहले हमें उन चीजों पर ध्यान आकर्षित करना चाहिए जो बिना किसी रुकावट के की जा सके और वी अदित मुद्दों को उसके बाद है देखना चाहिए।

संयुक्त नागरिक संगठन के सुशील कुमार त्यागी ने यह बात कही की इस मुहीम को आगे बढ़ाना चाहिए और इसमें नई जान डालने के लिए और भी लोगों को साथ लेना चाहिए। राजप्यर कम्युनिटी इनिशिएटिव की अध्यक्षा रीनू पॉल ने इस बात पर ज़ोर दिया कि राजौर छेत्र में किसी भी तरह के निर्माण कार्य जो रिस्पना तलहटी पर हो रहे हो उन पर प्रतिबंध लगना चाहिए और आरोपियों पर निगरानी की जानी चाहिए।

नैशनल पेरेंट्स समूह के आरिफ मोहोम्मद ने भी यही कहा कि अतिक्रमण के मुद्दे पर राज्य सरकार को वोट बैंक की राजनीति नहीं खेलनी चाहिये। जगमोहन मेहंदीरत्ता ने यह कहा कि सामाजिक संगठनों की तरफ से मैड को अपने सुझाव समय से दे देने चाहिए ताकि निष्क्रिय पड़े सरकारी तंत्र को आईना दिखाया जा सके।

हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को किया तलब

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नैनीताल,  हाई कोर्ट ने सचिव स्वास्थ्य को बागेश्वर में ब्लड ब्लैड बैंक और ट्रॉमा सेंटर नही खोलने पर व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए है। मामले की सुनवाई न्यायधीश राजीव शर्मा व न्यायधीश आलोक सिंह की खंडपीठ में हुई।

नागरिक मंच बागेश्वर ने जनहित याचिका दायर कहा था कि बागेश्वर में ब्लैड बैंक और ट्रॉमा सेंटर नही है, जिसको खोलने के लिए उन्होंने सरकार को कई बार प्रार्थना पत्र भी दिए परन्तु इस पर कोई कार्यवाही नही हुई। जिसके कारण उनको जनहित याचिका दायर करनी पड़ी। पूर्व में खंडपीठ ने 10 नवम्बर 2016 को सरकार से चार सप्ताह में ब्लैड बैंक और ट्रॉमा सेंटर खोलने के आदेश दिए थे जिसकी जिमेदारी सचिव स्वास्थ्य को दी थी परन्तु कोर्ट के आदेश करने के बावजूद भी सरकार ने ब्लैड बैंक और ट्रॉमा सेंटर नही खोला गया आज याचिकाकर्ता ने प्रार्थना पत्र देकर न्यायालय को अवगत कराया कि अभी तक ब्लैड बैंक और ट्रॉमा सेंटर नही खोल गया।

मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हए सचिव स्वास्थ्य को अगले सोमवार को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए है।

जनसुनवाई दिवस में नौ मामलों का निस्तारण

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देहरादून। जिलाधिकारी एस.ए मुरूगेशन की अध्यक्षता में आज सभी विभागों के जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ जन सुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जनसुनवाई में 43 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें 9 शिकायतों का त्वरित समाधान किया गया है तथा बाकी को सम्बन्धित विभागों को हस्तांतरित करते हुए तय समय में निस्तारित करने के निर्देश दिये।
सोमवार जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कलैक्र्टेट सभागार में जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर जिलाधिकारी ने उपस्थित विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कि जो समस्याएं शिविर में प्राप्त हो रही है और जिनका मौके पर निस्तारण नही हो पाया है। ऐसी शिकायतों को सम्बन्धित विभाग त्वरित गति से निस्तारण करे। यदि समस्याएं उनके स्तर की नही है तो जिस स्तर की समस्या है को सम्बन्धित अधिकारी को हस्तान्तरित कर दी जाये तथा इसकी सूचना से शिकायतकर्ता को भी अवगत कराया जाय।
जिलाधिकारी ने जनसुनवाई कार्यक्रम में प्राप्त प्रत्येक जन शिकायतकर्ता के आवेदन का निस्तारण सम्बन्धित विभाग के सक्षम अधिकारियों को मौखिक रूप में उपस्थित करते हुए करवाया। उन्होने पूर्व की जनसुनवाई में लम्बित रह गये प्रकरणों/आवेदनों को भी जांचा तथा आज सामने प्रकरणों का तत्काल समाधान करवाया तथा कुछ प्रकरणों को सम्बन्धित विभाग को तय समय के अन्दर निस्तारण के निर्देश दिये।
उन्होंने स्वच्छता के नोडल अधिकारियों से फीडबैक भी लिया तथा इसमें अच्छा कार्य करने वाले कार्मिकों को भी फीडबैक देते हुए उन्हे प्रेरित करने के भी निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने सभी विभागीय अध्यक्षों,प्रभारी अधिकारियों को निर्देश दिये है। जो कार्य करने के लिए वे सक्षम है उसका मौके पर ही निस्तारण करें तथा जो शिकायतें उनके विभाग से सम्बन्धित नही है उसकी सिफारिश तुरंत सम्बन्धित विभागीय अधिकारी को करें ताकि जनहित के कार्यों का जल्दी से समाधान हो सके और पात्र व्यक्ति को उसका लाभ मिल सके।
जनसुनवाई में अधिकतर शिकायतें राजस्व विभाग, समाज कल्याण, जल संस्थान, नगर निगम, पुलिस विभाग, ग्राम्य विकास, लोक निर्माण, शिक्षा, पेयजल, विद्युत विभाग इत्यादि से सम्बन्धित रही।
जनसुनवाई शिविर में नगर आयुक्त विजय कुमार जोगदांडे, मुख्य विकास अधिकारी जी.एस रावत, अपर जिलाधिकारी अरविन्द पाण्डेय, परियोजना निदेशक राजेन्द्र रावत, जिला विकास अधिकारी प्रदीप पाण्डेय सहित सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

दि वाईनबर्ग एलेन स्कूल पहुंचे बोमन “वाय़रस” इरानी ने मांगी माफी

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मंगलवार सुबह दि वाईनबर्ग एलेन स्कूल, मसूरी ने अपने 129 वर्ष पूरे होने पर अपना वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह 2017, सर किर्बी लैंग आडिटोरियम में आयोजित किया।

इस अवसर पर प्रधानाचार्य लेज़ली टिन्डलें नें कहा,”आज का दिन बहुत गर्वऔर उपलब्धि का हैं स्कूल के स्टाफ, छात्रों और अभिभावकों के लिए, यहां के स्टूडेंट्स ने हमेशा अपने स्कूल की सफलता और उसके आदर्शों के लिए काम किया है। ये साल कामयाबी भरा रहा, शायद अब तक का सबसे सफल साल । इस कामयाबी में हमारे छात्रों और संस्थापकों का बड़ा योगदान रहा है। हमें अपने छात्रों और उनकी कामयाबी पर गर्व है और हम इन छात्रों का धन्यवाद करते हैं”

इस दो घंटे चले के समारोह में उन स्टूडेन्टस को पुरस्कृत किया गया जिन्होंनें मार्च से शुरु होने वाले सेशन से लेकर अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है। समारोह के मुख्य अतिथि,एक्टर बोमन इरानी रहे,जिन्होंने अपने स्टाइल में बच्चों और बड़ों सभी को खूब हसाया।थियेटर आर्टिस्ट और लगभग 50 फिल्मों में काम करने वाले,बोमन ने कहा कि मैने प्रिसिंपल को एक गलत नाम दिया जब मैने थ्री इडियट्स वायरस का रोल अदा किया था,मुझे उस रोल के लिए माफ करें,और यहां सबके बीच आना मेरे लिए बहुच ही खुशी और गर्व की बात है।उन्होंने कहा कि मुझे यहां बच्चों का उत्साह और डिसिप्लीन देखकर बहुत अच्छा लग रहा है और यहां की सबसे खास बात यही है डिसिप्लीन के साथ  बच्चों में फ्रीडम का एहसास जो मेलजोल बहुत कम देखने को मिलता है।उन्होंने कहा कि जब सब यहां से बाहर जाऐंगे वो केवल अकेले जाऐंगे,और आगे आने वाली जिंदगी सब कुछ खुद करेंगे और हो सकता है जिंदगी में कुछ ऐसे लोग मिले जो आपके सपनों को ना समझे लेकिन सबसे महत्तवपूर्ण बात है कि आप आपने अंदर अपनी मासूमियत बरकरार रखें।जिंदगी में सबसे ज्यादा यही ं जरुरी हैं।

सर्दिंयों की छुट्टियों के लिए मसूरी  के तमाम बोर्डिंग स्कूल अब बंद  होने के लिये तैयार है। तीन महीनें के लिए स्कूल बंद रहेंगे जिससे शहर में भी सन्नाटा छा जाता है और मार्च के पहले हफ्ते में स्कूल खुलने पर मसूरी में एक बार फिर रौनक और चहल पहल दुबारा लौट जाती है।

 

शिक्षकों ने मुहैया कराया नौनिहालों को फर्नीचर

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विकासनगर/कालसी। भले ही सरकारी विद्यालयों में घटती छात्र संख्या के लिए शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराया जाता रहा हो, लेकिन कई शिक्षक ऐसे भी हैं जो इमानदारी से शिक्षण करने के साथ ही नौनिहालों को शिक्षा जारी रखने के लिए समाज के साथ मिलकर आवश्यक संसाधन भी मुहैया करा रहे हैं।

ऐसी ही पहल प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय डांडा के शिक्षकों ने विद्यालय प्रबंधन समिति के साथ मिलकर की है। यहां शिक्षकों व एसएमसी सदस्यों ने खुद के संसाधनों से अध्ययनरत पचास नौनिहालों को फर्नीचर मुहैया कराया है। जिससे सर्दी में जमीन पर बैठने से निजात मिली है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत बजट की कमी के चलते अधिकांश प्राथमिक विद्यालयों में सरकारी सुविधा के नाम पर सिर्फ नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तक व मध्याहन भोजन ही मिल रहा है। वहीं, अधिकांश विद्यालयों में नौनिहालों के लिए फर्नीचर उपलब्ध नहीं है। जिससे नौनिहालों को सर्दियों में भी जमीन पर बैठकर आखर ज्ञान लेना पड़ता है। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका अनीता चौहान ने बताया कि विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक में इस मसले को रखा गया था। जिसमें निर्णय लिया गया कि सरकारी बजट की राह देखने के बजाय शिक्षक व एसएमसी सदस्य अपने संसाधनों से फर्नीचर मुहैया कराएंगे। उन्होंने बताया कि प्रत्येक नौनिहाल को गुणवत्तापरक शिक्षा तभी मुहैया हो सकती है, जब उनके पास शिक्षा ग्रहण करने के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद हों। उन्होंने कहा कि प्रत्येक छात्र-छात्रा को उचित संसाधनों के साथ गुणवत्तापरक शिक्षा मुहैया कराना शिक्षक का नैतिक कर्तव्य है। इस दौरान शिक्षक अनिल तोमर, एसएमसी अध्यक्ष बारू सिंह नेगी, सदस्य राजेंद्र सिंह नेगी, ठेमिया नेगी, सीमा देवी, प्यारो देवी, गोपाल दास, खजान आदि मौजूद रहे।

शांतिकुंज में पढ़ेंगे झुग्गी-झोपड़ियों के बच्चे

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हरिद्वार। हरकी पौड़ी के निकटवर्ती झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले परिवारों के नौनिहाल अब गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में सुसंस्कारिता का पाठ भी पढ़ेंगे, तो वहीं संगीत व डांस की रुचि रखने वाले बच्चे अपनी प्रतिभा निखार सकेंगे। झुग्गी झोपड़ियों के इन बच्चों को पढ़ाने व उनकी प्रतिभा को विकसित करने के लिए एसएसपी कृष्ण कुमार वीके की धर्मपत्नी श्रीमती शीबा केके वीके व एएसपी रचिता जुयाल व एसपी सीटी ममता बोहरा ने पहल की और बच्चों में सुसंस्कारिता के बीच बोने के लिए शांतिकुंज का सहयोग माँगा। शांतिकुंज ने भी देश के भावी कर्णधारों को तैयार करने में अपना हाथ बढ़ाया। इन बच्चों के लिए चलाई जाने वाली बालसंस्कार शाला की श्रीमती शीबा केके वीके एवं शांतिकुंज व्यवस्थापक ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर शुभारंभ किया। इस अवसर पर बच्चों को संबोधित करते हुए शांतिकुंज व्यवस्थापक ने कहा कि बच्चे देश के भावी कर्णधार हैं। कच्ची उम्र में सुसंस्कारिता के बीज बोने से ये बच्चे सभ्य नागरिक के रूप मे विकसित होंगे। शांतिकुंज रचनात्मक प्रकोष्ठ के प्रभारी श्री केदार प्रसाद दुबे ने बच्चों को प्रेरणाप्रद कहानियों के माध्यम पढ़ाई के लिए प्रेरित किया, तो वहीं शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योगाभ्यास भी कराया। श्रीमती शीबा के अनुसार ये बच्चे नियमित रूप से शांतिकुंज के कुशल नेतृत्व में आगे बढ़ने के लिए सैद्धांतिक व व्यावहारिक प्रशिक्षण के हिस्से बनेंगे। इन बच्चों के प्रशिक्षण और भोजन की व्यवस्था भी शांतिकुंज कर रहा है। श्रीमती शीबा ने शांतिकुंज के उदारमना सहयोग के लिए बहुत सराहना की। इस अवसर पर शांतिकुंज के हरिमोहन गुप्ता, श्रीमती शीबा की टीम के सदस्य मीना कंडपाल, शुकिता मुंडेवी, क्षमा शर्मा आदि उपस्थित रहे।

विद्युत उपभोक्ताओं को किया जागरूक

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देहरादून। सामाजिक एवं रचनात्मक मुहीम “रंगोली आंदोलन” के तत्वावधान में आज देहरादून तगबहादुर रोड स्थित आराघर विद्युत सब स्टेशन के कैम्पस में विद्युत उपभोक्ताओं के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। उक्त आयोजन में देहरादून शहरी व ग्रामीण क्षेत्र सैकड़ों उपभोक्ताओं ने प्रतिभाग किया।
सोमवार को शिविर में बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के तकनीकी उप-निदेशक यशवर्धन डिमरी ने शिविर में मौजूद विद्युत उपभोक्ताओं को विस्तार से उपभोक्ताओं के अधिकारों के बारे में बताया। श्री डिमरी ने अपने सम्बोधन में कहा कि सबसे पहले उपभोकताओं को अपने मूल अधिकारों कि सम्पूर्ण जानकारी का होना आवश्यक है ।उपनिदेशक ने कहा कि बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बेहतर बनाने में उपभोक्ताओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने उपभोक्ताओं को बिजली के सदुपयोग का भी पाठ पढ़ाया।
शिविर में बतौर मुख्य वक्ता उत्तराखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के लीगल एडवाईजर एडवोकेड शिवांकू भट्ट ने कहा कि व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए राज्य विद्युत नियामक आयोग का गठन किया गया है। आयोग के गठन से पूर्व बिजली संबंधी समस्याओं का समाधान विद्युत बोर्ड के माध्यम से होता था । वैसे में उपभोक्ताओं की समस्याओं पर बहुत अधिक ध्यान नहीं दिया जाना संभव नहीं हो पाता था। धीरे-धीरे उपभोक्ताओं की ओर से बढ़तीशिकायतों को देखते हुए राज्य में विद्युत नियामक आयोग का गठन किया गया। जो कि प्रभावी रूप से उपभोक्ताओं के अधिकारों व कर्तव्यों के प्रति समय-समय जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं व विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा आयोजित गोष्ठियों व सेमीनारों के माध्यम से भी उपभोक्ता कि शिकायत व निस्तारण संबंधी अभियान चलाए जाते हैं।
शिविर में बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं ने अपनी-अपनी परेशानियों को रंगोली आन्दोलन के अभियान के मार्फत आयोग के अधिकारियों व विद्युत विभाग के अधिकारियों के सामने रखा । उपभोक्ता सेवा निवृत अधिकारी महेंद्र कुमार ने आयोग को सुझाव दिया कि बिजली का बिल दो महीने के बजाय एक महीने में दिया जाय जिससे उपभोक्ताओं पर अतरिक्त भार न पड़े । वहीं मोहकमपुर ग्रामीण से पहुंचे उपभोक्ता राजेंद्र बिष्ट ने विभाग कि शिकायत आयोग से की तो तौर्न्त संबन्धित अधिकारियों को शिविर में बुलाकर उपभोक्ता की शिकायत एक हफ्ते के भीतर निस्तारित करने के निर्देश दिये । जबकि नत्थुवाला से विनोद कपरुवान, अनुसूया प्रसाद सती ने भी अपनी समस्या से अवगत कराया । इसी बीच उत्तराखंड पुलिस के जवान महावीर पाण्डेय बताया कि ऑन लाईन बिजली बिल जमा करने के बाद भी उनका बिल जमा नहीं माना जा रहा और हर माह जमा किया गया बिल नए बिल में जोड़ा जा रहा है । आयोग से आए सदस्यों ने उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए उपभोक्ता से लिखित शिकायत मांगी और हफ्तेभर में निस्तारण का भरोषा दिया है ।
अतिविशिष्ट अतिथि के तौर पर एस डी ओ जगपाल सिंह ने भी अपने सम्बोधन में उपभोक्ताओं को कहा कि उपभोक्ता अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहें और एचएम आपकी सेवा के लिए हमेशा तत्पर हैं ।
रंगोली आंदोलन के संस्थापक व समाजसेवी शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’ ने बताया कि रंगोली आंदोलन एक गैर राजनीतिक मंच है यह एन जी ओ भी नहीं है बल्कि वह अपने संसाधनों व अपने सहयोगियों कि मदद से समय – समय पर अपनी सामाजिक मुहीम को गति देते हैं । मैठानी ने बताया कि रंगोली द्वारा बहुत जल्दी उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में भी उपभोक्ता जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाएगा। उन्होने उत्तराखंड राज्य विद्युत नियामक आयोगके अध्यक्ष सुभाष कुमार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज का यह शिविर आयोग के वक्ताओं कि उपस्थिती से ही सफल हो सका और आगे भी इसी तरह के सहयोग कि अपेक्षा कि जाती है।

सोलर वाटर सब्सिडी से विभाग को हो रहा नुकसान

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देहरादून। विद्युत उपभोक्ताओं के लिए आयोजित जागरूकता शिविर में सोलर वाटर सब्सिडी पर सवाल उठाते हुए कहा कि विभाग को नुकशान उठाना पड़ रहा है। आराघर विद्युत सबस्टेशन पर बिलिंग कलर्क मोहन पाठक ने शिविर में बताया कि आरघर स्टेशन को प्रतिमाह 15 से 20 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

उत्तराखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग से आए अधिकारियों के सामने विभाग कि समस्या को रखते हुए कहा कि उपभोक्ताओं को सब्सिडी सरकार द्वारा दिया जाना चाहिए न कि विभाग से। इसी तरह उन्होंने आयोग से मांग की कि शहर भर में सभी वेडिंग प्वाईंट बिना बिजली कनेक्सन चल रहे हैं जो कि ठीक शादी व्याह व पार्टियों के दरमियान बड़ी चालकी से उपभोक्ता के मार्फत पर्मिशन लेकर मामूली भुगतान कर अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान चला रहे हैं और विवाह में लगने वाली बिजली का खर्चा भी वेडिंग प्वाईंट मालिक उपभोक्ता से भरवाता है। उन्होंने आयोग को सुझाव दिया कि विशेष समारोह में अनुमति लिए जाने पर प्रतिदिन के हिसाब से एक नियत राशि तय कि जाय जिससे विभाग को भी लाभ मिलेगा।