केदारनाथ पुनर्निर्माण के मास्टर प्लान की समीक्षा की: मुख्य सचिव
मेडिकल टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा ऋषिकेश एम्स
ऋषिकेश एम्स बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं के लिए जाना जाता है जिसमें मेडिकल टूरिज्म आने वाला पहला हॉस्पिटल बनेगा। यूएस और न्यूयॉर्क के जैसा इलाज मरीजों को मिल पायेगा जिसमें मरीज से इलाज ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक और योग की तरफ भी आकर्षित होंगे।
मरीज को शारीरिक के साथ साथ मानसिक रुप से ठीक की जाएगी जो एक नया तरह का प्रयोग होगा जिसके लिए पैकेज दिए जाएंगे, यूँ तो ऋषिकेश एम्स हमेशा से ही सुर्खियों में बना रहा है लेकिन मेडिकल के क्षेत्र में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के नजरिए से देखा जा रहा है। इस तरीके का इलाज अभी तक सिर्फ विदेशों में मुमकिन था लेकिन ऋषिकेश एम्स मेडिकल के क्षेत्र में एक अलग तरह का प्रयोग बनाने जा रहा है।
मरीज को ना केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी स्वास्थ्य किया जाएगा।एम्स के निदेशक रविकांत का कहना है कि, “बहुत ही जीवन एबल पैकेज लोगों को दिए जाएंगे जिसमें जिस तरीके से न्यूयॉर्क और अमेरिका में वर्ल्ड लेवल का ट्रीटमेंट दिया जाता है उस तरीके का ट्रीटमेंट मरीज को देने की कोशिश की जाएगी जिससे जिसने बोल टेबल ऑफ़ कंफर्ट के साथ वर्ल्ड लेवल का ट्रीटमेंट रहेगा जो मानसिक रुप से भी मरीज को स्वस्थ करने में कारगर साबित होगी और मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।”
यह एक नईं तरह का प्रयोग है जो ऋषिकेश एम्स करने जा रहा है। मेडिकल क्षेत्र में इस तरह के नए प्रयोगों को करना काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है जिससे टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा ही और मेडिकल के क्षेत्र में ऋषिकेश एम्स की एक अलग पहचान कायम होगी।
पहाड़ों में बर्फबारी के आसार तो तराई क्षेत्रों में पसरा कोहरा
देहरादून। उत्तराखंड के पहाड़ी और तराई वाले क्षेत्रों में पिछले कई दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है।आने वाले दिनों में भी उत्तराखंड के पहाड़ों से लेकर मैदानों तक एक बार फिर ठिठुरन बढ़ेगी। तीन पहाड़ी जिलों में बारिश और हल्की बर्फबारी की संभावना बनी है। वहीं मैदानी जिलों में घने कोहरे से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले 24 घंटे में चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ की ऊंची पहाडिय़ों पर बारिश से लेकर हल्की बर्फबारी हो सकती है। शेष जिलों में मौसम शुष्क बना रहेगा।
गुरुवार की सुबह भी पर्वतीय जनपदों में धूप खिली हालांकि ठंड में कोई कमी नही है। वहीं मैदानी क्षेत्र में हरिद्वार, रुड़की, उधमसिंह नगर, हल्द्वानी में सुबह से ही कोहरा पसरा हुआ है। हालांकि यहां दिन में धूप खिल रही है, लेकिन सुबह और शाम को कोहरे से ठिठुरन बढ़ रही है।
मौसम विभाग के मुताबिक मैदानी जिले हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में अगले 24 घंटे में मध्यम से घना कोहरा छाया रहेगा। इससे तापमान सामान्य से नीचे रहने से कहीं-कहीं शीत दिवस की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक ”बिक्रम सिंह के मुताबिक तीन पहाड़ी जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों में ही बारिश और बहुत हल्की बर्फबारी हो सकती है। प्रदेश के अन्य जिलों में आसमान साफ रहने से लेकर आंशिक रूप से बादल छाए रहते हैं। उत्तरकाशी का न्यूनतम तापमान 2.6, मसूरी का शून्य और हरिद्वार का 3.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।”
यात्रियों को मिलेगी स्वच्छ बस, बसों में लगाया जा रहा कूड़ेदान
देहरादून। उत्तराखंड परिवहन निगम अब यात्रियों को साफ-सुथरे बसों में यात्रा कराने को ठान लिया है। बसों को साफ-सुथरा रखने के लिए परिवहन निगम द्वारा बसों में कूड़ेदान रखने का काम भी शुरू हो गया है। अब यात्रियों को मूंगफली के छिलके, बिस्कुट, नमकीन आदि के खाली पैकेट फेंकने के लिए जगह की तलाश नहीं करनी पड़गी। अगले लगभग 15 दिनों में उत्तराखंड परिवहन निगम के सभी बसों में कूड़ेदान रखे मिलेंगे।
बता दें कि वर्ष 2016 में देहरादून में राजपुर रोड पर रहने वाले एक युवक अमर बहादुर मौर्य ने बसों में यात्रियों द्वारा गंदगी न फैलाई जाए तथा स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में यात्रा के दौरान यात्रियों द्वारा मूंगफली के छिलके, बिस्कुट, नमकीन आदि के खाली पैकेट आदि फेंकने से होने वाली गंदगी का हवाला दिया था। श्री मौर्य ने प्रधानमंत्री से अपील की थी कि वह परिवहन निगम को निर्देशित करें कि सभी यात्री बसों में कूड़ेदान की व्यवस्था हो, ताकि यात्री खाली पानी की बोतलें, पैकेट आदि उसमें डाल सकें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया था कि नई बसों में विशेष रूप से कूडेदान लगवाए जाने चाहिए।
श्री मौर्य के इस पत्र पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लेते हुए प्रदेश के परिवहन सचिव को निर्देश दिया था कि सभी यात्री बसों में चालक की सीट के पास प्लास्टिक अथवा जूट के बने कूड़ेदान लगाए जाएं। वातानुकूलित और वाॅल्वो बसों का परिचालक हर यात्री के पास जाकर उससे मुंगफली के छिलके, बिस्कुट आदि के खाली पैकेट अथवा पानी की खाली बोतलें संग्रहित करने का अनुरोध करेंगे। उन्होंने यह भी निर्देश दिए थे कि जब भी नई बसों की खरीद की जाए तो उसमें स्थाई रूप से कूड़ेदान बनवायें जाएं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने अमर बहादुर मौर्य को अलग से पत्र लिखकर इस तरह का श्रेष्ठ सुझाव भेजे जाने की सराहना भी की थी। लम्बा समय बीत जाने के बाद अब उत्तराखंड परिवहन निगम ने इस ओर ध्यान दिया है। निगम की बसों में जल्द हीे कूड़ेदान रखे मिलेेंगे। यात्रियों को साफ-सुथरे बस यात्रा के लिए मिलेंगे।
उत्तराखंड परिवहन निगम के महाप्रबंधक, संचालन दीपक जैन ने बताया कि निगम की वोल्वो बसों में कूड़ेदान की व्यवस्था कर दी गई है और अन्य साधारण बसों में अगले 15 दिनों में कूड़ेदान रखावा दिया जाएगा।
एतिहासिक लाॅर्ड कर्जन रूट से उठाया तीन कुंतल कूड़ा
गोपेश्वर। उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन के लिए प्रसिद्ध लार्ड कर्जन ट्रेक रूट पर विखरे तीन कुंतल से अधिक कूडा एकत्र कर उसे अपने साथ जोशीमठ उसके री-साइकिलिंग के लिए नगरपालिका जोशीमठ को सौंपा गया। यह कार्य हिमालय के दर्शन कराने वाली संस्था वाइल्ड हिमालया एडवेंचर ने किया।
वाइल्ड हिमालया एडवेंचर के संजय कुंवर ने बताया कि प्रसिद्ध लार्ड कर्जन ट्रेक रूट के प्रति देशी विदेशी पर्यटकों को आकर्षण रहता है इसलिए वर्षों से पर्यटक इस ट्रेक रूट पर आते है मगर जाने अंजाने में उनसे इस रूट पर उनसे कूडा छूट जाता है। वाइल्ड हिमालया एडवेंचर ने स्वच्छ भारत, स्वच्छ पर्यटन संदेश के तहत इस रूट पर बिखरे कूडे को एकत्र किया जो लगभग 303 किलो था जिसमें प्लास्टिक कूडा भी शामिल था। वाइल्ड हिमालया एडवेंचर से जुडे सदस्यों ने औली, गौरसों, ताली, खुलारा, कुलिंग, तुगासी क्षेत्र से पर्यटकों और ट्रेकर्स के फेंके गये जैविक, अजैविक कूडे को अपने साथ लेकर उसे जोशीमठ के बेस कैंप में पहुंचाया तथा उसे वन विभाग के मार्ग निर्देशन पर उसे नगर पालिका को सौंपा। अब पालिका इसे री साइकिलिंग करेगी। वाइल्ड हिमालया एडवेंचर के दिनेश भट्ट ने बताया कि इंडिया हाइक ग्रुप ने भी इस अभियान ने भी अपना साथ दिया तथा 50 बोरों में इस कूडे को भर कर जोशीमठ पहुंचाया।
क्या है लार्ड कर्जन रोड
ब्रिटिश काल में वायसराय लार्ड कर्जन उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र की साहसिक यात्रा करना चाहते थे। अपने कार्यकाल में उनके प्रस्तावित विजिट को देखते हुए ग्वालदम से कुंआरी पास तक एक ट्रेक रूट पर 70 किमी का लंबा रूट बनाया गया जो कहीं पर दस हजार फीट की उंचाई को भी छूता है। हालांकि लार्ड कर्जन को उन पर लगे आरोप के कारण ब्रिटिश किंग ने वापस बुला दिया और वे इस इस रूट पर नहीं आ पाये। इसलिए साहसिक पर्यटन की दृष्टि से इसे आज लार्ड कर्जन रोड के नाम से जाना जाता है।
पीएमओ ने लिया चिप्स के पैकेट में खिलौने डालने वाली शिकायत का संज्ञान
देहरादून। बच्चों को लुभाने के लिए चिप्स व खाने-पीने की वस्तुओं के पैकेट में प्लास्टिक के खिलौने आदि डालने की शिकायत का संज्ञान पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) ने लिया है। देहरादून निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता अजय कुमार की शिकायत पर उचित कार्रवाई के लिए पीएमओ ने इस प्रकरण को केंद्र के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, वाणिज्य विभाग व एफएएसएसएआइ (फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) को भेजा है।
आरटीआइ कार्यकर्ता अजय कुमार ने पीएमओ को भेजी शिकायत में कहा था कि अपने उत्पाद बेचने के लिए कंपनियां बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। कई बार छोटे बच्चे पैकेट में मौजूद खाद्य पदार्थों व प्लास्टिक के खिलौनों में भेद नहीं कर पाते और खिलौनों को भी निगल जाते हैं। उन्होंने आंध्र प्रदेश के गोदावरी जिले के इलूरा नगर की घटना का जिक्र करते हुए पीएमओ को बताया कि एक चार वर्षीय बच्चे ने टमाटर के चिप्स खाते समय पैकेट में पड़े प्लास्टिक की खिलौनानुमा वस्तु को भी निगल लिया था। वह वस्तु बच्चे के गले में फंसने से उसकी मृत्यु हो गई थी। उन्होंने मांग उठाई कि कंपनियों को निर्देश जारी किए जाएं कि वह बच्चों के खाने-पीने की वस्तुओं के पैकेट में इस तरह के खिलौने न डाले।
राष्ट्रगान पर प्रशासन के आदेश का इंतजार
देहरादून। सुप्रीम कोर्ट के सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाने की अनिवार्यता खत्म करने के आदेश के बाद सिनेमाघर संचालक व व्यवस्था संभाल रहे अधिकारी प्रशासनिक आदेश का इंतजार कर रहे हैं। अभी सभी सिनेमाघरों में फिल्म का शो शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाया जा रहा है।
उत्तरांचल सिनेमा फेडरेशन के अध्यक्ष सुशील अग्रवाल के मुताबिक अस्सी के दशक में भी सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने की अनिवार्यता की गई थी। उस समय भी सिनेमा संगठनों ने इसे यह कहते हुए अनुचित ठहराया था कि सिनेमा हॉल में कई बारी हूटिंग भी होती है और देश के सम्मान से जुड़े राष्ट्रगान के लिए यह स्थिति किसी भी दशा में उचित नहीं। इसके बाद इस अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया था। 30 नवंबर 2016 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राष्ट्रगान को फिर से अनिवार्य कर दिया गया और सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाया जाने लगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश में इसकी अनिवार्यता को समाप्त किया जाना पूरी तरह से उचित निर्णय है और इसका भी सम्मान किया जाता है। हालांकि राष्ट्रगान बजाने तभी बंद किया जाएगा, जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य कोई प्रशासनिक आदेश जारी करेगा। वहीं, सिल्वर सिटी मल्टीप्लेक्स के निदेशक सुयश अग्रवाल की मानें तो फिल्म के शो के अलावा स्क्रीन पर विज्ञापन के अलावा तमाम सामाजिक संदेशों के प्रसारण का भी दबाव रहता है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश इस लिहाज से भी पूरी तरह जायज है। इसी तरह सिटी जंक्शन मॉल में कार्निवाल सिनेमा के यूनिट हेड विशाल रावत भी सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने की अनिवार्यता को समाप्त करने के आदेश को उचित मान रहे हैं। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश के बाद मनोरंजन कर विभाग (अब जीएसटी में मर्ज हो चुका) ने एक आदेश जारी किया था और तभी से हर शो के बाद राष्ट्रगान बजाया जा रहा है। हालांकि राष्ट्रगान बजाना तभी बंद या जारी रखा जाएगा, जब प्रशासनिक या कार्निवाल सिनेमा समूह की तरफ से कोई आदेश प्राप्त होगा।
महानदी गंगा की सहायक कोसी के पुनर्जन्म के कार्य तेज
रानीखेत। महानदी गंगा की सहायक कोसी नदी के पुनर्जन्म के लिए आखिरकार भगीरथ प्रयास तेज हो गए हैं। पिछले ढाई दशक से शोध में जुटे भौगोलिक सूचना विज्ञान केंद्र के निदेशक प्रो. जीवन सिंह रावत की अध्ययन रिपोर्ट के आधार पर चिह्नित सभी 14 रिचार्ज जोन के संरक्षण को कदम बढ़ा लिए गए हैं। शुरुआत गैरहिमानी नदी के 46.75 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैले प्रमुख रिचार्ज जोन स्याही देवी से कर दी गई है।
दरअसल कोसी नदी के पुनर्जन्म के लिए स्याही देवी को प्रमुख रिचार्ज जोन माना गया है। वजह यहां से निकलने वाले दिग्गी गधेरा पहला व दूसरा, डासी, लिमिरौ, भैसिरौ, ऐड़िरौ, चिलमिया गधेरा सदानीरा कोसी नदी को जल की भरपूर खुराक देते आए हैं। वर्तमान में इनके खुद का वजूद संकट में है। चूंकि ये गधेरे करीब 1800 मीटर की ऊंचाई से निकलते हैं। प्रो. रावत के अनुसार इन्हें रिचार्ज करने के लिए सभी जैविक और यांत्रिक उपचार 1800 मीटर से अधिक ऊंचाई पर ही करने होंगे। इसी समीकरण को आधार बना प्रशासन ने वन विभाग, खंड विकास कार्यालय, वन पंचायत तथा ग्रामीणों को साथ लेकर नई पहल शुरू की है। स्याही देवी क्षेत्र के बिराड़ी गधेरे से पहले चरण में पौधरोपण का कार्य शुरू कर दिया गया है, जो भविष्य में स्याही देवी के 46.75 वर्ग किमी में गधेरों के स्रोत से ऊंचाई वाले स्थानों पर जारी रहेगा। इस कार्य को वृहद अभियान चलाकर शुरू किया जाएगा।
गढ़वाली,कुमाऊंनी व जौनसारी में ट्रैफिक जागरुकता के लिए जारी होगा संदेश
अब राज्य की सड़कों पर अगर आप ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिये गढ़वाली या कुमाउंनी में संदेश सुने तो हैरानी न करें। मंगलवार को डीजीपी अनिल के रतूड़ी, ने राज्य की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए कहा कि ”फिलहाल यातायात व्यवस्था बेहतर बनाना पुलिस का मुख्य कार्य हो गया है क्योंकि जनता इससे ज्यादा प्रभावित है।जेसे कि उत्तराखण्ड राज्य पर्यटन प्रधान राज्य है और अधिक से अधिक संख्या में लोगों का आगमन यहाँ हो रहा है जिससे सड़कों पर भी यातायात का दबाव बढ़ रहा है । हमें अपने सीमित संसाधनों का प्रयोग करके जनता के हित में कार्य करना है।”
इस बैठक में कुछ खास बिन्दुओं पर विचार-विमर्श किया गयाः-
- दुर्घटना सम्भावित/बोटल नेक/ब्लैक स्पॉट स्थानों का चिन्हीकरण कर सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु चेतावनी बोर्ड लगाये जायेंगे।
- हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर में 100-100 तथा जनपद पौड़ी एवं टिहरी में 30-30 यातायात कर्मियों की नियुक्ति होगी।
- सड़कों पर अतिक्रमण के खिलाफ 133 सीआरपीसी के अन्तर्गत कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
- समस्त जनपदों में नये पार्किंग स्थल विकसित किये जाने का निर्णय लिया गया।
- सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारणों जैसे ड्रंकन ड्राईविंग, रेड लाईट जम्पिंग, ओवर स्पीड, ओवर लोड़िंग, रैश ड्राईविंग, एवं मालवाहक वाहनों में सवारी बैठाना में शत-प्रतिशत डीएल निरस्तीकरण की कार्यवाही करने हेतु भी निर्देशित किया गया।
- पार्किंग स्थलों, बाईपास, फ्लाईओवर के निर्माण एवं सड़कों के सुधारीकरण हेतु अन्य सम्बन्धित विभागों एम0डी0डी0ए0,पी0डब्लू0डी0,एन0एच0आई0ए0 आदि से समन्वय स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है।
- प्रधानमंत्री भारत सरकार के निर्देशनुसार यातायात जागरुकता हेतु प्रदेश की स्थानीय बोलियों (गढ़वाली,कुमाऊंनी व जौनसारी) में यातायात जागरुकता संदेश सोशल मीडिया के माध्यम से भी प्रचारित-प्रसारित करने हेतु भी निर्देशित किया गया।
बैठक में एडीजी अशोक कुमार, एडीजी राम सिंह मीणा, समेत तमाम आला अधिकारी मौजूद रहे। केवल खुराना निदेशक ट्रैफिक पुलिस ने न्यूज़पोस्ट टीम से बातचीत में बताया कि, ‘आने वाले 16 जनवरी से हम पूरे प्रदेश में 5 भाषा यानि की हिंदी,अंग्रेजी,गढ़वाली,कुमाऊंनी और जौनसारी में ट्रैफिक से सभी संदेश चाहें वह रुट डायवर्ट हो या कोई भी ट्रैफिक से संबंधित बात हो उसे प्रदेश की पांच भाषाओं में अपने फेसबुक पेज और बाकी सोशल मीडिया के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएंगें।इसके तहत यातायात पुलिस डिपार्टमेंट ऑडियो क्लीप भी इन पांच भाषाओं में बनाएगा।”
वहीं दूसरी तरफ सोच संस्था के फाउंडिंग सदस्य दीप नेगी जो प्रदेश की भाषा के अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं उनका कहना हैं कि यह वाकई एक सराहनीय पहल है जिसके चलते हमारी भाषा को ना केवल नई पहचान मिलेगी बल्कि धीरे-धीरे दूसरे विभागों में भी इसे महत्ता मिलेगी।
कांग्रेस संवेदनहीन, मृत्यु पर कर रही राजनीति : भाजपा
देहरादून। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने ट्रांसपोर्टर प्रकाश पाण्डेय की मृत्यु पर कांग्रेस के बयानों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस व कांग्रेस नेता पूरी तरह से संवेदनहीन हैं। वे किसी की मृत्यु पर भी राजनीति करने लगते हैं। यह मौका राजनीति करने का नहीं है।
बुधवार को एक बयान में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने प्रकाश पांडेय के निधन पर कांग्रेस नेताओं के बयानों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि यह कांग्रेस नेताओं की छोटी मानसिकता का परिचायक है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं द्वारा प्रकाश पाण्डेय की मृत्यु को हत्या कहे जाने की भर्त्सना करते हुए कहा कि यह कांग्रेस की जनता को गुमराह करने की कोशिश है। लेकिन जनता सब जानती है।
अजय भट्ट ने प्रकाश पांडेय की मृत्यु के घटना क्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसे कई सवाल हैं जिनका उत्तर मिलना जरूरी है। उन्होंने सवाल किया कि प्रकाश पांडेय के भाजपा कार्यालय आने से पूर्व उनके बयान का जो वीडियो सामने आया वह किसने बनाया, क्या कोई व्यक्ति उस समय उनके साथ था, वीडियो में पांडेय ने वीरेन्द्र नामक जिस व्यक्ति का नाम लिया वह कौन है। भट्ट ने यह सवाल भी उठाया कि इस वीडियो को बनाये जाने के समय यदि प्रकाश पांडेय ने जहर खा लिया था तो उन्हें अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया, साथ ही उनके भाजपा कार्यालय आने का पूरा घटना क्रम क्या था। उन्होंने कहा कि सवाल यह भी है इस वीडियो को किसने सबसे पहले वायरल किया।
भट्ट ने कहा कि पाण्डे जिंदा दिल इंसान थे । फिर ऐसा क्या हो गया कि उन्होंने इतना बड़ा फैसला ले लिया? साथ ही जीएसटी भी काफी कम हो गई थी ।पहले जहां 9 प्रतिशत कर लगता था वह घटा कर 5 प्रतिशत किया जा चुका था। ये सारे सवाल स्वयं में महत्वपूर्ण हैं। मुख्यमंत्री द्वारा इस मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के जो आदेश दिए हैं उनसे मामले का खुलासा हो जायेगा। भट्ट ने कहा कि इस मामले को जो लोग सरकार को दोषी ठहराने के प्रयास कर रहे हैं वे जनता का ध्यान इन तथ्यों से हटाना चाहते हैं कि जैसे ही पांडेय द्वारा जहर खा लेने की बात सामने आई उन्हें मंत्री के वाहन से तुरंत अस्पताल ले जाया गया और उसके बाद हर सम्भव उपचार कराया गया। मुख्यमंत्री के ओएसडी दिन रात अस्पताल में रहे। भट्ट ने कहा कि हत्या तो कांग्रेस सरकार के समय 2014 में रामनगर डिग्री कालेज के छात्र नेता रोहित की हुई थी जो आग में जलता रहा पर उसकी कोई मदद नहीं की गई। भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड में हमने अपना एक होनहार साथी खोया है और कांग्रेस उस पर राजनीति की रोटियां सेक रही है। इससे अधिक निम्न स्तर की बात और क्या हो सकती है।