देहरादून। महिला सशक्तिकरण, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और कन्या भ्रूण हत्या रोकने को लेकर एक कार रैली का आयोजन किया गया। खास बात यह रही कि इसमें केवल महिला ड्राइवरों ने ही हिस्सा लिया।
रविवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास से फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री(फिक्की) की वूमन बिजनेस शाखा फिक्की लेडीस ऑर्गेनाईजेशन(फिक्की फ्लो) की ओर से आयोजित महिला कार रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली का उद्देश्य महिला सशक्तीकरण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं व कन्या भ्रण हत्या को रोकना था। इस कार रैली में सिर्फ महिला ड्राइवरों ने भाग लिया। पुरुष सहभागी केवल यात्री के रूप में शामिल हुए। इस महिला कार रैली में 60 गाड़िया शामिल थीं। राज्यभर में विभिन्न शहरों से महिलाओं ने कार रैली के लिए पंजीकरण कराया। रैली का समापन और पुरस्कार वितरण समारोह मसूरी डायवर्जन स्थित अंतारा सीनियर लिविंग में होगा। बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं अभियान के लिए महिला कार रैली के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं व बधाई देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि महिला सशक्तिकरण व भ्रूण हत्या रोकने के उद्येश्य से संचालित इस रैली का आरम्भ मुख्यमंत्री आवास से हो रहा है। राज्य के कुछ जिलों में आठ महीने पहले लिंगानुपात कम पाया गया। पिथौरागढ़ जिले में यह 813 तक हो गया था। आज पिथौरागढ़ जिले में यह 914 तक हो गया है। महिला सशक्तिकरण व भ्रू हत्या रोकने के लिए हमें सतत प्रयास करने होंगे।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र के नेतृत्व में राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में ठोस प्रयास कर रही है। राज्य में दो महिला बैंक आरम्भ हो चुके है। प्रत्येक जिले में एक-एक महिला बैंक मार्च तक आरम्भ कर दिए जाएंगे। राज्य के विश्वविद्यालयो में 62 प्रतिशत छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही है। विश्वविद्यालयों में छात्राओं के सर्वाधिक प्रतिशत वाला उत्तराखण्ड प्रथम राज्य है। तीन लाख छात्र-छात्राओं को बीमा सुविधा दी जा रही है। छात्र-छात्राओं को आईआईटी जैसे उच्च शिक्षण संस्थाओं व प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग उपलब्ध कराई जा रही है। इस अवसर पर फिल्म लेखक व निर्देशक अली अब्बास जफर ने कहा कि आज प्रत्येक क्षेत्र में महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहे है। हमें नई सोच को अपनाते हुए महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य करना होगा। इस अवसर पर देश के विभिन्न भागों से आई प्रमुख एफएलओ सदस्य उपस्थित थीं।
बेटी बचाओ मुहिम के तहत महिलाओं ने निकाली कार रैली
हिन्दू-बौद्ध अनुयायियों ने एक साथ मनाया मकर संक्रान्ति पर्व
ऋषिकेश, परमार्थ निकेतन में स्नान, दान, ध्यान, यज्ञ एवं गंगा तट की स्वच्छता के साथ विदेशी सैलानियों एवं लद्दाख से आए बौद्ध धर्म गुरू लामा, अनुयायी युवा भिक्षुनियां ने ऋषिकुमारों के साथ मकर संक्रांति पर्व को उल्लास के साथ मनाया।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज एवं साध्वी भगवती सरस्वती के सानिध्य में मकर संक्रान्ति का पर्व को परमार्थ में आए अनुयायियों ने मनाया। इस मौके पर चिदानन्द सरस्वती ने मकर संक्रान्ति के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि परम्परा के अनुसार पौष माह में सूर्य मकर राशी में प्रवेश करता है, उस दिन मकर संक्रान्ति का पर्व मनाया जाता है। यह अनेक बदलावों और संकेतों को जन्म देता है। मकर संक्रान्ति अर्थात अन्धकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होना। हमारे जीवन में भी जो अज्ञान रूपी अन्धकार है; प्रकृति में प्रदूषण रूपी जो अन्धकार है उसे समाप्त कर प्रकाश की ओर; सकारात्मकता की ओर; स्वच्छता की ओर अग्रसर होना ही संक्रान्ति है।
स्वामी ने कहा कि, “आज गंगा के तट पर हम देश की दो महान संस्कृतियों के संगम को देख रहे है यह मिलाप समरसता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। मिलना और भीतर के मैल को मिटा देना ही मकर संक्रान्ति है। आज हर हृदय में मिलन का सूर्य उदय हो; स्नान, ध्यान, दान और सबका करे सम्मान यही है मकर संक्रान्ति पर आहृवान।”
लद्दाख और परमार्थ निकेतन मिलकर स्वच्छता, शिक्षा, योग, ध्यान एवं शान्ति के लिए मिलकर कार्य करेंगे, इससे दो संस्कृतियों के आदन-प्रदान के साथ युवा पीढ़ियों में सहयोग एवं समरसता के गुणों का भी उद्भव होगा।
इस मौके पर सनातन धर्म और बौद्ध धर्म के अनुयायी जिसमें हिन्दू धर्म के ऋषिकुमारों एवं बौद्ध धर्म की युवा भिक्षुनियों ने मिलकर मां गंगा के तट पर विश्व शन्ति के लिए प्रार्थना की और स्वामी की प्रेरणा से इन नन्हीं-नन्हीं बौद्ध कन्याओं ने पौधा रोपण कर पर्यावरण को समर्पित हरित मकर संक्रान्ति मनायी।
लद्दाख से आयी बौद्ध युवा भिक्षुनियां ने परमार्थ निकेतन में जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती से गीता, भारतीय आध्यात्म एवं जीवन मूल्यों के विषय में मार्गदर्शन प्राप्त कर रही है। इस मौके पर स्वामी महाराज एवं साध्वी के सानिध्य में मां गंगा के तट पर नदियों की स्वच्छता के संकल्प के साथ बौद्ध धर्मगुरू लामा, युवा बौद्ध भिक्षुनियों एवं ऋषिकुमारों ने मिलकर विश्व ग्लोब (वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी) का जलाभिषेक किया।
हावड़ा-दून सहित कई ट्रेनें पहुंची लेट, लिंक रद्द
देहरादून। राजधानी देहरादून से जाने वाली दून हावड़ा एक्सप्रेस सहित आधा दर्जन से अधिक गाड़ियां घंटों विलंब से देहरादून पहुंची, जबकि लिंक एक्सप्रेस अप और डाउन दोनों रद्द रही। जिस कारण यात्रियों व उनके परिजनों को कड़ाके की ठंड में परेशानी झेलनी पड़ी।
रविवार को हावड़ा से चलकर देहरादून आने वाली हावड़ा-दून एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय 7:35 मिनट से लगभग 6:30 मिनट विलंब से दून पहुंची। वहीं इलाहाबाद से देहरादून आने वाली लिंक एक्सप्रेस आज नहीं आई। जिस कारण यहां से लिंक रवाना नहीं हो पाई। दिल्ली रोहिला सराय से देहरादून आने वाली मसूरी एक्सप्रेस और अमृतसर-देहरादून लाहोरी एक्सप्रेस एक-एक घंटे देर से पहुंची, जबकि कोच्चीवली-देहरादून एक्सप्रेस तीन घंटे विलंब से पहुंची। ट्रेनों की लेटलतीफी के कारण यात्रियों व उसकों परिजनों को इंतजार में दो-चार होना पड़ा। दिल्ली से चलकर देहरादून आने वाली शताब्दी और जनशताब्दी अपने तय समय से एक-एक घंटे की देरी से आई। वहीं नंदा देवी एक्सप्रेस डेढ़ घंटे की देरी से पहुंची।
स्टेशन अधीक्षक सीताराम सोनकर ने बताया कि मैदानी इलाकों में घना कोहरा पड़ने के कारण लंबी दूरी की कई गाड़ियां अपने तय समय से विलंब चल रही हैं। आज लिंक एक्सप्रेस अप और डाउन दोनों नहीं आईं। उन्होंने बताया कि दून से सभी गाड़ियों को समय से रवाना किया गया। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विभाग की ओर से सावधानी बरती जा रही है।
तराई में बिखरी पहाडी की संस्कृति की छटा
रुद्रपुर, उत्तरायणी मेले में पारम्परिक वाध्य यंत्रों के साथ ही पारमपरिक वेष भूषा के साथ गीतों की जुगलबंदी से पहाड़ी संस्कृति छटा तराई में देखने को मिली। गीत संगीत से सजी इस महफिल ने लोगों को पहाड़ की संस्कृति से रूबरू कराया। इस दौरान कलाकारों ने एक से बढ़कर एक गीतों की प्रस्तुति दी।
पर्वतीय संस्कृति पर आधारित लोक नृत्य और लोक गायक शेखर अधिकारी के गीतों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। राज्य की नंदा राजजात यात्रा की झांकी लोगों के आकर्षण का केंद्र रही। रुद्रपुर में शैल सांस्कृतिक समिति की ओर से 20 सालों से उत्तरायणी महोत्सव मनाया जा रहा है।
गांधी पार्क के विशाल मैदान में स्थानीय कलाकारों ने सभी का दिल जीत लिया। गीत संगीत के बीच सुरों का जमकर धमाल देखने को मिला। पीएसी रुद्रपुर की बैंड टोली और सोर घाटी पिथौरागढ की टोली ने छोलिया नृत्य प्रस्तुत कर सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। लोक गायक शेखर अधिकारी, न्यू वुडलैंड एकेडमी, स्पार्क मिंडा, अशोक मिंडा ग्रुप और परिवर्तन सेवा समिति चकरपुर खटीमा की रंगारंग प्रस्तुति ने धमाल मचाया। महोत्सव में व्यापारिक स्टाल, औद्योगिक स्टॉल, खानपान के स्टॉल और पर्वतीय खाद उत्पादों का मेले में पहुंचे लोगों ने जमकर खरीदारी की।
व्हील चेयर पर बैठ कर खेलेंगे क्रिकेट, आठ मार्च से होगा टूर्नामेंट
रुद्रपुर, क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक बड़ी खुशी की खबर है कि उनके शहर में त्रिकोणीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच का आयोजन आठ मार्च से शुरू होगा। टूर्नामेंट में भारत के अलावा बंग्लादेश और नेपाल की टीमें शिरकत करेंगी। इस तरह की अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट श्रृंखला शहर के गांधी पार्क में पहली बार आयोजित हो रही है, कुमाऊं कप के रूप में यह श्रृंखला होगी।
डिसेबल्ड स्पोर्टिंग सोसायटी के जनरल सेकेट्री हारुन रशीद ने बताया कि, “रुद्रपुर शहर के क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह खबर किसी तोहफे से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह का यह पहला अंतर्राष्ट्रीय आयोजन शत प्रतिशत यहां के निशक्तजनों के लिए प्रेरणाश्रोत साबित होगा। उन्हें भी क्रिकेट में दिलचस्पी होगी तो वे भी कभी अंतर्राष्ट्रीय खेल का हिस्सा बन सकते हैं। हालांकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि का आंकलन उनके खेल पर ही निर्भर होगा।”
रशीद ने बताया कि यह क्रिकेट बिल्कुल अलग और हैरतंगेज है। इस अंतर्राष्ट्रीय श्रृंखला में ऐसे खिलाड़ी नजर आएंगे जिनका शरीर 80 फीसदी तक निशक्त है, जो बिना व्हीलचेयर के एक कदम भी नहीं चल सकते। ऐसे खिलाड़ी यहां के निशक्तों के लिए वरदान की तरह साबित होंगे। यह निशक्त खिलाड़ी जब फिल्डिंग के दौरान चौका रोकने के लिए डाइव लगाते हैं तो खेल प्रेमियों के रौंगटे खड़े हो जाते हैं। यह वही क्रिकेट है जो आईपीएल चैम्पियन ट्राफियों की तरह खेली जाती है। लिहाजा यह व्हीलचेयर क्रिकेट खेल प्रेमियों को आईपीएल से भी ज्यादा मजा देगी।
जंगल में लकड़ी लेने गए अधेड़ को हाथी ने मार डाला
हरिद्वार, भेल से सटे इलाकों में जंगली जानवरों का आतंक रुकने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन जंगली जानवरों के रिहायशी इलाकों में आने की घटनाएं तो आम हैं, लेकिन अब आम लोगों को भी निशाना बनाने लगे हैं। ऐसा ही एक मामला भेल से सटे जंगल में हुआ। लकड़ी बीनने जंगल गए चन्दर (50 ) को हाथी ने मार डाला। जबकि दूसरे व्यक्ति ने भागकर जान बचाई। कई घंटे की खोजबीन के बाद पुलिस और वन विभाग की टीम ने मृतक का शव बरामद किया।
टिबड़ी बस्ती निवासी जयराम और चंदर शनिवार शाम लकड़ी बीनने के लिए जंगल में गए थे। लकड़ी बीनते समय दोनों का सामना हाथी से होे गया। हाथी को देख दोनों के हाथ पांव फूल गए और वह जान बचाने के लिए जंगल से भागे। बताया कि देर शाम जयराम घर वापस लौट आया लेकिन चंदर घर नहीं लौटा। चंदर के घर वापस न आने पर परिजनों और आसपास के लोगों ने जंगल में उसकी खोजबीन की पुलिस और वन विभाग को भी घटना के संबंध में जानकारी दी गई। काफी मशक्कत के बाद जंगल के अंदर चंदर का शव बरामद हुआ।
रानीपुर कोतवाली प्रभारी ऐश्वर्य पाल ने बताया कि जयराम और चंदर को जंगल में हाथी मिल गया था। जयराम बचकर घर लौट आया है, लेकिन चंदर को हाथी ने पटकर कर मार डाला। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
साइबर क्राइम रोकने के लिए चलाया जागरुकता अभियान
गोपेश्वर, चमोली पुलिस ने साइबर क्राइम को रोकने के लिए एक अभियान चलाकर जनता को जागरूक किया। खासकर अभियान चमोली जिले के सुदरवर्ती क्षेत्र घाट और नारायणबागड़ में चलाया गया।
चमोली थाना प्रभारी दीपक रावत और घाट पुलिस चौकी प्रभारी विनोद गोला ने रिर्पोटिंग चौकी घाट व थाना चमोली में व्यापार मंडल, टैक्सी यूनियन, जनप्रतिनिधियों और सीएलजी ग्रुप मेंबरों की एक बैठक की। यहां आए लोगों को एटीएम फ्राॅड और साइबर क्राइम की जानकारी देकर उन्हें जागरूक किया। साथ ही बाहर से आकर यहां रहने वाले लोगों का सत्यापन के प्रति जनसहयोग मांगा गया। साथ ही अपराध से जुड़ी समस्याओं, यातायात और कानून व्यवस्था पर चर्चा की गई। वहीं नारायणबागड़ में थानाध्यक्ष शशिभूषण,चौकी प्रभारी हेमकांत सेमवाल ने उतरायणी मेले में बैंक फ्राड, एटीएम फ्राॅड के विरुद्ध चलाए जा रहे जनजागरुकता अभियान के तहत बच्चों में नशे के प्रति बढ़ती प्रवृति पर भी जानकारी दी
लक्ष्मण झूला क्षेत्र में चलाया स्वच्छता अभियान
ऋषिकेश, स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरणा लेकर लक्ष्मण झूला क्षेत्र में योगा विधा स्कूल के तत्वावधान में चलायी जा रही स्वच्छता की मुहिम रविवार को भी जारी रही। स्कूल प्रबधन द्वारा क्षेत्रवासियों के साथ मिलकर सुबह जोरदार तरीके से क्षेत्र में स्वच्छता अभियान चलाया गया।
टीम का नेतृत्व कर रहे योगाचार्य प्रशांत शुक्ला और योगाचार्य प्रशांत जखमोला ने क्षेत्रवासियों को बताया कि तमाम बीमारियों का कारण साफ-सफाई का न होना है। इसलिए स्वच्छता पर ध्यान देने की जरूरत है। इस दौरान कुलदीप बिष्ट, राहुल प्रताप, रेशमा, संध्या, मीनू, रेखा, आशीष समेत कई विदेशी नागरिक भी मौजूद थे।
मकर संक्राति पर विधायक ने बांटे जरूरतमंदों को कम्बल
देहरादून, मकर संक्राति एवं उत्तरायणी त्यौहार के अवसर पर मसूरी विधायक गणेश जोशी ने असहाय एवं जरुरतमंदों को खिचड़ी, गर्म कपड़े एवं कम्बल वितरित किए। इससे पूर्व उन्होंने टपकेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव रुद्र्धाभिषेक भी किया।
जोशी ने उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध त्यौहार घुघुती एवं उत्तरायणी के पावन पर्व की प्रदेशवासियों बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि, “मकर संक्राति के दिन सूर्य दक्षिणार्थ से उत्तराणर्थ की तरफ हो जाते हैं और आज के दिन से ही देव पक्ष के दिन प्रारम्भ होते हैं। सनातन धर्म में आज के दिन बड़ा ही महत्व है। इस दिन, माह और वर्ष की शुरुआत जरुरतमंदों के बीच दान-पुण्य कर किए जाने का प्रावधान है।”
उन्होंने बताया कि सफल वैवाहिक जीवन के नया वर्ष भी आज से प्रारम्भ हुआ है। इसलिए इस महत्वपूर्ण दिन को देवों के देव महादेव का आर्शीवाद प्राप्त करना तथा वंचितों एवं जरुरतमंदों की सेवा कर उन्हें अत्यधिक आत्मीय सुख एवं शांति का अहसास होता है।
आरएसएस ने मकर संक्रांति पर दिया समरसता का संदेश
देहरादून, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा प्रदेश भर में मकर संक्रांति उत्सव को समसरसता पर्व के रूप में मनाया गया है। इस मौके पर जगह-जगह स्वयंसेवकों ने सेवा बस्ती के बीच खिचड़ी वितरित कर समरसता का भाव जागृत किया। विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री संजय कुमार ने बताया कि मकर संक्रांति पर्व संघ की शाखाओं पर मनाए जाने वाले छह उत्सवों (वर्ष प्रतिपदा, हिन्दू साम्राज्य दिवस, गुरु पूर्णिमा, रक्षा बंधन, विजयादशमी एवं मकर संक्रांति) में से एक है। उन्होंने बताया कि संघ और उसके अनुषांगिक संगठनों की ओर से राज्य भर में यह पर्व मनाया गया।
देहरादून महानगर में दून मेडिकल कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में प्रांत व्यवस्था प्रमुख सुरेन्द्र मित्तल ने डॉक्टर परिवारों को संबोधित करते हुए कहा कि आरएसएस विगत 90 वर्षों से हिंदू समाज को संगठित करने में लगा हुआ है़। यह पर्व वैज्ञानिक और सांस्कृतिक दोनों दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति हमें एकजुट होना सिखाती है और इसी ध्येय के साथ संघ कार्य करता है। उन्होंने कहा कि संघ राज्य भर में इस त्योहार को धूमधाम से मना रहा है।
देहरादून के लोहार बस्ति में महानगर कार्यवाह विशाल जिंदल ने भारतीय संस्कृति को बचाए रखने के लिए स्वामी विवेकानंद और आरएसएस के विचारों पर प्रमुखता से प्रकाश डाला। माधव शाखा द्वारा सेवा बस्ति में खिचड़ी वितरण किया गया। उन्होंने बताया कि देहरादून में संघ की शाखाओं की ओर से लगभग 60 बस्तियों में मकर संक्रांति पर्व पर कार्यक्रम आयोजन किया गया। इस मौके पर वक्ताओं द्वारा संघ के उत्सव और मकर संक्रांत के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।