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फल व सब्जी उत्पादन में उच्च तकनीकी के उपयोग पर बैठक

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देहरादून। द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) उत्तराखंड स्टेट सेंटर एवं उद्यान विभाग की ओर से ‘फल एवं सब्जी उत्पादन में उच्च तकनीकी का उपयोग’ विषय पर राष्ट्रीय सेमीनार आयोजित हुआ। इस दौरान मुख्य अतिथि उद्यान एवं कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि कृषि में आय बढ़ाने में अधिक मेहनत की जरूरत है। लेकिन, औद्यानिक फसलों के माध्यम से कृषक अपनी आय कई गुणा बढ़ा सकते हैं। हिमाचल हमारे सामने आदर्श उदाहरण है और ये कड़वी सच्चाई है कि हम हिमाचल के सामने कहीं भी नहीं ठहरते।

इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) उत्तराखंड स्टेट सेंटर के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार फूलों और बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। अगर हमें पलायन को रोकना है तो कृषि और औद्यानिकी को बढ़ावा देना होगा। इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स उत्तराखंड स्टेट सेंटर के संयोजक नरेंद्र सिंह ने कहा कि यह सेमीनार गुणवत्तायुक्त सब्जी और फूलों के उत्पादन से कृषकों की आय बढ़ाने में कारगर सिद्ध होगा। उत्तराखंड लॉवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन भारद्वाज ने कहा कि फूलों की खेती के लिए उत्तराखंड का मौसम पूरी तरह अनुकूल है। यहां से दिल्ली सिर्फ पांच घंटे की दूरी पर है, बिजली और पानी भी पर्याप्त है। उन्होंने उद्यान मंत्री से मांग करते हुए कहा कि व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जाएं, जिसमें कृषकों के साथ उद्यान विशेषज्ञ भी जुड़ें। इसके माध्यम से कृषकों की समस्याओं का निदान किया जाए। उद्यान निदेशक आरसी श्रीवास्तव ने कृषकों को विभिन्न योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। साथ ही हर जिले से पांच-पांच प्रगतिशील कृषकों को पुरस्कृत भी किया गया। कार्यक्रम में उद्यान के पूर्व निदेशक बीएस नेगी, सिंचाई के विभागाध्यक्ष आदित्य कुमार दिनकर, इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) उत्तराखंड स्टेट सेंटर के अध्यक्ष आरवीएस चौहान, सचिव वीके सक्सेना आदि मौजूद रहे।

सेमीनार में यह निकला निष्कर्ष
– कृषि क्षेत्र में सब्जी-फूलों की खेती को बढ़ावा दिया जाए।
– ग्रामीण बुनियादी ढांचे में सुधार हो।
– औद्यानिक फसलों का बाजार से प्रभावी संपर्क बनें।
– मृदा रहित सब्जी उत्पादन को बढ़ावा दिया जाए।

बेमानी हो जाएगी राज्य गठन की अवधारणा
उद्यान एवं कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि पलायन के चलते पर्वतीय क्षेत्रों के गांव खाली हो रहे हैं। इसी का नतीजा है कि पर्वतीय क्षेत्रों से छह विधानसभा सीटें कम हो गई। एक विधायक कम से कम एक साल में दस करोड़ से अधिक के विकास कार्य कराता है। अगर पलायन नहीं रुका तो आगामी परिसीमन में पर्वतीय क्षेत्रों से विधानसभा की सीटें और कम होंगी। इससे राज्य गठन की अवधारणा बेमानी हो जाएगी।

आईटीबीपी ने बांटी सीमांत क्षेत्र के विद्यालयों की छात्राओं को साइकिल

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गोपेश्वर। शनिवार को आईटीबीपी की 8वीं वाहनी के सौजन्य से कोठियालसैण गोपेश्वर में आयोजित एक कार्यक्रम में सीमावर्ती गांव की स्कूली छात्राओं को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं अभियान के तहत साइकिल वितरित की गई।
चमोली जिले के कोठियालसैण में आयोजित कार्यक्रम में आईटीबीपी के कर्नल जीसी पुरोहित ने सीमावर्ती गांव नीती, गमशाली, बांपा, मेहरगांव, कैलाशपूर, मलारी, सहित एक दर्जन गांवों की स्कूली छात्राओं को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत साइकिल वितरित की गई। इस मौके पर आईटीबीपी के कर्नल जीसी पुरोहित ने कहा कि आज के युग में बेटी बेटो से कम नहीं है। हमें अपनी सोच बदलनी होगी। कहा कि देश की सर्वोच्च स्थान से लेकर सेना तक में बेटियां अपना जौहर दिखा चुकी है। ऐसे में बेटियों को कमत्तर आंकना गलत होगा। कहा कि बेटियों को यदि मौका मिले तो वे आसमान छू सकती है। उन्होंने अभिभावकों से बेटियों को भी बेटों के समान अधिकार देने तथा उन्हें उचित शिक्षा देने की अपील की। इस मौके पर सीमावर्ती गांव के प्रधान प्रेम ंिसह फोनिया, रूकमणी देवी, हुकम सिंह, धर्मेंद्र सिंह, बलवंत सिंह, रणजीत सिंह, गौर सिंह, बचन सिंह के अलावा आईटीबीपी गौचर व जोशीमठ के सेना अधिकारी मौजूद थे।

तीर्थ नगरी में नकाब फैशन पुलिस के लिए बना सरदर्द

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ऋषिकेश। शहर में न तो सन बर्न की समस्या और न ही दम घोट देने वाला प्रदूषण लेकिन फिर भी युवा वर्ग मूँह पर इस तरह नकाब डालकर घूम रहे हैं जैसे कि रेगिस्तान की तपती जमीन पर सफर कर रहे हो। फैशन की चकाचौंध के बीच अजीबोगरीब शौक भी अक्सर युवा पीढी में देखने को मिल रहे हैं। लेकिन युवाओं का शौक ही अपराधियों के हौसले बुलंद करने लगे तो इसे क्या कहिएगा।
जी हां धर्मनगरी के युवाओं में इन दिनो खासतौर पर ड्राइविंग के दौरान चेहरे को पूरी तरह से नकाबनुमा अंदाज में ढक कर दुपहिया दौड़ाने का फैशन सिर चढ़कर बोलता हुआ देखा जा रहा है।
सरेआम पुलिस की आखों के सामने घूम रहे नकाबपोश युवक-युवतियों के इस शौक पर बदमाशों की बारीक नजर न हो यह मुमकिन नही। इसका फायदा कभी भी आपराधिक तत्व चैन स्नैचिंग एवं किसी भी तरह की संगीन वारदात को अजांम देकर उठा सकते हैं। इसके बावजूद पुलिस प्रशासन इस पर नकैल कसने का साहस नही जुटा पा रहा। हैरत की बात यह भी है कि यहां के बहादुर पुलिस प्रशासन ने कभी भी इस और किसी भी तरह की कारवाई की जहमत नहीं उठाई।युवाओं के इस नकाब नुमा शौक की पड़ताल करने पर जो जानकारी मिली वो भी कम चौकाने वाली नही है।
खासकर युवतियां मटरगश्ती के दौरान अपने पैरेटंस की आखों मे धूल झोकने के लिए नकाब का सहारा ले रही हैं। स्कूल,कालेज और विभिन्न इंस्टिट्यूटों की छात्राएं नकाब लगाये यहां घूमती हुई देखी जा सकती हैं।
नगर कोतवाल प्रवीण सिंह कोश्यारी का इस संबंध में कहना है कि नकाब लगाकर चलना यातायात नियमों का उल्लंघन है। जिनके खिलाफ पिछले दिनों कार्यवाही भी की गई लेकिन वीआईपी ड्यूटी होने के कारण यह अभियान अभी रोका गया है शीघ्र ही इसे पुनः लागू किया जाएगा। इस प्रकार के नकाब लगाकर वाहन चलाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

ऋषिकेश में जरुर आजमाएं यह पांच फूड आउटलेट(incomplete)

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ऋषिकेश में चल रहे इंटरनेशनल योगा फेस्टिवल की वजह से देश-विदेश से हज़ारों लोग ऋ,केश की तरफ रुख कर रहे हैं।और अगर ऋषिकेश की बात कर रहे हैं तो यहां होने वाले दूसरे एंडवेंचर के बारे में कैसे भूल सकते हैं।राफ्टिंग,पैराग्लाइडिंग,कैंपिंग और दूसरे गेम्स के लिए ऋषिकेश एकदम सटीक है।दिल्ली से लगभग 250 किलोमीटर दूर ऋषिकेश आजकल युवाओं के लिए शहर की भागदौड़ से छुट्टी लेकर पहाड़ों में समय बिताने का सबसे पसंदीदा डेस्टिनेशन है।लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऋषिकेश में कुछ बेहतरीन फूड आउटलेट भी है जो आपकी यात्रा को और भी मज़ेदार बना देंगे।

ऐसे ही कुछ आउटलेट के बारे में हम आपको आज बताऐंगे।

pure soul cafe

प्योर सोल कैफे एंड ऑर्गेनिक किचनः साल 2016 से शुरु हुए इस कैफे में आपको प्योर वेजिटेरियन इंडियन आर्गेनिक खाना सर्व किया जाएगा।साथ ही अलग-अलग तरह की क्यूजिन आपको एक जगह पर मिलेगा।महंगाई के इस दौर में दो लोग यहां पर 500 रुपये में खा सकते है।तो अगर आप ऋषिकेश जाकर इंडियन खाना खाने की चाह रखते हैं तो प्योर सोल कैफे जरुर जाएं और इंडियन फूड के साथ ऋषिकेश की वादियों में खो जाएं।

ramana garden

रमाना गार्डेन आर्गेनिक कैफेः आजकल के युवा स्वास्थ को लेकर बहुत ही ज्यादा जागरुक हो गए हैं और सफर के दौरान भी बेहतरीन और आर्गेनिक खाना खाने की चाह रखते हैं और अगर आप भी उनमे से हैं तो यह जगह आपके लिए है।रमाना गार्डेन में आपको शुद्ध आर्गेनिक खाना,सलाद और तरह-तरह के डिश मिलेंगे।ना केवल भारतीयों को बल्कि विदेशियों को भी रमाना कैफे का खाना काफी पसंद है।आए दिन अलग-अलग देशों से आए लोग ब्रेकफास्ट,लंच और डिनर के लिए रमाना कैफे को चुनते हैं और यहां के वातावरण और खाने का लुत्फ उठाते हैं।

royal cafe rishikesh

ऱॉयल कैफेः अगर आप ईटैलियन फूड का शौक रखते हैं तो यह जग आपके लिए हैं।गंगा किनारे बसा यह कैफे अपने व्यू और खाने की वजह से लोगों की पहली पसंद है।दूर-दराज से आए टूरिस्ट रॉयल कैफे को अपने खाने के डेस्टिनेशन की तरह चुनते हैं और यहां के वातावरण के साथ खाने को इंन्जॉय करते हैं।यहां के काम करने वालों का कहना है जो एक बार हमारा खाना खा लेता है वह बार-बार आता है।खाने के साथ-साथ यहां लाइव म्यूजिक भी है जिसकी वजह से हर उम्र के लोग इस कैफे को पसंद करते हैं।

freedom ganga cafe

फ्रीडम गंगा कैफे: लक्ष्मण झूला ऋषिकेश पर स्थित यह कैफे गंगा के किनारे बसा हुआ है।मल्टी क्यूजिन सर्व करने वाला यह कैफे हर तरह के लोगों की पहली पसंद है।अपने खाने के साथ लाइव म्यूजिक की वजह से भी फ्रीडम कैफे मशहूर है।ना केवल आसपास के लोग बल्कि बहुत से विदेशी भी यहां बैठ कर खाना इंन्जॉय करते है।गंगा के तट पर बना यह कैफे नाम  की तरह ही लोगों को आज़ादी का एहसास दिलाता है।तो अगली बार जब आप लक्ष्मण झूला की तरफ जाएं तो फ्रीडम कैफे की कोल्ड कॉफी जरुर पियें।

Urban sip cafe

अर्बन सिप कैफेः ऋषिकेश जाने वालों के लिए सबसे खास है परर्माथ की संध्या आरती और अर्बन सिप आपको आरती स्थल के पास ही स्थित हैं। देशी-विदेशी सभी की पहली पसंद अर्बन सिप लोगों के लिए एक बेहतरीन फूड आउटलेट हैं।ब्रेकफास्ट से लेकर लंच और डिनर सब अर्बन सिप देता है।अलग-अलग वैरायटी की कॉफी,पनीर के आइटम और हनी लेमन टी यहां सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है।ऋषिकेश के सबसे शांत इलाके स्वर्गाश्राम में अर्बन सिप लोगो को एक नई ताजगी से भर देता है।

उत्तराखंड में दो दिनों तक बना रहेगा धूप-छांव

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देहरादून। राजधानी देहरादून सहित राज्य-भर में शनिवार को धूप-छांव का मौसम बना हुआ है। मौसम विभाग का कहना है कि 11 मार्च तक मौसम इसी तरह बना रहेगा, जबकि 12 मार्च को आसमान पूरी तरह साफ रहेगा। आगे भी आसमान में आंशिक बादल छाए रहेंगे, जिससे मैदानी क्षेत्रों और पहाड़ी क्षेत्रों में सुबह-शाम ठंड का असर देखने को मिलेगा।

मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह का कहना है कि ठंड का सीजन अब खत्म हो गया है लेकिन आसमान में बादल और हवा चलने के कारण सुबह और रात में ठंड रहेगा, जबकि दोपहर में ठंड कम रहेगी। उन्होंने बताया कि रविवार तक बादल और धूप दोनों देखने को मिलेगा। सोमवार को आसमान पूरी तरह साफ रहेगा। उन्होंने बताया कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में आसमान में ज्यादा बादल घिरे रहेंगे, जिससे बारिश की संभावना हो सकती है। मैदानी इलाकों में मौसम समान्य बना रहेगा। 

देश के कोने-कोने से केदारनाथ क्यों पहुंच रहे कारीगर,पढ़ें

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केदारपुरी में प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल पैदल मार्ग पर पहाड़ी शैली के पत्थर (पठाली) बिछाने का कार्य शुरू हो गया है। मंदिर के ठीक सामने पैदल मार्ग और मंदिर के चबूतरे पर 40 हजार पठाली बिछाई जानी हैं। इसके लिए बड़ी संख्या में कारीगरों की जरूरत पड़ेगी, ताकि कपाट खुलने से पूर्व कार्य पूर्ण हो जाए। इसी को ध्यान में रख जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान व मध्य प्रदेश के कारीगरों को निमंत्रण भेजा है। वहीं, आगामी यात्रा सीजन में यात्रियों के लिए एक नया एप तैयार करने पर भी मंथन चल रहा है।

बीते वर्ष 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारपुरी में 700 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास किया था। साथ ही पुनर्निर्माण कार्यों को समय से पूर्ण करने के भी निर्देश दिए थे। इसी के मद्देनजर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के साथ ही डीएम मंगेश घिल्डियाल भी कई बार केदारपुरी पहुंचकर पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा ले चुके हैं।

शुक्रवार को डीएम घिल्डियाल ने बताया कि केदारपुरी में पैदल मार्ग व मंदिर के चबूतरे समेत अन्य स्थानों पर पहाड़ी शैली के 40 हजार पत्थर बिछाए जाने हैं। इन्हें काटने के लिए 25-25 क्विंटल वजनी छह मशीनें केदारपुरी पहुंचाई जा चुकी हैं। कङ्क्षटग के बाद इन पत्थरों को तराशकर धाम में बिछाया जाएगा। लेकिन, इसके लिए बड़ी संख्या में कारीगरों की जरूरत है। सो, प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों से ऐसे कारीगरों को केदारनाथ आने का निमंत्रण भेजा गया है, जो पत्थर बिछाने में निपुण हों।

बताया कि ऐसे कारीगर रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन से संपर्क कर सकते हैं। उन्हें तय मजदूरी के आधार पर ही भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा यात्रा के लिए एक नया एप भी तैयार किया जा रहा है। इस एप में यात्रियों के लिए तमाम जानकारियां उपलब्ध होंगी। इसके पीछे ध्येय यह है कि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

उत्तराखंड की तरफ से अनीता प्रोफेशनल महिला फुटबाल लीग में दिखाऐंगी दम

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अंतरराष्ट्रीय महिला फुटबालर अनीता रावत महिलाओं की प्रोफेशन फुटबाल लीग में दमखम दिखाती नजर आएंगी। केरल के गोकुलम एफसी ने अनीता के साथ लीग के फाइनल राउंड के लिए करार किया है। वह इस प्रोफेशनल लीग में खेलने वाली सूबे की एकमात्र महिला फुटबालर हैं।

मोहकमपुर की रहने वाली 22 वर्षीय अनीता ने 10 साल की उम्र से फुटबाल खेलना शुरू किया। साल 2007 में महेंद्रा ग्राउंड गढ़ीकैंट में विजयकैंट क्लब के समर कैंप से खेल शुरू करने वाली अनीता ने कोच रतन थापा व बुद्धिमान थापा से खेल की बरीकियां सीखीं। जल्द ही उन्होंने अपनी मेहनत और लगन की बदौलत खेल में अपना जलवा दिखाना शुरू कर दिया।

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अनीता ने बताया कि लीग के क्वालिफाइंग राउंड में यूनाइटेड वॉरियर्स के लिये खेलते हुए उन्होंने छह मैच में 10 गोल दागे, लेकिन उनकी टीम फाइनल में नहीं पहुंच सकी।

उन्होंने बताया कि उनके खेल से प्रभावित होकर ही फाइनल राउंड में पहुंची गोकुलम एफसी ने उनसे संपर्क कर करार किया। 25 मार्च से शिलांग में लीग के फाइनल राउंड के मुकाबले शुरू होंगे।

अनीता के पिता बिमल सिंह रावत पूर्व में आर्मी के लिए खेलते थे। उन्हें देखकर ही खेलने की भावना जागी। गौरतलब है कि अनीता इससे पहले अंडर-16 और अंडर-19  एएफसी चैलेंज कप में भारतीय महिला फुटबाल टीम का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।

2011 में हुए एसजीएफआइ नेशनल बालिका फुटबॉल में अनीता को तीन अवार्ड मिले, 2013 में उन्होंने दिल्ली के गढ़वाल हीरोज क्लब से प्रोफेशनल फुटबाल की शुरुआत की। पिछले साल ही उन्हें इंडियन वुमेन लीग से जुडऩे का मौका मिला। वह शुक्रवार को दिल्ली से केरल के लिए रवाना हो चुकी हैं।

अपराधियों को सजा दिलाने में लापरवाही पर नपेंगे अफसर : एडीजी

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देहरादून। उत्तराखण्ड पुलिस शातिर अपराधियों को सजा दिलाने के लिए न्यायालय में जोरदार पैरवी करेगी, ताकि कमजोर पैरवी का फायदा उठाकर अपराधी छूट न पाएं। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए अभियोजन में गुणवत्ता लाने एवं अभियोजन अधिकारियों की कार्यक्षमता को प्रदेश भर में बढ़ाया जाएगा।
अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध व कानून व्यवस्था) एवं निदेशक अभियोजन अशोक कुमार द्वारा पुलिस मुख्यालय सभागार में प्रदेशभर के अभियोजन अधिकारियों की बैठक ली गई। उन्होंने कहा कि अपराधियों को सजा को लिए मुकदमें की सघन पैरवी की जाए।
इस मौके पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें कानून एवं वित्त से सम्बन्धित जानकारियां दी गईं। अशोक कुमार ने सभी जनपदों के अधिकारियों द्वारा अभियोजित किये गये मामलों में विस्तार से चर्चा की व उनके कार्यों का मूल्यांकन कर निर्देश दिये कि अभियोजन की ओर से किसी भी मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाय। जिन अधिकारियों का सजा प्रतिशत कम था, उन्हें सजा का प्रतिशत बढ़ाने की सख्त हिदायत दी गई। कार्यशाला में कुमार ने सभी अधिकारियों को सजा का प्रतिशत बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि अभियोजन की लापरवाही की वजह से गम्भीर प्रकार के अपराधों में कोई अभियुक्त रिहा न होने पाये ऐसा सुनिश्चित करना होगा।
इस मौके पर कुमार ने सभी अभियोजन अधिकारियों को निम्न बिन्दुओं पर निर्देश दिये। इसमें पेशेवर अपराधों जैसे- चोरी, लूट, नक्बजनी एवं गैंगस्टर की पैरवी न्यायालय में सही से की जाये। नामिका अधिवक्ता जो सही से पैरवी नहीं कर रहे है उन्हें हटाने के लिये शासन से पत्रचार किया जाये। अधिक से अधिक मामलों में न्यायालयों में अपील की जाये। इस अवसर पर हरिविनोद जोशी, अपर निदेशक (विधि), अभियोजन निदेशालय सहित अन्य अभियोजन अधिकारी उपस्थित रहे।

हाईकोर्ट के निर्णय से चुनावी तैयारियों मे जुटे नेता हुए मायूस

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ऋषिकेश। निकायों का सीमा विस्तार रद्द होने से उत्तराखंड चुनावी तैयारियों मे जुटे तमाम सियासी रणबांकुरों को जबरदस्त झटका लगा है। विपक्षी दलों के साथ ही सत्तारूढ़ दल से जुड़े नेता भी इसके लिए दबी जुबान में सरकार की विफलता मान रहे हैं।

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि हाईकोर्ट द्वारा राज्य सरकार के सीमा विस्तार की अधिसूचना व शासनादेश को निरस्त करने के आदेश के बाद अप्रैल में संभावित निकाय चुनाव के आगे खिसकने की प्रबल संभावना जतायी जा रही है। ऐसा हुआ तो चुनावी तैयारियों में लगे नेताओं को मायूस होना पड़ेगा।
चुनावी रणबांकुरों ने अपनी चुनावी तैयारियों को परवान चढ़ाते हुए होल्डिंग, बैनर एवं पोस्टरों से अपने अपने क्षेत्रों को पाट के रख दिया था। बताया जा रहा है कि ऋषिकेश में मेयर बनने का सपना संजोए नेताओं के साथ-साथ पार्षद की तैयारियों मे जुटे लोगों द्वारा अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए लाखों रुपये पानी की तरह बहाया जा रहा था, जिस पर फिलहाल अब ब्रेक लगनी तय मानी जा रही है। बताते चलें कि होली से पूर्व अधिकांश संभावित प्रत्याशियों ने चुनाव नजदीक आते देख अपने-अपने क्षेत्र में कचमोली की दावतें देने के साथ मजबूत टीमें बनाने की चाह में सर्मथकों को शराब परोसनी शुरू कर दी थी। हाईकोर्ट के फेसले से फ्री की दावतें उड़ाने वाले भी मायूस बताए जा रहे हैं।

गांवों में भी इंटरनेट के प्रति महिलाओं का रुझान बढ़ा

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ऋषिकेश। महानगरों के बाद अब छोटे शहरों, गांवों व कस्बों में भी इंटरनेट के प्रति महिलाओं का रुझान तेजी से बढ़ा है। संचार क्रांति के इस युग में महिलाएं भी जागरुक हुई हैं। हालांकि अब भी अशिक्षित महिलाओं की संख्या अधिक है। वह सिर्फ मोबाइल से कॉल ही कर पा रही हैं। उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में महिलाएं आत्मनिर्भर बन जाएंगी।
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश की बात करें, तो इंटरनेट यूजर महिलाओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले कुछ कम जरूर है, लेकिन शिक्षित महिलाओं में तकनीकी ज्ञान हासिल करने का रुझान तेजी से बढ़ा है। जगह-जगह संचालित हो रहे कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्रों पर युवाओं के साथ युवतियां भी प्रशिक्षण हासिल कर रही हैं।
सनराइज ऐजुकेशनल एण्ड कल्चरल एम्पावरमेंट सोसाइटी की अध्यक्ष रिंकी भारद्वाज की मानें तो विगत दो-तीन वर्षों में लड़कों के मुकाबले लड़कियां ज्यादा बड़ी संख्या में कंप्यूटर का प्रशिक्षण हासिल कर रही हैं। इंटरनेट का प्रचलन बढ़ने के साथ साइबर अपराध भी बढ़ा है। महिलाओं में ऑनलाइन शॉपिंग का बढ़ा क्रेज टीवी पर प्रचार और इंटरनेट की दुनिया में ऑनलाइन शॉपिंग का चलन तेजी से बढ़ा है। इस मामले में महिलाएं पुरुषों से भी दो कदम आगे हैं। तीर्थ नगरी की महिलाओं में भी इसका क्रेज दिखने लगा है।