चुनावी मौसम में बढ़ा नेताओं का हरिद्वार दौरा, संतों के सहारे वोटरों को साधने की कवायद

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हरिद्वार कुम्भ
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चुनावी मौसम आते ही धर्मनगरी में राजनीतिक दलों के नेताओं का साधु संतों से मुलाकात का दौर जारी है। यूं तो धार्मिक आस्था के लिए भी अक्सर नेता संतों के आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं, लेकिन चुनावों के मद्देनजर देवभूमि की सियासत में संतों और उनसे जुड़े लोगों को साधना बेहद जरूरी माना जाता है।

चुनावों के वक्त राजनीतिक दल सभी वर्गों को साध कर चलते हैं। वोटरों को प्रभावित करने और अपना वोट बैंक मजबूत करने के लिए राजनीतिक दल पूरजोर कोशिश करते हैं। बीजेपी हो या कांग्रेस हो या फिर आम आदमी पार्टी सभी पार्टियों के नेता हरिद्वार के बड़े संतों के यहां शरणागत हो रहे हैं। साधु-संतों के पास ना सिर्फ हिंदुओं का बड़ा वोट बैंक है, बल्कि राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने के लिए पैसा भी होता है। इसलिए चुनावों के वक्त नेताओं की बड़े मठाधीशों से नजदीकियां और भी ज्यादा बढ़ जाती हैं।

अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता बाबा हठयोगी का कहना है कि सभी राजनीतिक पार्टियों की ना सिर्फ धार्मिक संस्थाओं और साधु संतों के अनुयायियों पर नजर होती है, बल्कि कई साधु संत और नेताओं का कारोबारी गठजोड़ भी होता है। इसलिए कई साधु संतों के दरबार में राजनीतिक दिग्गज हाजरी लगाने पहुंचते हैं।