जिला संचालन मीटिंग में क्यों अधिकारियों पर बिफरीं डीएम

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चमोली जिला योजना की बैठक में जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने उन विभागों पर खूब विफरी जिन्होंने अभी तक अवमुक्त धनराशि को खर्च नहीं किया है। वन विभाग, लोनिवि समेत कई विभागों की जब समीक्षा की गई तो यह तथ्य सामने आया कि जुलाई अगस्त तक भी अवमुक्त धनराशि का उपयोग नहीं हो पाया और लाखों रुपया अभी विभाग के मद में पढा हुआ है।
शनिवार को जिलाधिकारी कार्यालय में डीएम ने जिला योजना की समीक्षा की। विभागों ने अलग-अलग व्यौरे दिए मगर जब विभागवार समीक्षा की गई और अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष खर्च किये धन का व्यौरा चाहा तो कई विभाग सामने आये जिन्होंने अवमुक्त धनराशि का सदपयोग नहीं किया है। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि जनहित के लिए जो कार्य करना अनिवार्य है और धन का उपयोग होना उनका उपयोग समय पर न होना बेहद गंभीर का विषय है।
उन्होंने विभागों को कहा कि यदि कोई विभाग अवमुक्त धनराशि का उपयोग नहीं करेगा तो उसे अगली किश्त नहीं दी जायेगी। और यदि कार्य में तेजी न लायी गई तो जिला योजना भी रोकी भी जा सकती है। कई अधिकारी सकपकाये भी और कई फाइलों में आंकडों की बाजीगरी भी करते दिखायी दिए। कुछ विभागों के अधिकारी तो ऐसे भी थे जिनकी जब समीक्षा की बारी नहीं आयी तो वे जान बची लाखों पाये की स्थिति में दिखे और बैठक से बाहर आकर उनके चेहरे पर पसीना साफ दिख रहा था।
बैठक में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए जिला योजना के अंतर्गत अनुमोदित 4085.00 लाख धनराशि के सापेक्ष 1268.07 लाख की धनराशि विभागों को अवमुक्त की गई है, जिसमें से 24.70 प्रतिशत धनराशि विभागों द्वारा व्यय की जा चुकी है। राज्य सैक्टर में अवमुक्त धनराशि 7376.56 लाख के सापेक्ष 53.56 प्रतिशत, केन्द्र पोषित में अवमुक्त धनराशि 10697.76 लाख के सापेक्ष 63.58 प्रतिशत तथा बाह्य सहायतित योजना में अवमुक्त 105.59 लाख के सापेक्ष 33.57 प्रतिशत विभागों ने व्यय किया है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी हसांदत्त पांडे, डीएफओ अमित कवंर, परियोजना निदेशक डीआरडीए प्रकाश रावत, डीडीओ एसके राॅय, सीएमओ डा. तृप्ति बहुगुणा, सीवीओ डा. शरद भण्डारी, जीएमडीआईसी डा. एमएस सजवाण, डीईओ आशुतोष भण्डारी सहित कृषि, उद्यान, डेयरी, मत्स्य, रेशम, समाज कल्याण, जल निगम, जल संस्थान, लोनिवि आदि सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।