चंपावत, शहर में बढ़ रही गाड़ियों और उनसे निकलने वाले धूएं से हर रोज प्रदूषण बढ़ता जा रहा है जिससे लोगों में अलग-अलग बिमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है। इसी को देखते हुए चंपावत जिले के डीएम ने एक अलग और अनोखी पहल की है। डीएम अहमद इकबाल ने कहा है कि, “मुख्यालय पर काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारी साइकिल से दफ्तर आये। केवल जरूरी दौरे या फिर बीमार होने की स्थिति में ही वाहन का प्रयोग करे।” शनिवार को जारी हुए इस अनोखे आदेश पर मिली जुली प्रतिक्रिया आ रही हैं।
कलक्ट्रेट सभागार में हुई सड़क सुरक्षा कमेटी की बैठक में इस समस्या पर लंबी चर्चा चली। जिसमें अधिकारियों व आमजन ने कई सुझाव रखे। इन्हीं सुझावों को देखते हुए डीएम ने पर्यावरण संरक्षण, सेहत व यातायात समस्या का हवाला देते हुए डीएम ने ये एडवाईजरी जारी की है। इसके तहत शनिवार को ‘नो-कार डे’ मनाया जायेगा। डीएम डॉ. इकबाल ने न्यूजपोस्ट से बातचीत में बताया कि, “यह केवल एक एडवाइजरी है और यह स्थानीय लोगों के लिए करना आसान भी है, ऐसा करने से ट्रैफिक की समस्या के साथ-साथ सेहत भी ठीक रहेगी।” उन्होंने कहा कि “समीक्षा बैठक में हमने यह एडवाइजरी क्षेत्रीय लोगों के लिए निकाली और साथ ही अपने दफ्तर में भी इसे करने का सोचा। इसमें कार पूलिंग के अलावा एक दिन ‘नो-कार-डे’ भी शामिल है। आने वाला शनिवार इस योजना का पहला शनिवार है और हम आशा करते हैं कि यह दिन हमारी अपेक्षाओं पर खरा उतरे। हमने सभी अॉफिस वालों को अपनी साइकिल खरीदने की बात कही है और कुछ लोगों ने मुझे बताया कि आज से 15 साल पहले हर कोई साइकिल से ही चलता था और अगर एक बार और ऐसा वापस हो जाए तो इससे अच्छी बात क्या होगी।”
बीते दिनों वन अभियान में चारधाम में आॅल वेदर सड़क के नाम पर जिस तरह से विकास के नाम पर दानवीय प्रवृति दिख रही है, वह खतरनाक संकेत है। 18 से 24 मीटर चौड़ी सड़क बनाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है और 24 मीटर का अधिग्रहण हो रहा है। पर्वतीय क्षेत्र में पेड़ों का कटान जहां तेजी से हो रहा है तो प्रदूषण की मात्रा भी तेजी से बढ़ी है। यही नहीं यातायात की समस्या भी इस कदर बढ़ गई है कि तमाम प्लानिंग के बाद भी इस पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है।





















































