केदारनाथ मंदिर के पीछे हिमस्खलन अध्ययन के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित

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    केदारनाथ मन्दिर के पीछे पहाड़ी से आंशिक रूप से हिमस्खलन अध्ययन को लेकर एक पांच सदस्यीय विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया गया है। यह समिति तत्काल प्रभाव से अपने अध्ययन कार्य को प्रांरभ करेगी। यह हिमस्खलन सितंबर और अक्टूबर दोनों में देखा गया है।

    अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन की ओर से समिति गठन का पत्र आदेश जारी किया गया है। समिति में उप महानिदेशक,भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग,देहरादून निदेशक, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की,निदेशक, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान, देहरादून, निदेशक,भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान, देहरादून को सदस्यत और अधिशासी निदेशक, उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सचिव सदस्य नामित किया गया है। उक्त कार्यों पर समस्त व्यय का वहन उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की ओर से किया जाएगा।

    23 सितम्बर, कोजिलाधिकारी रुद्रप्रयाग की ओर से पत्र संख्या 305 के माध्यम से शासन को सूचित किया गया कि 22 सितम्बर,को सायं 4.30 बजे केदारनाथ मन्दिर से लगभग 03 से 04 किलोमीटर पीछे पहाड़ी से आंशिक रूप से हिमस्खलन हुआ है। पुनः अपर जिलाधिकारी, रुद्रप्रयाग के पत्र संख्या-317 के माध्यम से 01 अक्टूबर को बताया गया कि 01 अक्टूबर की प्रातः लगभग 5:30 से 6 के मध्य केदारनाथ मंदिर से लगभग 6 से 7 किमी पीछे अचानक आंशिक हिमस्खलन हुआ है। हालांकि आंशिक हिमस्खलन से किसी भी प्रकार की जान-माल की क्षति नहीं हुई है। केदारनाथ धाम के निकट बह रही मंदाकिनी व सरस्वती नदी के जल स्तर में भी कोई वृद्धि नहीं होना बताया गया है।

    आंशिक हिमस्खलन की घटना की पुनरावृत्ति को दृष्टिगत रखते हुए एवं किसी भी प्रकार की संभावित खतरे के दृष्टिगत आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत उक्त क्षेत्र का सर्वेक्षण / स्थलीय अध्ययन के लिए समिति का गठन किया जाता है।

    इसी क्रम में शासन के निर्देशानुसार उपरोक्त गठित समिति उक्त स्थल का सर्वेक्षण, स्थलीय अध्ययन का कार्य तात्कालिक प्रभाव से प्रारम्भ करेगी। समिति अपनी आख्या प्राथमिकता के साथ शासन,उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेगी।