मुख्यमंत्री ने हरिद्वार 2021 में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा की

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कुंभ

मुख्यमंत्री रावत ने हरिद्वार स्थित मेला नियंत्रण कक्ष में नगर विकास मंत्री मदन कौशिक के साथ 2021 में हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में समस्त अखाड़ों के प्रतिनिधियों के साथ अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने संत समाज की ओर से अपने सुझाव शर्त व आवश्यकतायें बतायी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस बार होने वाला कुंभ आयोजन अपने आप में ऐतिहासिक एवं विशेष होगा। उन्होंने विश्व के सबसे बड़े आयोजन में सरकार, शासन प्रशासन को संतों का आर्शीवाद मिलने तथा सहयोग की बात कही। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की स्थापना के बाद हरिद्वार में दूसरा महाकुम्भ आयोजित होगा। कुंभ के कार्यों में तेजी लाने के लिए जल्द ही स्थाई मेला अधिकारी व मेला पुलिस अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि, “कुम्भ मेले के सफल आयोजन के लिये भारत सरकार से 5000 करोड़ की आर्थिक मदद मांगी गई है। कुंभ में होने वाले स्थाई कार्यों की जल्द स्वीकृति दी जायेगी। कार्यों की गुणवत्ता व पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखा जाय। महाकुंभ को सुविधाजनक बनाने व भीड़ प्रबंधन में सहयोग के लिए आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर विशेष ध्यान दिया जाय। बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ के दौरान हरिद्वार में भीड़ प्रबंधन कैसे हो इसके समाधान के लिए जिलाधिकारी, पुलिस के अधिकारी व रेलवे के अधिकारी आपसी समन्वय कर सुनियोजित कार्ययोजना बनायी जाए। बैरागी कैम्प व अन्य पार्किंग स्थलों पर अतिक्रमण न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाय। अति महत्वपूर्ण प्रकृति के कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता दी जाय। उन्होंने कहा कि अखाड़ों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाय।

जिलाधिकारी दीपक रावत ने कुम्भ 2021 के लिए विभागों द्वारा प्रस्तावित कार्य, लागत एवं उनके औचित्य सहित कुंभ मेला क्षेत्र विस्तार की आवश्यकता से भी सभी को अवगत कराया। विस्तार के लिए चिन्हित क्षेत्र उन्होंने कहा कि, “कुंभ 2010 की तुलना में इस बार कुंभ श्रद्धालुओं आगुन्तुकों की संख्या में भारी बढ़ोतरी होने की सम्भावना है। पुराने मेला क्षेत्र को प्र्याप्त नहीं माना जा सकता। हिलबाईपास मार्ग कुम्भ की दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण किन्तु इसके धंसने व जगह जगह से क्षतिग्रस्त होने के चलते मार्ग सुगम नहीें है।”