मुख्यमंत्री ने सहकारी चीनी मिल्स संघ की नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया

0
776

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को बद्रीपुर, देहरादून स्थित उत्तराखण्ड सहकारी चीनी मिल्स संघ लिमिटेड के नवनिर्मित मुख्यालय भवन का विधिवत पूजा-अर्चना के साथ लोकार्पण किया।
सहकारी चीनी मिल्स संघ को नवनिर्मित मुख्यालय भवन के लिए शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार किसानों तथा रोजगार के मसलो पर अत्यन्त गम्भीर व ठोस पहल कर रही है। आने वाले दिनों में इनके परिणाम भी दिखने लगेंगे। आवश्यकता पड़ने पर नीतिगत परिवर्तन भी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बहुत से प्रोजेक्ट बन गए है। जरूरत पड़ने पर कर्ज भी लेंगे और कर्ज का सौ फीसदी सदुपयोग किया जाएगा। गन्ना किसानों के 110 करोड़ रुपये बकाया राशि का भुगतान किया गया है।
बुधवार को बद्रीपुर देहरादून में मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पित उत्तराखण्ड सहकारी चीनी मिल्स संघ लिमिटेड के नवनिर्मित मुख्यालय भवन का निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण निगम द्वारा 4.11 करोड़ रुपये की लागत से किया गया। मुख्यालय भवन को भूमि आंवटन चीनी मिल डोईवाला द्वारा निःशुल्क किया गया। 887.71 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में निर्मित मुख्यालय भवन का निर्माण कार्य जून 2016 में आरम्भ किया गया था तथा सितम्बर 2017 को यह पूरी तरह बनकर तैयार हो गया। भवन में कार्यालय, ममटी एवं मशीन रूम, काॅन्फ्रेंस हाॅल सहित सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
मुख्यालय भवन को केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग की विशिष्टियों एवं भूकम्परोधी तकनीक पर सीबीआरआई रूड़की द्वारा संरचनीय मानचित्र तैयार करा कर निर्मित किया गया है। भवन निर्माण की तृतीय पक्ष गुणवत्ता नियंत्रण सीबीआरआई रूड़की द्वारा कराया गया है।
गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि पेराई सत्र 2016-17 में राज्य की आठ चीनी मिलों द्वारा 350.60 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई कर 34.55 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया तथा औसतन चीनी परता 9.86 प्रतिशत प्राप्त हुआ। यह उत्तराखण्ड राज्य गठन के उपरान्त सर्वोच्च रहा। चीनी मिलो द्वारा कुल देय गन्ना मूल्य रुपये 1080.18 करोड़ के सापेक्ष रुपये 940.10 करोड़ का भुगतान किया गया।
पेराई सत्र 2016-17 के अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान हेतु राज्य सरकार द्वारा सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलो को रुपये 65 करोड़ की आर्थिक सहायता दी गई है। पेराई सत्र 2016-17 के सम्पूर्ण गन्ना मूल्य भुगतान हेतु सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों को 60 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता माननीय मंत्रिमण्डल द्वारा स्वीकृत की गई है।
पेराई सत्र 2015-16 के अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान हेतु सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों को 44.54 करोड़ की आर्थिक सहायता दी गई है। चीनी मिलों में जल एवं वायु प्रदूषण रोके जाने हेतु 100 लाख रूपये की प्रावधान किया गया हैं। सहकारी क्षेत्र की चीनी मिल नादेही एवं बाजपुर के आधुनिकीकरण हेतु यूजेवीएनएल के साथ एमओयू किया गया है साथ ही उक्त मिलों में क्रमशः 16 व 22 मेगावाॅट के सह-विद्युत परियोजना स्थापित किए जाने के लिए भी यूजेवीएनएल के साथ अनुबन्ध किया गया है।
सहकारी गन्ना विकास समितियों के माध्यम से कृषि निवेशों के रूप में 1380.83 लाख रुपये का ऋण नाबार्ड द्वारा कृषकों को वितरित किया गया है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रकाश पन्त, राज्य मंत्री डॉ.धन सिंह रावत, सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग दिलीप जावलकर तथा अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।