पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों की चपेट में आने से बाल-बाल बचे डीएम

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बारिश के कारण हो रही परेशानियों को जानने के लिए स्कूलों का निरीक्षण को जा रहे जिलाधिकारी को खुद भी मुसीबत से दो-चार होना पड़ा। पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों की चपेट में आने से वह बाल-बाल बचे। जर्जर विद्यालय के बरामदे में चल रही कक्षा को देखकर जिला अधिकारी ने नाराजगी जताई और विद्यालय को तत्काल पंचायत घर में शिफ्ट करने के निर्देश दिए।

पर्वतीय क्षेत्र में शिक्षा के मंदिरों का हाल बुरा है। हजारों छात्र जान जोखिम में डाल भविष्य संवारने को मजबूर हैं। शनिवार को रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने जब ऐसे एक स्कूल का निरीक्षण किया तो बच्चों की सुरक्षा को लेकर उनकी चिंता गहरी हो गई। डीएम प्राथमिक विद्यालय कालापहाड़ के निरीक्षण के लिए निकले तो रास्ते में पहाड़ी से एक बड़ा पत्थर अचानक आ गिरा, डीएम ने भागकर जान बचाई।
विद्यालय पहुंचने पर डीएम ने पाया कि दीवारों में दरारें पड़ी हैं। जगह-जगह से प्लास्टर गिर रहा है। छत से पानी टपक रहा है। अध्यापन कार्य बरामदे में चल रहा था। विद्यालय की ऐसी स्थिति देख उन्होंने मुख्य शिक्षाधिकारी चित्रानंद काला को इस विद्यालय को तत्काल पंचायत भवन में शिफ्ट करने के निर्देश दिए। साथ ही जिला योजना के माध्यम से विद्यालय भवन ठीक कराने के निर्देश दिए। उन्होंने तत्काल ग्रामीण निर्माण विभाग अधिकारियों को मौके पर बुलाकर विद्यालय का आगणन तैयार करने के निर्देश दिए।
इस दौरान जिलाधिकारी ने विद्यालय में 45 मिनट तक छात्र-छात्राओं से सवाल पूछे औऱ जोड़, भाग, घटाना, आयत आदि सवाल हल करके समझाए। इस दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि अधिकतर विद्यार्थी पढ़ाई में कमजोर हैं। उन्होंने अध्यापक व अध्यापिका को निर्देश दिए कि बच्चों पर गंभीरता से ध्यान दें। शिक्षक का दायित्व है कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करें। साथ ही विद्यालय के अच्छे छात्रों को जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रवेश के लिए तैयारी कराने को भी कहा।

खुले में शौच करने पर लगाया जुर्माना
निरीक्षण के लिए जाते समय गांव के रास्ते में डीएम मंगेश को चंद्रूलाल पुत्र शेरू लाल खुले में मूत्र त्याग करते मिला, जबकि उसके घर में शौचालय है। इस पर डीएम ने खुले में शौच-मूत्र करने पर चंद्रूलाल से पांच सौ रुपये अर्थदंड वसूलने के निर्देश ग्राम प्रधान को दिए।