उत्तराखंड के बुग्यालों को मिलेगा नया लुकः सतपाल महाराज

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राज्य को पर्यटन हब और राज्य के बुग्यालों को विश्वस्तरीय स्कीइंग रिजोर्टस के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्य को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री डॉ. महेश शर्मा से दिल्ली में मुलाकात कर वित्तीय सहयोग की मांग की। इस दौरान उन्होंने राज्य में पर्यटन की संभावनाओं और विकास को लेकर विस्तृत चर्चा भी की।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने प्रदेश में धार्मिक, साहसिक और स्वास्थ्य पर्यटन के साथ योग, आयुर्वेद और पंचकर्म को पर्यटन से जोडऩे की ओर केंद्र सरकार का ध्यान खींचा। केंद्रीय पर्यटन मंत्री से मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन के तहत माता भगवती की उपासना के लिए शक्ति सर्किट, भगवान शंकर के पूजास्थल पंचकेदार, जागेश्वर धाम और अन्य मंदिरों को शामिल करने को कहा।

उन्होंने शैव सर्किट, पंचबदरी और भगवान विष्णु के मंदिरों को शामिल करते हुए वैष्णव सर्किट और प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री कलविष्ट दाना, नागराज व गोलू गैराड धाम को विकसित करने को लेकर मंथन किया। उन्होंने इसके लिए केंद्र से वित्तीय सहयोग की मांग भी की।

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में तमाम रमणीक व दर्शनीय स्थल हैं, जो सर्दियों में बर्फ से ढके रहते हैं। इन्हें विकसित कर राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने होंगे। उन्होंने कहा कि बर्फ से ढके बुग्यालों को स्कीइंग रिजोट्र्स के रूप में विकसित कर देश और दुनिया के सैलानियों को लुभाया जा सकता है।

इस दौरान उन्होंने पौड़ी जनपद के व्यावसायिक गतिविधियों के केंद्र सतपुली को पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर विकसित करने का सुझाव दिया। इसके साथ ही पर्यटन मंत्री ने गंगा आरती को भव्य बनाने के लिए ऋषिकेश और हरिद्वार में लाइट एंड साउंड और थ्री डी होलोग्राफिक तकनीक से गंगा जी की इमेज जल में पैदा करने, संस्कृति आधारित थीम पार्क विकसित करने और तीर्थ स्थल नानकमत्ता व कलीयर शरीफ में सुविधाओं के विकास को भी राशि की मांग की।

पर्यटन मंत्री ने टिहरी झील में फ्लोटिंग होटल के निर्माण और पानी के नीचे स्थित पुराने टिहरी शहर को पनडुब्बी से दिखाने,  पैराग्लाइडिंग, पैरासेलिंग, स्कूबा डाइविंग आदि की व्यवस्था हेतु धन की मांग की। उन्होंने टिहरी झील के चारों ओर जॉगिंग ट्रैक, साइकल ट्रैक, ट्राम ट्रैक, कैफेटेरिया और रोपवे विकसित करने के लिए भी केंद्र सरकार से सहयोग की मांग की।