राज्यसभा चुनाव : उत्तराखंड की एक मात्र राज्यसभा सीट का भाजपा में जाना तय, तैयारियां तेज

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    उत्तराखंड की एक मात्र राज्यसभा सीट पर चुनावी हलचल तेज हो गई है। इस राज्यसभा सीट पर अब तक कांग्रेस का कब्जा थालेकिन अब इसका भाजपा में जाना तय माना जा रहा है। । कांग्रेस के प्रदीप टम्टा का राज्यसभा के सदस्य के रूप में कार्यकाल 4 जुलाई 2022 को समाप्त हो रहा है।

    उत्तराखंड विधानसभा जो राज्यसभा के मतदाता के रूप में काम करती है कि स्थिति देखी जाए तो उत्तराखंड में कांग्रेस मात्र 19 सीटों पर है और भारतीय जनता पार्टी के पास 47 सीटें हैं। ऐसे में कांग्रेस अपने उम्मीदवार को खड़ा करने और जिताने की स्थिति में नहीं है। इस संबंध में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और महामंत्री संगठन मथुरा दत्त जोशी ने अलग-अलग बयानों में कहा था कि उनके पास जिताने लायक बहुमत नहीं है, इसीलिए कांग्रेस की ओर से अब तक कोई हलचल नहीं है। भारतीय जनता पार्टी अपने राज्यसभा सदस्य को जिताने के लिए पहले से ही प्रयासरत है। इसके लिए पिछले दिनों गंभीर चर्चा हुई और 10 नामों की एक सूची केन्द्रीय नेतृत्व को भेजी गई है जिसमें त्रिवेंद्र सिंह रावत, महामंत्री कुलदीप कुमार सहित 10 नाम शामिल किए गए हैं। अब शीर्ष नेतृत्व से चर्चा के बाद नाम घोषित किया जाएगा।

    पिछली बार भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के उम्मीदवार को निर्विरोध न जाने देने के लिए अनिल गोयल को चुनाव मैदान में उतारा था, लेकिन इस बार कांग्रेस के पास न के बराबर संख्या है। ऐसे में कांग्रेस द्वारा उम्मीदवार उतारे जाने की अब तक कोई संभावना नहीं है। इस संदर्भ में महामंत्री संगठन मथुरा दत्त जोशी तथा प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के बयान पहले ही आ चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी अपने विधायकों के बल पर अपने उम्मीदवार को दमदार जीत दिलाने के लिए पूरी तरह समर्थ है। शीर्ष नेतृत्व द्वारा नाम घोषित होने के बाद भारतीय जनता पार्टी अपने उम्मीदवार को चुनाव लड़ाएगी और आसानी जीत दिलाएगी।

    प्रदेश की सभी पांच लोकसभा सीटों भाजपा के पास हैं। इनमें टिहरी गढ़वाल से मलाराज लक्ष्मी शाह, पौड़ी से तीरथ सिंह रावत, नैनीताल से अजय भट्ट, हरिद्वार से डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक और अल्मोड़ा से अजय टम्टा सांसद हैं, जबकि राज्यसभा में अनिल बलूनी, नरेश बंसल वर्तमान में राज्यसभा सांसद है। तीसरी राज्यसभा की सीट कांग्रेस के पास थी। प्रदीप टम्टा ने 5 जुलाई 2016 को अपना कार्य प्रारंभ किया था। 4 जुलाई तक उनका कार्यकाल है, ऐसे में संख्या बल के आधार पर यह सीट भारी बहुमत से भारतीय जनता पार्टी जीतेगी। इस सीट के जीतने के बाद राज्यसभा और लोकसभा दोनों में भाजपा के ही सदस्य रहेंगे।