चुनावी प्रचार में कांग्रेस को पछाड़ती बीजेपी?

उत्तराखंड में चुनावी माहौल चरम पर है, मतदान में करीब एक हफ्ते का समय रह गया है। लेकिन इस बार चुनावों का रंग कुछ फीका सा लग रहा है। खासतोर पर सत्तारूढ़ कांग्रेस प्रचार में बीजेपी से कुछ पिछड़ती दिख रही है। राज्यभर में बीजेपी के कई होर्डिंग बैनर दिख रहे हैं, साथ ही पार्टी ने राज्य की सभी 70 सीटों पर चुनावी रथ के ज़रिये लोगों तक पहुंचने का काम किया है। ऐसे में कांग्रेस के तेवर कुछ नर्म दिख रहे हैं।

हांलाकि कांग्रेसी  नेता जे. एस. बाली ऐसा नहीं मानते। उनके मुताबिक “हम चुनावी प्रचार में पीछे नहीं है, हम ग्रास रुट लेवल पर काम कर रहे हैं लोगो से मिलकर उनकी परेशानी भी जान रहे हैं। हमारा मकसद लोगो की समस्याओं का निवारण करना है ना की पैसे का दुरूपयोग करना है। जितने भी पार्टी के बैनर व होर्डिंग लगाए गए है वह सीमित संख्या में है । जबकि बीजेपी की खोखली उपलब्धियों और आरोपों से शहर के तमाम होर्डिंगस पटे पड़े है जिससे से साफ़ जाहिर होता है कि बीजेपी विकास की नहीं दिखावे की राजनीति करती है।” कांग्रेस ने ये भी आरोप लगाया बीजेपी ने सभी 70 विधानसभाओ में डिजिटल वैन दौड़ाकर यह जग जाहिर कर दिया है की उनके पास जनता से सीधे संवाद करने का बिल्कुल भी समय नहीं है जबकि कांग्रेस छोटी छोटी सभाएं कर जनता से सीधी जुड़ रही है। 

उधर बीजेपी ने कांग्रेस पे निशाना साधते हुए बोला की कांग्रेस चुनावी कैंपेन मे पीछे होती जा रही है इसलिए हम पर झूठे आरोप लगा रही है। बीजेपी अपने विशन और उपलब्धियों से लोगों को रू ब रू करने के साथ कांग्रेस की विफलताएं भी गिना रही है।बीजेपी ने कुछ नए अंदाज में चुनावी प्रचार में जुटी है बीजेपी ने इस बार सांस्कृतिक चुनावी रथ का भी प्रयोग कर रही है। इन रथों मे डिजिटल स्क्रीन के माध्यम से कांग्रेस की विफलताओ को दिखाने के साथ साथ नुकड़ नाटक के माध्यम से कांग्रेस सरकार की खामियां व मोदी सरकार की उपलब्धियां बताईं जा रही है। बीजेपी के प्रवक्ता विनय गोयल ने कहा कि “हमारे पास लोगों तक सच को दिखाने के लिए कई माध्यम हैं और उन्हीं के प्रयोग से कांग्रेस के पिछले 5 सालों में उत्तराखंड में भ्र्ष्टाचार को लोगो तक पहुचाया जा रहा है। कांग्रेस के पास ऐसी कुछ उपलब्धियां नही है जो वह लोगो को दिखाएे इसीलिए वह किसी तरह की होर्डिंग व बैनर लगाने में असमर्थ है”  

राजपुर के कांग्रेसी प्रत्याशी राजकुमार ने कहा की ” फिलहाल प्रचार सामग्री काफी कम मिली है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही जरूरत का सामान मिल जायेगा। पार्टी सभी का ख्याल रख रही है लेकिन सामग्री कम होने के कारण काफी परेशानी हो रही है।” बहरहाल 2014 के लोकसभा चुनावों में ये बात साफ हो गई थी कि लोगों तक पहुंचने के लिये तमाम तरह के नये पुराने माध्यमों का इस्तेमाल बढ़ गया है। खासतौर पर उस समय नरेंद्र मोदी के रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर ने ही इन नये तरीको की कमान संभाल रखी थी। अब किशोर कांग्रेस का प्रचार देख रहे हैं लेकिन फिलहाल प्रचार में वो धार नहीं दिख रही है जिसके लिये वो मशहूर हैं।