हल्द्वानी, हल्द्वानी के तीन युवा बाइकर्स मनीष चैधरी, कोविद सडाना व प्रियंक सिंह पूर्णिया लेह लद्दाख की ऑफरोडिंग यात्रा कर वापस लौटे हैं। 18 दिन में बाइकर्स ने 5100 किलोमीटर की यात्रा पूर्ण की । बाइकर्स का अनुभव बेहद रोमांचक रहा जिसमें उन्होंने पेंजिला पास को पार कर एशिया के दूसरे सबसे ऊंचे ग्लेशियर ड्रांग-ड्रुंग नामक ग्लेशियर पर अपनी बाइक चलाई। साथ ही उन्होंने इसी साल खोलें शिंकुला पास (कारगिल क्षेत्र) में भी अपनी बाइक चलाई , जिसकी समुद्री सतह से ऊंचाई 14436 फीट है।
बाइकर्स ने विश्व की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड जो कि 18380 फीट की ऊंचाई पर है , खारडूंगला लेह लद्दाख पर भी बाइक चलाई। कोविद सडाना ने बताया कि ऑफरोडिंग उनका शौक है वह लद्दाख आदि की यात्राएं करके अपने शौक को पूरा करते हैं। बाईकर मनीष चैधरी ने बताया कि उन्हें लंबी यात्राए करना बेहद पसंद है और वह अभी तक भारत के अन्य कई राज्यों व भूटान , नेपाल आदि में बाइक से सफर कर चुके हैं । प्रियंक सिंह पूर्णिया ने बताया कि उन्हें दोनों बाइकर्स का साथ बेहद अच्छा लगा और रोमांचक सफर तय किया। मनीष चैधरी को लंबी यात्रा करना बहुत पसंद है , इससे पहले भारत के लगभग सभी राज्यों में , नेपाल व भूटान आदि का सफर बाइक से कर चुके हैं।
कोविद सडाना को भी बाइकिंग का शौक है और इसी शौक को पूरा करने के लिए यह अक्सर ऐसे दुर्गम पहाड़ी रास्तों में निकल जाते हैं , कोविद ने दारमा , मुनस्यारी , स्पीति , आदि का सफर अपनी बाइक से तय कर लिया है। प्रियंक सिंह पुर्णिया को भी यह शौक है इससे पहले यह स्थिति लद्दाख , किन्नौर और दक्षिण भारत में बाइक की यात्रा कर चुके हैं। तीनों बाइकर्स एक साथ मिलकर अपने इस शौक को पूरा करते हैं और अलग-अलग जगह के रहन-सहन , संस्कृति आदि का अनुभव करते हैं। बाइकर्स का कहना है कि हमारे उत्तराखंड में भी ऑफ रोडिंग के बहुत विकल्प हैं जिसमें धारचूला , पिथौरागढ़ , बद्रीनाथ , पिंडारी बागेश्वर आदि हैं।





















































