66 साल के हुए डिस्को किंग के नाम से मशहूर बप्पी लाहिड़ी

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बॉलीवुड में डिस्को किंग के नाम से मशहूर गायक बप्पी लाहिड़ी बुधवार को 66 साल के हो गए। बप्पी लाहिड़ी का जन्म 27 नवम्बर 1952 को कोलकाता में हुआ। उनके पिता अपरेश लाहिड़ी बंगाली गायक और माता बंसरी लाहिड़ी भी बांग्ला की संगीतकार थीं। घर में संगीत का माहौल होने के कारण बप्पी लाहिड़ी का भी रुझान संगीत की तरफ बचपन से हुआ और उन्होंने तय कर लिया कि वह इस क्षेत्र में किस्मत आजमाएंगे।
19 साल की उम्र में बांग्ला फिल्म ‘दादू’ में उन्हें पहली बार गाने का मौका मिला। इसके बाद बप्पी लाहिड़ी ने बॉलीवुड का रुख किया और मुंबई आ गए।साल 1973 में उन्हें हिंदी फिल्म ‘नन्हा शिकारी’ में गाना गाने का मौका मिला,लेकिन पहचान उन्हें 1975 में आई फिल्म ‘जख्मी’ से मिली। इस फिल्म में उन्हें किशोर कुमार और मोहम्मद रफी जैसे महान गायकों के साथ  ‘नथिंग इज इंपॉसिबल’ गाना  गाने का मौका मिला। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में एक से बढ़कर एक गीत गाए। उनके गाये गीतों में ‘बंबई से आया मेरा दोस्त, आई एम ए डिस्को डांसर, जूबी-जूबी, याद आ रहा है तेरा प्यार, यार बिना चैन कहां रे, तम्मा तम्मा लोगे और ऊ ला ला ऊ लाला…आदि शामिल हैं जो आज भी लोगों की जुबान पर चढ़े हुए हैं। संगीत के अलावा उनकी एक और पहचान हैं ‘सोना’।
बप्पी लाहिड़ी को सोना बहुत पसंद है। वह सोने की मोटी चैन और हाथों में सोने की भारी अंगूठियां पहनते हैं। लोग उन्हें प्यार से ‘बप्पी दा’ भी कहते हैं। वह बॉलीवुड के पहले ऐसे सिंगर है, जिन्होंने अपनी गायकी में रॉक और डिस्को का तड़का लगाकर नए संगीत से रू-ब-रू कराते हुए म्यूजिक को नई दिशा दी और दर्शकों को अपनी धुनों पर झूमने पर मजबूर किया।