पकड़े गये मओवादियों के झारखण्ड कनेक्शन की जांच

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नैनीताल। पचास हजार रुपये के इनामी माओवादी देवेंद्र चम्याल और उसकी महिला मित्र भगवती भोज के झारखंड कनेक्शन की जांच भी पुलिस ने शुरू कर दी है। दोनों की गिरफ्तारी का खुलासा करते हुए कुमाऊं के डीआइजी पीएस रावत और नैनीताल का एसएसपी जन्मेजय खंडूड़ी ने बताया कि दोनों को नेपाल सीमा पर बन रहे पंचेश्वर बांध निर्माण के विरोध के लिए रणनीति बनाते समय पकड़ा गया। पुलिस अब इंटेलीजेंस इनपुट भी खंगाल रही है। यही नहीं, पांच साल तक झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में देवेंद्र के ट्रेनिंग लेने की जांच भी होगी।
दस साल से फरार चल रहे इनामी माओवादी देवेंद्र चम्याल निवासी ग्राम दसाऊं पो. नगरखान पेटशाल (अल्मोड़ा) और उसकी महिला मित्र भगवती भोज निवासी ग्राम लखनाड़ी, सोमेश्वर (अल्मोड़ा) को पुलिस ने चोरगलिया(नैनीताल) क्षेत्र से शनिवार शाम गिरफ्तार किया था। पुलिस व आइबी अधिकारियों ने दोनों से रात में पूछताछ की। रविवार को पुलिस अधिकारियों ने बताया कि देवेंद्र चम्याल 2009 से 2014 तक झारखंड में ट्रेनिंग ले चुका है। 2004 में पुलिस ने हंसपुरखत्ता चोरगलिया में एक माओवादी कैंप का खुलासा किया था। देवेंद्र इसी कैंप से फरार हो गया था। तब उसके खिलाफ नानकमत्ता थाने में राष्ट्र विरोधी गतिविधियां चलाने, आपराधिक षड़यंत्र रचने, प्रतिबंधित साहित्य रखने एवं बांटने का मामला दर्ज किया गया था।
इधर, 2017 में राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान धारी, अल्मोड़ा, सोमेश्वर, चनौदा, द्वाराहाट सहित कई जगहों में माओवादी विचारधारा से संबंधित पंफलेट लगाने व वॉल पेंटिंग लगाने के मामले में भी देवेंद्र व उसके साथियों का नाम सामने आया था। इन दिनों देवेंद्र और उसकी महिला मित्र पंचेश्वर बांध के विरोध में सक्रिय थे। दोनों के पास से संदिग्ध माओवादी साहित्य भी बरामद हुआ था।
एसएसपी खंडूड़ी के मुताबिक देवेंद्र उत्तराखंड में माओवादियों की जोनल कमेटी का सदस्य एवं कूरियर है। पूछताछ में उसने माओवादी खीम सिंह बोरा और भाष्कर पांडेय के संपर्क में होने की बात भी कबूली। एसएसपी के मुताबिक गिरफ्तार माओवादियों को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया, अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया। देवेंद्र को रिमांड पर लेने की तैयारी की जा रही है।