पहाड़ से लेकर मैदान तक शराब का विरोध

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हाईवे पर चल रही शराब की दुकाने और बार बंद होने शुरु तो हो गए, लेकिन पहाड़ से लेकर मैदान तक इनकी शिफ्टिंग का विरोध हो रहा है।गढ़वाल मंडल के ऊखीमठ में शराब की दुकानो के खिलाफ महिलाओं ने मोर्चा संम्भाला हुआ है। महिलाएं ठेका बंद करने को अड़ गई हैं। तीन दिनों से महिलाएं रतजगा कर शराब के खिलाफ मुहिम छेड़ी हुई है।
वहीं केदारनाथ के विधायक मनोज रावत ने इस आंदोलन का समर्थन किया।इधर देहरादून में भी हाईवे से शिफ्ट होने वाली शराब की दुकानों को मोहल्लों में खोलने का विरोध जारी है। सीएम त्रिवेंद्र ने घोषणा कि रेस्ट कैंप में शराब की दुकानें नही खुलेगी।वहीं मेयर व क्षेत्रीय विधायक होने के नाते विनोद चमोली ने लोगो को असश्वसन दिया है।
हालाकि शराब की दुकानें राष्ट्रीय व राज्य राजमार्ग से हटानी है। देहरादून में सबसे ज्यादा शराब की दुकानें हाईवे पर ही हैं । बीते दो दिन से शराब के कारोबारी अपनी दुकानों को शिफ्ट करने में लगे हैं। इसके लिए कॉलोनियों के अंदर दुकाने खोलने का प्रयास किया जा रहा है। जिसका क्षेत्रीय लोग विरोध कर रहे हैं।
शहर के प्रेमनगर-ठाकुरपुर रोड पर शराब की दुकान खुलने पर न्यू कॉलोनी विकास समिति ने विरोध शुरू कर दिया है। समिति से जुड़े लोगो का कहना है कि यह क्षेत्र पहले से ही सुनसान है। ऐसे में यहां पर असुरक्षा का माहौल हो जाएगा। इसलिए दुकान यहां से किसी दूसरी जगह ले जाई जाए।
आबकारी आयुक्त युगल किशोर पंत ने बताया कि जिला आबकारी अफसरों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कड़ाई से पालन करने के साथ ही अवैध शराब पर भी शिकंजा कसने के निर्देश दिए हैं।सुप्रीम कोर्ट ने शराब की दुकानों की शिफ्टिंग पर सिर्फ छोटी नगर पंचायतों को ही राहत दी है। जिन पालिकाओं और नगर पंचायतों में 20 हजार से कम आबादी है, उनमें ही राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग में 220 मीटर के दायरे के बाद दुकाने खुल सकेंगी। दूसरे, 500 मीटर की दायरे का अनुपालन अनिवार्य है।
इन जगहों से शिफ्ट होनी है दुकाने:
राजपुर रोड पर गांधी पार्क से घण्टाघर के बीच दो दुकाने हटनी हैं। आरटीओ के पास भी शराब की दुकान शिफ्ट होनी है। आराघर, शास्त्री नगर, बल्लीवाला चौक, बल्लूपुर चौक, बिंदाल पुल चौक, हरिद्वार बाईपास मार्ग, रायपुर रोड, प्रिंस चौक, सहस्त्रधारा रोड आदि जगहों से दुकाने हटनी हैं।