आजादी के बाद पहली बार इस गांव में पहुंची बिजली

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बिजली
नगर पालिका जोशीमठ की सीमा से सटे और सेलंग ग्रामसभा के रमणीक स्थल गौंख गांव को बिजली के लिए दिन, महीना, साल नहीं दशकों इंतजार करना पड़ा। सड़क यहां अभी भी नहीं है। यहां लोगों के पुश्तैनी मकान और पुरखों की जमीन है। बहुत से लोग सड़क और बिजली के अभाव में पलायन भी कर गए। शुक्रवार शाम यहां बिजली पहुंचने पर लोगों के चेहरे चमक उठे।
गौंख की नई पीढ़ी ने गौंख विकास संघर्ष समिति का गठन कर इस दिशा मे प्रयास शुरू किए थे। उनका संघर्ष रंग लाया। और आजादी के अस्सी वर्ष बीतने के बात शुक्रवा शाम गौंख मे बिजली पंहुची। सीमावर्ती विकास खंड जोशीमठ के नीती गांव के साथ घांघरियां और हेमकुंड साहिब तक भी विद्युतीकरण हो चुका था मगर यह गांव विद्युत विहीन था।
गौंख विकास संघर्ष समिति के अध्यक्ष अनिल नंबूरी, उपाध्यक्ष विराज विष्ट, सुरेन्द्र शाह, विजय सती और आनन्द सिंह पंवार ने कहा है कि बिजली तो आ गई, अब सड़क से गांव जुड़ जाए तो पूरा क्षेत्र फिर आबाद होगा। लोग पुनः खेत खलिहानों की ओर लौट सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि जोशीमठ नगर से सटा गौंख का पूरा क्षेत्र बेहद रमणीक है। यहां पर्यटन की असीम संभावनाएं है। यहां सडक पंहुचाने के लिए औली रोड सुनील से सुनील कुण्ड होते हुए सीधे सडक का निर्माण किया जा सकता है। सुनील वार्ड के निवासियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए जाने की प्रक्रिया स्थानीय युवाओं ने शुरू कर दी है।