मांद में घुसकर बाहर निकालें बदमाशों को: एडीजी

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    प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस मांद में घुसकर बदमाशों को बाहर खींच निकाले। अपराध नियंत्रण का सबसे महत्वपूर्ण तंत्र जनसहयोग है, इसे हासिल कर अपराध और अपराधी की कमर तोड़ डालें।
    एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार मंगलवार को कोतवाली सिविल लाइन में क्षेत्र के सभी थाना प्रभारियों एवं अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ अपराध समीक्षा को लेकर बैठक कर रहे थे। उन्होंने हाल ही में हुई रोड होल्ड अप की घटनाओं को बेहद संगीत मानते हुए थाना प्रभारियों को निर्देशित किया कि इस प्रकार के अपराध पर नियंत्रण बेहद जरूरी है। क्षेत्र में गस्त बढ़ाकर साथ ही संपर्क मार्ग ऊपर विशेष निगरानी रखकर इस प्रकार के अपराधों पर अंकुश लगाया जाए।
    उन्होंने साफ किया कि ऐसे मामलों में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एडीजीपी ने कहा कि पिछले कुछ समय में देखने में आया है कि जनता से पारस्परिक रूप से पुलिस का संवाद कायम नहीं हो पा रहा है। ऐसे में जरूरी है की जनता के साथ संवाद कायम कर अपराध व अपराधी की कमर तोड़ डाली जाए। इस दौरान उन्होंने कहा कि कुर्की की कार्रवाई ओर से प्रभावी ढंग से नहीं कि जा रही है। जिसकी वजह से अपराधियो के हौसले बुलंद है। इसके अलावा पुलिस जमानत पर आए अपराधियो पर निगरानी नही बरत रही है। अपराध रणनीति बदलनी होगी। सत्यापन अभियान ईमानदारी के साथ करना होगा। इस मौके पर एसएसपी केके वीके, एसपी देहात मणिकांत, एसपी सिटी ममता, एसपी अपराध प्रकाश चंद समेत सभी मौजूद रहेाधियों को बाहर खींच निकाले।
    अपराधियों के मन मे हो पुलिस का ख़ौफः
    एडीजी अशोक कुमार ने पत्रकार वार्ता में कहा कि अपराधी के मन मे पुलिस का ख़ौफ होना जरूरी है। उन्होंने सभी सीओ और थाने, कोतवाली के प्रभारियों को चेताया कि अपने क्षेत्र में अपराधियों के भीतर ख़ौफ कायम करें। अपराधियों को गिरफ्तार करें और इसके लिए एक माह का समय अधिकारी को दिया गया है नही तो एक महीने में ऐसे अधिकारी को पद से हटा दिया जाएगा। वहीं एसएसपी और एसपी को निर्देश दिए कि थाने वार बैठे और हर कार्य की समीक्षा करें। उन्होंने कहा अपराधियों के संरक्षण देने वालो पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं उन्होंने कहा कि झगड़ों में मेरिट के बाद ही 151 कि कार्रवाई की जाएगी। जरूरी नही कि ऐसे मामलों में दोनों पक्षो पर कार्रवाई हो।