उत्तराखंड: चीन सीमा तक भारत बना रहा 150 करोड़ की लागत से 16 किलोमीटर सड़क

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लामबगड़
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भारत ने चीन सीमा सुगमता से पहुंचने के लिए अपनी तैयारी कर ली है और इसके लिए उसने उत्तराखंड से चीन सीमा तक सड़कों का जाल बिछाने का रोडमैप भी बना लिया है। यह सड़क उत्तरकाशी जिले के मेडिके से चीन सीमा तक बनायी जाएगी जबकि भैरवघाटी से मेडिके तक करीब 61 किमी मोटर मार्ग एनएच घोषित किया जा चुका है, जो पहले ही तैयार कर लिया गया है।

चीन सीमा पर सड़कों के निर्माण को लेकर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने भारत सरकार को दो प्रस्ताव तैयार किए थे, जिनमें से एक प्रस्ताव को स्वीकृति मिल चुकी है। इस प्रस्ताव के तहत सीमा पर करीब डेढ़ सौ करोड़ की लागत से 16 किमी सड़क का निर्माण किया जाना है। इस सड़क का निर्माण मई से शुरू कर दिया जाएगा। सड़क निर्माण कार्य तीन वर्ष में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। सड़क निर्माण के प्रथम चरण के तहत कटिंग कार्य किया जाएगा।

बीआरओ ने सीमा पर सड़क निर्माण का दूसरा प्रस्ताव भी भेजा है, जिसके तहत करीब 17 किमी सड़क निर्माण किया जाना है। बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि इस प्रस्ताव को भी जल्द स्वीकृति मिलने की संभावना है। स्वीकृति मिलते ही उक्त प्रोजेक्ट पर भी कार्य शुरू कर दिया जाएगा। भैरवघाटी से आगे मोटर मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर दिया गया है।

बीआरओ के मेजर बीनू ने बताया कि भारत माला प्रोजेक्ट के तहत भैरव घाटी से आगे नेलोंग, नागा, अंगार, पीडीए को जोड़ने वाला मार्ग मेडिके (भारत-चीन सीमा) तक एनएच घोषित कर दिया गया है, जिससे अब सोनम से आगे भी मोटर मार्ग डबल लाइन हो जाएगी। इसके साथ ही एनएच होने से भी उक्त पूरे क्षेत्र में लगातार मरम्मत और सुधारीकरण कार्य होते रहेंगे। भैरवघाटी से मेडिके तक करीब 61 किमी मोटर मार्ग एनएच घोषित किया गया है।