विधानसभा के दो दिनी विशेष सत्र में सर्वसहमति से जीएसटी बिल पास कर दिया गया। जीएसटी बिल पास करने वाला उत्तराखंड देश का पांचवा राज्य है। साथ ही आकस्मिकता निधि अधिनियम संसोधन बिल भी पास हुआ। विपक्ष के सुझावों के बीच वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने जीएसटी बिल सदन के पटल पर रखा। उन्होंने कहा कि इसमें केंद्र और राज्य के बीच करों के एकीकरण का प्रावधान है। इससे एकीकृत राष्ट्रीय बाजार की स्थापना भी होगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी के तहत सप्लाई पर कर देयता होगी। जिस राज्य में आपूर्ति होगी, उस राज्य को कर प्राप्त होगा। केंद्र द्वारा लगाए गए कर सीजीएसटी और राज्य के कर को एसजीएसटी कहा जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया कि शराब और पांच पेट्रो पदार्थ जीएसटी से बाहर रहेंगे। वैट, लक्ज़री, गैंबलिंग, सेसे, समेत 17 टैक्स इसमें समाहित होंगे। इसके लिए हर महीने रिटर्न दाखिल करने होगा। इसके दायरे के किसान बाहर रहेंगे। जीएसटी विधेयक पारित होने के बाद नियम और विधिक प्रावधान किए जाएंगे। इसके लिए कार्यशाला आयोजित की जाएंगी। साथ ही विभागों का ढांचा पुनर्गठित होगा।
इस मौके पर विपक्ष ने जीएसटी को लेकर सरकार को सुझाव दिए। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि इस संबंध में उन्हें 11 बैठकों में शामिल होने का मौका मिला। इसमें तय हुआ कि डेढ़ करोड़ तक पर 90 प्रतिशत राज्य को मिलेगा। बाकी राशि पर 50 फीसद का प्रावधान है। सरकार को इसका भी ध्यान रखना चाहिए। विधायक निजामद्दीन ने कहा कि व्यापारियों के दिमाग मे जीएसटी को लेकर एक भय है। उसे निकालने के लिए सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए।




















































