लोकजातः मायके से कैलाश के लिए निकली नंदा की उत्सव डोली पहुंची थराली

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नंदा देवी
मायके नंदाक कुरुड़ से कैलाश यात्रा पर निकली राजराजेश्वरी नंदा देवी का उत्सव डोली बुधवार को अपने पांचवे पड़ाव सुना में अमावस्या की पूजा के बाद थराली होते हुए चेपडो पहुंच गई है। इस दौरान थराली मे यात्रियों का भव्य स्वागत किया।
14 अगस्त को सिद्ध पीठ कुरुड़ से  चलकर विभिन्न पड़ावों को पार कर मंगलवार को रात्रि विश्राम के लिए सुना पहुंची। सुना मे नंदा भक्तों मां नंदा का पुष्प वर्षा कर जयकारों के साथ भव्य स्वागत किया। रात्रि अमावस्या की पूजा के बाद झोड़ा, चचडी व भजन -कीर्तन किये गए।  बुधवार को प्रातः राजराजेश्वरी मां नंदा भगवती का उत्सव डोला सुना से थराली होते हुए चेपडू गांव पहुंच गई हैं। इस दौरान थराली मुख्य बाजार मे मां नंदा व यात्रियों का फूल मालाओं स्वागत किया गया।
पूरे यात्रा रूट पर नंदा भक्तों ने देवी की पूजा अर्चना की गई और क्षेत्र की सुख, समृद्धि की मनौतियां मांगीं। इस बार कोरोना के चलते श्रद्धालुओं ने कई सावधानियों के साथ दर्शन एवं पूजा की। इस यात्रा के दौरान मंदिर समिति कुरूड़ के अध्यक्ष मंसाराम गौड़, देवराडा मंदिर समिति के अध्यक्ष भूवन हटवाल ने नंदा भक्तों से कोरोना संक्रमण को देखते हुए मास्क के साथ ही सामाजिक दूरी बनाते हुए डोली के दर्शन की अपील की है।