एकांतवास के दौरान पौड़ी में हो चुकी हैं तीन मौतें

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पौड़ी
जनपद पौड़ी में एकांतवास के दौरान अबतक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि प्रशासन का कहना है कि उक्त सभी मरीज पूर्व से ही गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे। इसके बावजूद यह तो सच है कि तमाम एकांतवास केंद्रों पर सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। कई एकांतवास केंद्रों पर बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। इसके बावजूद पंचायती राज विभाग का दावा है कि सभी केंद्रों पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। किसी व्यक्ति की तबियत खराब होने पर स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया जाता है।
जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में तीन हजार से अधिक संस्थागत एकांतवास केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर सुविधाओं के अभाव की शिकायत अक्सर यहां रह रहे प्रवासी करते रहे हैं। पूर्व रिखणीखाल क्षेत्र के रेवा गावं में एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी। बुजुर्ग महिला गांव के जूनियर हाईस्कूल में एकांतवास में थी। बुजुर्ग महिला 12 मई को दिल्ली से लौटी थी। गांव में एकांतवास होने के दौरान 17 मई को उसकी मौत हो गई थी। प्रशासन ने महिला की मौत को सामान्य बताया था। बीते 18 मई को बीरोखाल विकासखंड के बिरगणा गांव में एकांतवास के दौरान एक युवक की मौत हो गई थी। युवक गांव के ही पंचायत घर में एकांतवास में था। प्रशासन ने युवक की मौत का कारण अस्थमा की बीमारी बताया था।
अब शुक्रवार को पाबौ विकासखंड के पीपली गांव में भी होम एकांतवास में रह रहे एक व्यक्ति की मौत हो गई। प्रशासन ने मौत का कारण टीबी बताया। जिला पंचायती राज अधिकारी एमएम खान ने दावा किया कि सभी एकांतवास केंद्रों पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। एकांतवास सेंटर पर किसी व्यक्ति की तबियत खराब होती है तो स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया जाता है।