उत्तरकाशी-टिहरी सीमा पर समुद्र तल से 4600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सहस्त्र ताल पर ट्रैकिंग करने गये दल के चार सदस्यों की ठंड के कारण मौत की सूचना आ रही है। जबकि खराब मौसम की वजह से 13 सदस्य अब भी वहां फंसे हुए हैं। दरअसल खबर मौसम के चलते ट्रैकर रास्ता भटक गए थे, जिसके बाद यह हादसा हुआ।
इधर हादसे की खबर मिलते ही जिलाधिकारी डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट ने ट्रैकरों को रेस्क्यू करने के लिए तत्काल मौके पर रेस्क्यू टीम में भेजने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एसडीआरएफ के मुख्यालय से आग्रह करने के साथ ही स्थानीय स्तर से तत्काल रेस्क्यू दलों को रवाना किये जाने के निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी ने एसडीआरएफ के कमांडेंट को पत्र भेजते हुए अवगत कराया है कि अध्यक्ष, ट्रैकिंग ऐजेन्सी, उत्तरकाशी एवं गाइड राजेश ठाकुर ने मंगलवार सांय को अवगत कराया गया है कि हिमालयन व्यू ट्रैकिंग ऐजेंसी, मनेरी के द्वारा मल्ला-सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक पर एक 22 सदस्यीय ट्रैकिंग दल, जिसमें कनार्टक के 18 सदस्य एवं महाराष्ट्र का एक सदस्य और तीन स्थानीय गाइड शामिल थे, को गत 29 मई को सहस्त्रताल के ट्रैकिंग अभियान पर रवाना करवाया गया था। इस ट्रैकिंग दल को आगामी 7 जून तक वापस लौटना था। इसी दौरान गत दिन अंतिम शिविर से सहस्त्रताल पहुंचने के दौरान मौसम खराब होने से यह दल रास्ता भटक गया। सम्बन्धित ट्रैकिंग ऐजेंसी ने खोजबीन करने पर इस दल के चार सदस्यों की मृत्यु होने की सूचना देते हुए ट्रैक में फंसे अन्य 13 सदस्यों का शीघ्र रेस्क्यू किये जाने का अनुरोध किया है।
बतादें कि सहस्त्र ताल ट्रैक भारत के उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित एक लोकप्रिय ट्रैकिंग गंतव्य है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, उच्च ऊंचाई वाली झीलों और हिमालय पर्वतमाला के लुभावने दृश्यों के लिए जाना जाता है। ट्रैक को मध्यम कठिनाई वाला माना जाता है और यह शुरुआती और अनुभवी ट्रैकर्स दोनों के लिए उपयुक्त है। इस ट्रैक को करने का सबसे अच्छा समय मई से जून और सितंबर से अक्टूबर तक है। ट्रेक संकरे गांव से शुरू होता है और तालुका, ओसला, हर-की-दून और जौंधर ग्लेशियर जैसे कई सुरम्य स्थानों से गुज़रता है। अंत में सहस्त्र ताल झील तक पहुंचता है, जो समुद्र तल से 4600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।





















































