दूसरे राज्यों में फंसे अबतक 34 हजार प्रवासी उत्तराखंड लाए गए

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एसडीआरएफ
लॉक डाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे उत्तराखंड के करीब 34 हजार लोग अबतक राज्य में वापस लाए जा चुके हैं। इसके अलावा सूरत से एक ट्रेन 1207 लोगों को लेकर रवाना हुई, जो रात में काठगोदाम रेलवे स्टेशन पहुंची। राज्य में आने के लिए अभी तक विभिन्न राज्यों में फंसे उत्तराखंड के कुल 1.93 लाख लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। इस बीच अभी तक उत्तराखंड में फंसे दूसरे राज्यों के 8 हजार 687 लोग यहां से भेजे जा चुके हैं। यह जानकारी  सरकारी प्रवक्ता ने सोमवार को यहां दी।
सरकारी प्रवक्ता ने  बताया कि लॉक डाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे उत्तराखंड आने के इच्छुक 1 लाख 93 हजार 64 लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। इनमें से 10 मई तक 34 हजार 409 लोग वापस उत्तराखंड आ चुके हैं। इनमें हरियाणा से 13 हजार 299, चंडीगढ़ से 6 हजार 841, उत्तर प्रदेश से 6 हजार 336, दिल्ली से 2 हजार 999, राजस्थान से 2 हजार 464, पंजाब से 1007, गुजरात से 813 तथा अन्य राज्यों से 650 लोग उत्तराखंड पहुंच चुके हैं। इसी तरह उत्तराखंड से दूसरे राज्यों को जाने के लिए कुल 28 हजार 94 लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। 10 मई तक उत्तराखंड से अन्य राज्यों के लिए 8 हजार 687 लोग रवाना हो चुके थे। इनमें उत्तर प्रदेश के लिए 4 हजार 923, जम्मू के लिए 1 हजार 269, राजस्थान के लिए 922, दिल्ली के लिए 539, पश्चिम बंगाल के लिए 263, हरियाणा के लिए 214, पंजाब के लिए 210 और अन्य राज्यों के लिए 347 लोग शामिल हैं। इसके अलावा उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों में दूसरे जनपदों को आने जाने वाले कुल 45 हजार 749 लोग हैं।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि 11 से 15 मई के बीच उत्तर प्रदेश से 5000 लोगों को आने के लिए पास जारी किए गए हैं। सोमवार सुबह 4 बजे सूरत से काठगोदाम के लिए स्पेशल रेलगाड़ी से 1207 यात्री रवाना हो चुके हैं, जो रात 9:45 बजे काठगोदाम पहुंचेंगे। इसके अलावा पुणे से हरिद्वार स्पेशल रेलगाड़ी से 1206 लोग मंगलवार को अपराह्न में हरिद्वार पहुंचेंगे। इसके अलावा कर्नाटक, गुजरात और तेलंगाना आदि राज्यों से फंसे हुए व्यक्तियों को रेल से लाने हेतु प्रक्रिया गतिमान है जबकि राजस्थान से लगभग 1200 यात्रियों काे बसों द्वारा उत्तराखंड लाया जाना प्रस्तावित है। उत्तराखंड आने वाले समस्त प्रवासी व्यक्तियों को जो अपने स्वयं के वाहन से उत्तराखंड आना चाहते हैं, को तेजी से ई-पास जारी किये जा रहे हैं।