नामामि गंगे की कुल 21 परियोजनाएं स्वीकृत

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देहरादून, प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने  नई दिल्ली में केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से भेंट कर उन्हें मंत्रालय संभालने की बधाई दी। इस दौरान उन्होंने नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत केंद्र को भेजे गए विभिन्न प्रस्तावों को जल्द स्वीकृत करने का अनुरोध किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि गंगा नदी की निर्मलता व अविरलता भारत सरकार व उत्तराखण्ड सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। उन्होंने शेखावत से अनुरोध किया कि नमामि गंगे योजना में केंद्र सरकार को भेजे गए प्रस्तावों की स्वकृति के लिए मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देशित करें। इस पर केंद्रिय मंत्री ने जल्द से जल्द पहल करने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री शेखावत से सिंचाई विभाग के अंतर्गत उत्तराखण्ड राज्य की केन्द्र पोषित निर्माणाधीन योजनाओं को पूर्ण करने के लिए अवशेष धनराशि 142 करोड़ 52 लाख रुपये व लघु सिंचाई विभाग की केन्द्र पोषित योजनाओं को पूर्ण करने के लिए अवशेष धनराशि 63 करोड़ 57 लाख रुपये यथाशीघ्र अवमुक्त करने की मांग की। साथ ही लघु सिंचाई विभाग के अंतर्गत क्रियान्वित योजनाओं को पूर्ण कराए जाने की समयावधि 31 मार्च 2020 तक विस्तारित करने का भी अनुरोध किया।
उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड के केदारपुरी क्षेत्र में 67 करोड़ 64 लाख रुपये की लागत से सीवेज प्रबंधन, गंगा की सहायक नदियों सुसवा, कोसी, ढ़ेला, कल्याणी, भेला, पिलाखर, नन्दौर व किच्छा में गिरने वाले नालों के प्रदूषित जल के उपचार के लिए 545 करोड़ 14 लाख रुपये की लागत की आठ परियोजनाएं, काशीपुर आईएण्डडी व एसटीपी की 97 करोड़ 79 लाख रुपये लागत की परियोजना, केदारनाथ यात्रा के दृष्टिगत महत्वपूर्ण 21 करोड़ 62 लाख रुपये लागत की गौरीकुण्ड सीवेज परियोजना, अगस्तमुनि की 27 करोड़ 17 लाख रुपये लागत की आईएंडडी व एसटीपी परियोजना व शारदा नदी में हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए 43 करोड़ 49 लाख रुपये लागत की टनकपुर सीवेज आईएंडडी व एसटीपी परियोजना शामिल हैं।
नामामि गंगे की कुल 21 परियोजनाएं स्वीकृत
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में नमामि गंगे के अंतर्गत प्रथम चरण में गंगा नदी में विभिन्न नालों व सीवर के पानी से हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए उत्तराखण्ड राज्य के चिन्हित 15  नगरों में 1005.11 करोड़ लागत की कुल 21 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इसके सापेक्ष वर्ष 2017-18 में स्वीकृत की गई 18 योजनाओं में से 08 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं और 06 योजनाएं अगस्त 2019 व तीन योजनाएं दिसम्बर 2019 तक तथा एक योजना फरवरी 2020 तक पूरी कर ली जाएंगी। इसी प्रकार वर्ष 2018-19 में स्वीकृत की गई 03 योजनाओं के संबंध में निविदा प्रक्रिया गतिमान है। इन प्राथमिकता के नगरों में चिन्हित 135 नालों में से 70 नालों को टैप किया जा चुका है और शेष 65 नालों में 61 नालों के लिए इंटरसेप्शन एंड डाइवर्जन की योजनाएं नमामि गंगे परियोजना के तहत स्वीकृत की गई है। इनमें से भी 30 नालों को टैप किया जा चुका है।