पहाड़ की लाइफ लाइन मानी जाने वाली 108 सेवा की हालत खराब

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गोपेश्वर, उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों की स्वास्थ्य सेवा में लाइफ लाइन मानी जाने वाली 108 स्वास्थ्य सेवा खराब चल रही है। मेंटीनेंस के अभाव में चमोली और रुद्रप्रयाग की 108 सेवा के छह वाहन श्रीनगर वर्कशाॅप में खड़े हैं।

सीमांत चमोली जिले में 108 सेवा स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए संजीवनी का कार्य करती है। सेवा के सुचारु संचालन के लिए चमोली जिले में ग्यारह 108 वाहनों की तैनाती की गई है लेकिन मेंटीनेंस के अभाव में चमोली, जोशीमठ, आदिबदरी, नंदप्रयाग, और नारायाणबगड़ में तैनात 108 वाहन मेंटीनेंशन के अभाव में श्रीनगर (गढ़वाल) में वर्कशॉप में खड़े हैं। रुद्रप्रयाग का भी एक वाहन मेंटीनेंस न होने के कारण सेवाएं नहीं दे पा रहा है।

वर्कशॉप संचालक सौरभ पडियार का कहना है कि, “जीवीके कंपनी की ओर से 108 वाहनों के मेंटीनेंस का विगत वर्ष के जुलाई माह से करीब दस लाख की धनराशि का भुगतान नहीं किया गया है। कई बार कंपनी के अधिकारियों से भुगतान की मांग किये जाने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ है। लिहाजा अब वर्कशॉप में आए वाहनों का मेंटीनेंस तत्काल कर पाना संभव नहीं है।

इधर, 108 सेवा के जिला समन्वयक यशवंत नेगी का कहना है कि, “चारधाम यात्रा को देखते हुए लोगों को तत्काल स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए खुशियों की सवारी वाहन को उपयोग में लाया जा रहा है। जल्द ही वाहनों की मेंटीनेंस करवा दी जाएगी। चारधाम यात्रा को देखते हुए अलग से दो वाहनों की व्यवस्था भी की गई है।”

उधर उत्तराखंड स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की महानिदेशक ने भी अपने चमोली दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए 108 सेवाओं को चुस्त दुरूस्त करने की बात कही थी। साथ ही कहा था कि शासन स्तर पर 108 वाहनों के नये 62 वाहनों की निविदा निकाली गई है। जल्द ही पर्वतीय जिलों को 108 सेवा सुलभ हो जाएगी।