एक सितम्बर से 15 अक्टूबर तक चलेगा वोटर सत्यापन कार्यक्रम

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देहरादून, सचिवालय में  आयोजित कार्यक्रम में मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने उत्तराखण्ड में ‘वोटर सत्यापन कार्यक्रम (ई.वी.पी)’ का शुभारम्भ किया। उन्होंने बताया कि भारत निवार्चन आयोग एक सितम्बर से 15 अक्टूबर तक वोटर सत्यापन कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इस अभियान में मतदाता सूचियों को 100 प्रतिशत सत्यापित व त्रुटिरहित करना है।
एक सितम्बर से प्रारम्भ हुए इस अभियान में वोटर कार्ड में दर्ज अपने और अपने परिवार के विवरण की जांच कर प्रमाणित किया जा सकता है। इससे निर्वाचक नामावली को 100 प्रतिशत त्रुटिरहित बनाया जा सकता है। इस अभियान में लाॅजिकल त्रुटियां व डुप्लीकेट त्रुटियां भी दूर की जाएंगी। आनलाइन www.nvsp.in पर भी त्रुटियां दूर कराई जा सकती हैं।
मतदाता सूची में परिवर्तन के लिए आवश्यक अभिलेखों की जानकारी देते हुए मुख्य निवार्चन अधिकारी ने बताया कि इंडियन पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, शासकीय/अशासकीय कार्मिकों का पहचान पत्र, बैंक पासबुक, किसान पहचान पत्र, पैन कार्ड, एनपीआर के अंतर्गत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, नवीनतम पानी,टेलीफोन,बिजली,गैस कनेक्शन का बिल, इनमें से कोई भी एक पहचान दस्तावेज अपलोड करें। भविष्य में सेवाएं प्राप्त करने के लिए मोबाइल नम्बर व ईमेल अंकित करें।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि पंजीकृत मतदाताओं के लिए स्थायी लाॅग-इन की सुविधा दी गई है। मोबाइल नम्बर उपलब्ध कराने पर नियमित एसएमएस आधारित सूचना अलर्ट मिल सकेंगे। बीएलओ से व्यक्तिगत सम्पर्क किया जा सकता है। मतदाता की अनुमति के बिना कोई विलोपन नहीं होगा। एक साथ रहने वाले परिवार को एक ही मतदेय स्थल पर रखा जाएगा। अधिक जानकारी के लिए वोटर हेल्पलाइन नम्बर 1950 पर काॅल किया सकता है, वोटर हेल्पलाइन मोबाइल एप का उपयोग भी किया जा सकता है। मतदाता सुविधा केंद्र भी बनाए गए हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि एक जनवरी 2020 तक 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले इसमें अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। मतदाता सत्यापन अभियान के बाद 15 अक्टूबर को निर्वाचक नामावली प्रकाशित की जाएंगी। इस पर 15 दिसम्बर तक कोई शिकायत होने पर दर्ज कराई जा सकती है। इन आपत्तियों का निस्तारण करते हुए एक जनवरी 2020 को नयी निर्वाचक नामावली प्रकाशित की जाएगी।